विधान मण्‍डल के समक्ष प्रस्‍तुत किए जाने के पश्‍चात्,  केरला लेजिस्‍लेटीव असेंब्‍ली में रूल्‍स ऑफ प्रोसीजियर एंड कोण्‍डक्‍ट ऑफ बिसिनस नियमावली के नियम 173 से 203 तक के अंतर्गत नियुक्‍त विधायी समितियों को लेखापरीक्षा रिपोर्टें संदर्भ‍ित की जाती है । समिति द्वारा लेखापरीक्षा रिपोर्टों की सभी पैराग्राफों पर चर्चा की जाती है ।     

केरला में विभि‍न्‍न लेखापरीक्षा रिपोर्टों पर विचार करने के लिए तीन विधायी समितियां हैं वे हैं लोक लेखा समिति (लो ले स), सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम समिति (सा.क्षे.उप.समिति) एवं स्थानीय निधि‍ लेखा समिति (स्‍था.नि.ले.स.) ।

लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति द्वारा राजस्‍व क्षेत्र और आर्थ‍िक क्षेत्र, सामान्‍य एवं सामाजिक क्षेत्र, राज्‍य वित्‍तों पर लेखापरीक्षा रिपोर्टों में अंतर्विष्‍ट सभी पैराग्राफों पर चर्चा की जाती है ।

केरला सरकार, वित्‍त मंत्रालय द्वारा जारी अनुदेशों के अनुसार सभी सरकारी विभागों के लिए अनि‍वार्य है कि राज्‍य विधान मण्‍डल में लेखापरीक्षा रिपोर्ट के प्रस्‍तुतीकरण की तारीख से एक महीने की अवधि‍ के भीतर सभी लेखापरीक्षा रिपोर्टों पर महालेखाकार (म ले) को और लो.ले.स. को कि‍ए गए उपचारी उपाय विवरण (आर एम टी) प्रस्‍तुत करें ।   

आर.एम.टी के आधार पर महालेखाकार द्वारा आर.एम.टी/ सरकार के उत्‍तर पर उनकी टिप्‍पणि‍यों को समाविष्‍ट करते हुए महत्‍वपूर्ण मुद्दों का ज्ञापन (एम आई पी)तैयार करते हैं और लो.ले.स/ सा.क्षे.उप.समिति को उनके द्वारा लेखापरीक्षा पैराग्राफों की चर्चा के समय उपयोग किए जाने के लिए अग्रेषि‍त करते हैं ।

लो.ले.स. के द्वारा लेखापरीक्षा पैराग्राफों की चर्चा के समय, सरकार के संबंधि‍त सचिव और विभागाध्‍यक्ष को समिति के समक्ष गवाह के रूप में उपस्‍थि‍त होना होगा ।  

लो.ले.स. के विचार-विमर्शों में उनकी सहायता करने के लिए बैठकों में महालेखाकार भी उपस्‍थि‍त होंगे ।

चर्चा की समाप्‍त‍ि पर लो.ले.स/ सा.क्षे.उप.समिति अपनी सिफारिशों को शामिल करते हुए मसौदा रिपोर्ट तैयार करेंगी और अक्षरश: कार्रवाईयों के साथ-साथ उसे सत्‍यापन के लिए महालेखाकार को अग्रेषि‍त करेंगी ।

सत्‍यापित रिपोर्ट लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति को अग्रेषि‍त की जाएगी और लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति के सदस्‍यों तथा महालेखाकार के प्रतिनिधि‍यों की बैठक में उसको अंतिम रूप दिया जाएगा जिसमें सिफारिशों की पुन-जांच जाएगी और मुद्रण एवं विधान मण्‍डल में प्रस्‍तुतीकरण हेतु अग्रेषि‍त की जाएगी  ।

विधान मण्‍डल में लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाते ही विधान मण्‍डल सचिवालय द्वारा संबंधि‍त विभागों को क्रि‍यान्‍वयन एवं अनुपालन के लिए समिति की सिफारिशें सूचित की जाएगी ।  

लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति सिफारिशों पर की गयी कार्रवाई विवरण की तीन प्रतियां संबंधि‍त विभागों  द्वारा महालेखाकार को जांच हेतु रिपोर्ट की जाएगी और जांच की गयी रिपोर्ट की दो प्रतियां विभागों को वापस की जाएगी । विभाग को लाल स्‍याही से किए गए संशोधनों को और महालेखाकार द्वारा मांगे गए अतिरिक्‍त ब्‍योरों को समाविष्‍ट करते हुए कार्रवाई विवरण की 40 अंतिम प्रतियां प्रस्‍तुत करनी पडेगी । अंतिम प्रतियां समिति को प्रस्‍तुत करने के लिए विधायी सचिवालय को प्रदान की जाएंगी ।      

लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति द्वारा महालेखाकार के प्रतिनिधि‍ की मौजूदगी में कार्रवाई विवरण की चर्चा की जाती है और संतोषजनक पाए जाने की स्‍थि‍ति में समिति द्वारा लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति सिफारिशों पर की गयी कार्रवाई विवरण को स्‍वीकृत किया जाएगा । यदि कार्रवाई विवरण संतोषजनक नहीं हो या विषय पर अतिरिक्‍त स्‍पष्‍टीकरण आवश्‍यक हो तो लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति अतिरिक्‍त   सिफारिशें करेंगी और संबंधि‍त विभागों को अनुपालनार्थ उसकी सूचना दी जाएगी । यह प्रक्रि‍या तब तक जारी रहेगी जब तक लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति द्वारा विभागों के कार्रवाई विवरण स्‍वीकृत किया जाता हो ।    

लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति  के मसौदा कार्रवाई रिपोर्ट (डी ए टी आर) महालेखाकार को सत्‍यापन के लिए अग्रेषि‍त की जाएगी और लो.ले.स./ सा.क्षे.उप.समिति और महालेखाकार की बैठक में सत्‍यापित रिपोर्ट, संपूर्ण संवीक्षा के पश्‍चात् मुद्रण के लिए भेजी जाएगी और यह प्रक्रि‍या जारी रहेगी ।

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