हिंदी संघ की राजभाषा है। राजभाषा अधिनियम, 1963 के तहत धारा 343 से 352 तक हिंदी के कार्यान्वयन के बारे में प्रावधान किए गए हैं। इसके साथ ही राजभाषा नियम 1976, राजभाषा अधिनियम (संशोधन) 1967 और राजभाषा संकल्प 1968 आदि में भी हिंदी के कार्यान्वयन की व्यवस्था की हैं।

अत: यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार के अधीन कार्यालयों में हिंदी का अनुपालन सुनिश्चित किया जानी है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, आपने कार्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन की गई है, जिसकी देखरेख में हिंदी भाषा के प्रोगामी प्रयोग को सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाते हैं।

मुख्यालय और राजभाषा विभाग द्वारा समय-समय पर हिंदी भाषा का अनुपालना से संबंधित जारी होने बाले आदेशों का पालन किया जाता है। कार्यालय में हिंदी में कामकाज के मूल्यांकन हेतु त्रिमाही प्रगति रिपोर्ट, वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट और अन्य रिपोर्टें तैयार किए जाते है और उसे समयानुसार मुख्यालय व राजभाषा बिभाग को भेजा जाता है। कार्यालय में हिंदी के प्रोगामी प्रयोग की जांच के लिए तिमाही आधार पर आंतरिक निरीक्षण किए जाते हैं।

हिंदी भाषा में अधिकारियों और कर्मचारियों की रुचि बढ़ाने के लिए हिंदी पत्रिका वंदे मातरम को अर्धवार्षिक स्तर पर प्रकाशित किया जाता है। अधिकारियों - कर्मचारियों को हिंदी में काम करने में सक्षम बनाने के लिए प्रत्येक त्रिमाही में हिंदी कार्यशाला का आयोजित किया जाता है। इसके साथ ही, हर बर्ष  सितंबर माह में हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है, जिसमें अधिकारियों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

राजभाषा हिंदी के प्रोगामी प्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कार्यालय दस्तावेजों का अंग्रेजी से हिंदी में और हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद किया जाता है। राजभाषा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रम जैसे प्रज्ञा, प्रवीण, प्रबोध और हिंदी टंकण के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को नामित किया जाता है। इसके अलावा, कार्यालयीन पत्रिका लेखा-संबाद का हिंदी अनुवाद प्रशासन हिंदी सेल में किया जाता है।