लेखापरीक्षा कार्यक्षेत्र में निम्नानुसार आठ समूहों में वर्गीकृत, केरला सरकार के तहत सभी विभाग/ अभिकरण/ सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम/ स्वायत्त निकाय, सरकारी कंपनियां, कारपरेशन तथा विभागीय उपक्रम, केरला रोड ट्रांसपोर्ट कारपरेशन व केरला स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड आदि शामिल है ।
क्र सं | एकक | संख्या |
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1 | विभाग | 18 |
2 | सांविधिक निगम | 3 |
3 | स्वायत्त निकाय/सा.क्षे.उ. | 135 |
लेखापरीक्षा के प्रकार निम्नानुसार है:
- वित्तीय लेखापरीक्षा: यह इस तथ्य पर संकेंद्रित करती है कि क्या लेखापरीक्षित हस्ती द्वारा तैयार किए गए वित्तीय विवरण सही और उचित दृष्टि प्रदान करते हैं या नहीं । यह लेखापरीक्षित हस्ती द्वारा प्रस्तुत किए जाते वित्तीय विवरणों के जांच एवं सत्यापन करके उन वित्तीय विवरणों का महत्वपूर्ण मिथ्याकथनों से मुक्त हो य नहीं या लेखापरीक्षित हस्ती के वित्तीय निष्पादन व स्थिति का विश्वसनीय ढंग से प्रतिनिधान करते हो या नहीं इस पर एक वृत्तीय राय देने में उपलब्ध होता है ।
- अनुपालन लेखापरीक्षा: यह इस पर संकेंद्रित करती है कि एक विशिष्ट विषय-वस्तु मानदण्ड के अनुपालन में है या नहीं । अनुपालन लेखापरीक्षण, कार्यकलाप, वित्तीय संव्यवहार तथा सूचना आदि सभी महत्वपूर्ण पहलुओं से, लागू प्राधिकरणों जिसमें संविधान, अधिनियम, कानून, नियम व विनियम, बजटीय संकल्प, नीति, संविदा, करार, संस्थापित संहिता, मंजूरियां, आपूर्ति आदेश, सहमत शर्तें एवं निबंधन या ठोस सार्वजनिक क्षेत्र वित्तीय प्रबंधन तथा सरकारी अधिकारियों को शासित करनेवाले सामान्य सिद्धांत आदि के मूल्य निर्धारण द्वारा निष्पादित किया जाता है ।
- निष्पादन लेखापरीक्षा: यह इस पर संकेंद्रित करती है कि क्या व्यवधान, कार्यक्रम तथा संस्थाएं मितव्ययिता, दक्षता तथा प्रभावकारिता के सिद्धांतों के अनुरूप निष्पादन करते हैं या नहीं और क्या सुधार की गुंजाईश है या नहीं । उचित मानदण्डों से तुलना करके निष्पादन की जांच की जाती है और उन मानदण्डों से व्यतिचलन के कारण और अन्य समस्याओं का विश्लेषण किया जाता है । इसका लक्ष्य मुख्य लेखापरीक्षा प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करना है और सुधार हेतु सिफारिश प्रदान करना है ।