पेंशन की जानकारी
- पेंशन कार्य के बारे में
- पेंशन की श्रेणियां
- पारिवारिक पेंशन
- जिम्मेवार प्राधिकारी
- पेंशन का इतिहास /पृष्ठभूमि
- पेंशन कागजातों की प्रक्रिया हेतु मानक दिशानिर्देश
- पेंशन आवेदन की प्रक्रिया
- पेंशन के लिए क्या करें एवं क्या न करें
- पेंशन का प्राधिकरण
- पेंशन के वर्ग
- जाँच सूची - पेंशन
- अगले 2 वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों की सूची
15 नवम्बर 2000 को अलग झारखण्ड राज्य की स्थापना के बाद, इस कार्यालय ने प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी ) झारखण्ड ,राँची के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया I पेंशन प्राधिकार का कार्य रांची में स्थान्तरित होने तक महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी )बिहार, पटना के कार्यालय ने झारखण्ड सरकार के सेवानिवृत्त/ मृत कर्मचारियों के पेंशन हितों को प्राधिकृत किया I
फ़रवरी 2003 में झारखण्ड राज्य के अराजपत्रित कर्मचारियों के पेंशन प्राधिकरण के मामले प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) झारखण्ड ,राँची के कार्यालय में स्थान्तरित किये गए एवं इस कार्यालय ने 03/02/2003 से अराजपत्रित कर्मचारियों के पेंशन एवं राजपत्रित पेंशन को 13/10/2006 से प्राधिकृत करना प्रारंभ किया I
सिर्फ 2016 से पहले के मामलों में जिनका आवक ज्यादा है , इस कार्यालय द्वारा हर महीने की 15 तारीख तक प्राप्त सभी पेंशन मामलों को महीने की अंतिम तारीख तक निष्पादित कर दिया जाता है एवं हर महीने की 16 तारीख से महीने के अंतिम तारीख तक प्राप्त पेंशन मामलों का अगले महीने की 15 तारीख तक निष्पादन कर दिया जाता है I
लेकिन इस कार्यालय को पेंशन का प्राधिकरण करने में कठिनाई आ रही है जहाँ पेंशन मामले, पेंशन संस्वीकृति पदाधिकारी द्वारा इस कार्यालय को अपूर्ण अवस्था में प्रेषित किये जा रहे हैं I परिणामस्वरूप, पेंशन मामले ससमय तैयार नहीं किये जा पा रहे हैं I यद्यपि झारखण्ड सरकार द्वारा प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी ), झारखण्ड, रांची को पेंशन कागजातों को समय पर जमा करने पर बल दिया गया है I कार्यालय प्रमुख द्वारा, सरकरी सेवक के सेवानिवृत्ति के 18 महीने पहले से पेंशन कागजातों पर प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए एवं पूर्ण अवस्था में सेवानिवृत्ति के 06 महीने तक प्रेषित कर देना चाहिए I
पेंशन मामलों /परिवार पेंशन मामलों के शीघ्रता पूर्वक निपटारे के लिए , पेंशन संस्वीकृति पदाधिकारियों के लिए पेंशन मामलों को प्रधान महालेखाकार ( लेखा एवं हकदारी ), झारखण्ड, रांची में प्रेषित करने से पहले निम्निलिखित दिशानिर्देशों को जाँच सूची के साथ दर्शाया जा रहा है
क्या करें | क्या न करें |
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योजना सह वित्त विभाग , झारखण्ड सरकार के ज्ञापांक संख्या 2369, दिनांक 13/07/2017 के आलोक में ई-पेंशन पोर्टल की शुरुआत के फलस्वरूप, सभी पेंशन आवेदन की प्रक्रिया ई-पेंशन पोर्टल के माध्यम से होनी चाहिए I | महालेखाकार कार्यालय को प्रेषित ऑफलाइन पेंशन मामलों को योजना सह वित्त विभाग , झारखण्ड सरकार के ज्ञापांक संख्या 1564, दिनांक 29/06/2018 के आलोक में वापस किया जा रहा है I वैसे, महालेखाकार कार्यालय को ऑफलाइन पेंशन मामलों का प्रेषण करने से बचना चाहिए I |
सरकारी सेवक के सेवानिवृत्त होने से 18 महीने पहले अग्रिम रूप से पेंशन आवेदन को ऑनलाइन प्राप्त करना चाहिए I कार्यालय प्रमुख को सेवा पुस्तिका, इत्यादि में किसी भी प्रकार से पूर्णता में किसी कमी, यदि कोई हो तो उसको सही कर लेना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि महालेखाकार कार्यालय में पेंशन आवेदन को सेवानिवृत्ति के 6 महीने पहले के पहले भेजी जा सके I | कार्यालय प्रमुख को सेवा पुस्तिका, इत्यादि,में किसी भी प्रकार से पूर्णता में किसी कमी, यदि कोई हो तो उसको अग्रिम रूप से सही कर लेना सुनिश्चित करना चाहिए I ताकि पेंशन मामले वापस न भेजे जाए एवं समझोते में देरी न हो इसलिए अपूर्ण अवस्था में इन्हें नहीं प्रेषित किया जाना चाहिए I |
कार्यालय प्रमुख को पेंशन मामलों को प्रधान महालेखाकार ( लेखा एवं हकदारी ), झारखण्ड, रांची को अग्रिम में सेवानिवृत्ति से 6 महीने पहले तक प्रेषित कर देना चाहिए I | सेवानिवृत्ति के बाद, बिना विलम्ब के कारणों को बताते हुए लगभग 90 प्रतिशत पेंशन मामले 2 महीने से 5 साल तक की देरी से प्राप्त होते हैं I प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी ),झारखण्ड, रांची को सेवानिवृत्ति के 6 माह बाद के किसी भी मामले को बिना विलम्ब के कारणों को बताये हुए प्रेषित नहीं किया जाय I |
ई–पेंशन पोर्टल में पेंशन मामलों की सभी जरुरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद , कार्यालय प्रमुख , सेवानिवृत सरकारी सेवकों के पेंशन मामलों को प्रधान महालेखाकार ( लेखा एवं हकदारी ), झारखण्ड, रांची को सेवानिवृत्ति से 6 महीने पहले तक निम्निखित दस्तावेजों के साथ प्रेषित करना चाहिए :- 1. सेवा पुस्तिका ( पूर्ण अवस्था में ) 2. पूर्ण अवस्था में ऑनलाइन पेंशन आवेदन की 02 सेट हार्ड प्रतियाँ 3. सक्षम पदाधिकारी से मांग सहित /मांग रहित प्रमाणपत्र 4. राजपत्रित पेंशन भोगिओं के दीर्घकालिक अग्रिम के मामलों में महालेखाकार कार्यालय द्वारा जारी मांग सहित/मांग रहित प्रमाणपत्र जैसे – गृह निर्माण अग्रिम/ मोटर कार अग्रिम /विवाह एवं विवध I 5.लोक निर्माण कार्य विभाग द्वारा सरकरी आवास के अधिग्रहण /खाली करने से संबंधित प्रमाणपत्र 6. अंतिम वेतन प्रमाणपत्र 7. राजपत्रित अधिकारी के सम्बन्धमें सेवा इतिहास, जिनका वेतन पर्ची वित्त विभाग द्वारा जारी किया जाता है I 8. सक्षम पदाधिकारी द्वारा सत्यापित की गई संयुक्त फोटोग्राफ की 03 प्रतियाँ I 9. लापता सरकारी सेवक के लिए,पेंशन कागजातों के साथ FIR की प्रति एवं पुलिस रिपोर्ट जरुरी रूप से संलग्न होना चाहिए I 10. दिवंगत सरकारी सेवक के नाबालिग पुत्र /पुत्री के मामले में, न्याय की अदालत से अभिभावक प्रमाणपत्र जमा किया जाना चाहिए I | यदि पेंशन कागजातों के साथ बायीं तरफ अंकित दस्तावेजों में से कोई भी संलग्न या प्राप्त नहीं हो, यह अपूर्ण अवस्था में माना जायेगा एवं सम्बंधित विभाग में अनुपालन के लिए वापस भेज दिया जायेगा I ऐसे अपूर्ण मामलों के निष्पादन में हुई देरी के लिए कार्यालय प्रमुख जिम्मेदार होंगे I 1. सेवा पुस्तिका क – यदि सेवा पुस्तिका डुप्लीकेट या पुनर्गठित है , सेवा पुस्तिका के ऐसे किसी भी पुनर्गठन की उच्च प्राधिकारों से मंजूरी को सेवा पुस्तिका में दर्ज होना चाहिए एवं ऐसे किसी भी आदेश की प्रति सेवा पुस्तिका के अग्र भाग में चिपकाया जाना चाहिए , अन्यथा मामले को वापस कर दिया जायेगा I ख – सेवा पुस्तिका में यदि सरकारी सेवक के नाम, जन्म तिथि , नियुक्ति की तिथि , सेवानिवृत्ति/मृत्यु की तिथि,अंतिम वेतन ,वेतन लेवल , इत्यादि ऑनलाइन पेंशन कागजातों से भिन्न जमा होती है तो यह अपूर्ण मामला माना जायेगा एवं वापस कर दिया जायेगा I ग – यदि सेवा पुस्तिका में जन्म तिथि में बदलाव बिना सत्यापन के पाया जाता है या गड़बड़ पाया जाता है साथ में नियुक्ति तिथि गड़बड़ पाया जाता है तो ऐसे मामलों को अनुपालन हेतु तुरन्त वापस कर दिया जायेगा I घ – मृत्यु/सेवानिवृत्ति तिथि सेवा पुस्तिका में उचित सत्यापन के साथ दर्ज होना चाहिए , अन्यथा इन्हें वापस कर दिया जायेगा I ङ- सरकारी सेवक की अनुपस्थिति अवधि को स्वीकार्य छुट्टी प्रदान कर नियमितीकृत करना चाहिए Iअन्यथा , मामले को अपूर्ण आकर में माना जायेगा I च- सेवा पुस्तिका में निलंबन की अवधि, यदि कोई है , को दर्ज करना चाहिए स्पष्ट टिपण्णी के साथ कि यह पेंशन के लिए गिना जायेगा या नहीं I छ- वेतन आयोगों द्वारा वेतन निर्धारण एवं ACP/MACP प्रदान करते समय जिला लेखे पदाधिकारी द्वारा पुनरीक्षित होना चाहिए एवं सेवानिवृत्ति /मृत्यु की तिथि तक वेतन का विनियमतिकरण होना चाहिए I जिला लेखे पदाधिकारी द्वारा पुनरीक्षित नहीं होने पर अपूर्ण आकर की तरह वर्ताव किया जायेगा I 2. ऑनलाइन पेंशन आवेदन की हार्ड प्रति पूर्ण आकर में होनी चाहिए I क – ऑनलाइन पेंशन आवेदन के पृष्ठ संख्या 7 अर्थात् वर्णात्मक रोल पूर्ण आकर में होनी चाहिए , अर्थात् (i) सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत रूप से सत्यापित संयुक्त फोटोग्राफ I (ii) सरकारी सेवक का नमूना हस्ताक्षर सक्षम प्राधिकारी द्वारा सत्यापित होना चाहिए I (iii)पृष्ठ संख्या 7 निकासी एवं संवितरण अधिकारी के साथ साथ संस्वीकृत प्राधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित होना चाहिए I ख – बच्चों के वैवाहिक स्थिति जरूर से परिवार के विवरणी में दर्ज होनी चाहिए I ग – दो पत्नियों के मामले में , पहली पत्नी एवं बच्चों एवं दूसरी पत्नी एवं बच्चों की विवरणी परिवार की सूची में दर्ज होनी चाहिए I घ – ऑनलाइन पेंशन आवेदन के पृष्ठ संख्या 8 जहाँ संस्वीकृति प्राधिकारी पेंशन लाभों को संस्वीकृति प्रदान करता है , पूर्ण आकार में होना चाहिए एवं संस्वीकृति प्राधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित होना चाहिए I ङ- ऑनलाइन पेंशन कागजातों में बिना अहर्क सेवा का उल्लेख होना चाहिए I च- सरकारी सेवक को औपबंधिक पेंशन या DCRG का यदि भुगतान किया गया है तो ऑनलाइन पेंशन आवेदन में जरूर से दर्ज होना चाहिए I |
ई पेंशन पोर्टल के माध्यम से पेंशन आवेदनों की प्रक्रिया में कार्यालय प्रमुख को सतर्क रहना चाहिए I सेवा पुस्तिका एवं ऑनलाइन पेंशन आवेदन की मूल प्रति को महालेखाकार कार्यालय प्रेषित करने से पहले कार्यालय प्रमुख को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मामला इलेक्ट्रानिकली सफलतापूर्वक ई पेंशन पोर्टल में महालेखाकार कार्यालय में प्रेषित किया जा चुका है I | ई- पेंशन पोर्टल में ऑनलाइन पेंशन आवेदन की प्रक्रिया को संस्वीकृति प्राधिकारी के स्तर पर निम्नलिखित प्रक्रियात्मक खामियों के मामलों में अपूर्ण आकर में माना जायेगा – (i)पोर्टल पर अनुपलब्ध (अर्थात् महालेखाकार कार्यालय में पेंशन मामलों की हार्ड प्रति प्राप्त, लेकिन ई- पेंशन पोर्टल में अनुपलब्ध मामले ) (ii) लंबित निकासी एवं संवितरण अधिकारी (अर्थात् महालेखाकार कार्यालय में पेंशन मामलों की हार्ड प्रति प्राप्त, लेकिन ई –पेंशन पोर्टल पर DDO के स्तर पर मामला लंबित ) (iii) लंबित संस्वीकृति (अर्थात् महालेखाकार कार्यालय में पेंशन मामलों की हार्ड प्रति प्राप्त, लेकिन ई –पेंशन पोर्टल पर संस्वीकृति प्राधिकारी के स्तर पर मामला लंबित ) (iv)महालेखाकार कार्यालय से स्थिति वापस (अर्थात् महालेखाकार कार्यालय में पेंशन मामलों की हार्ड प्रति प्राप्त , लेकिन ई-पेंशन पोर्टल पर मामले की स्थिति “ वापस “ है I |