कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), पश्चिम बंगाल के बारें में ।

भारत के नियंत्रक नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक एक संविधानिक शक्ति हैं जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है । भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के कार्य मुख्य रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद -149 से 151 के प्रावधानों से प्राप्त किए जाते हैं । सी और एजी (कर्तव्यों, शक्तियों और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971, संविधान के अनुच्छेद 148 (3) और 149 के तहत 1971 में संसद द्वारा पारित किया गया था।

भारतीय संविधान के अनुछेद 149 व 150 तथा नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कर्त्तव्य, शक्तिया व सेवा शर्तें) नियम, 1971 की धारा 11 के अनुसार नियंत्रक महालेखापरीक्षक पश्चिम बंगाल सरकार के लेखों के संकलन व बनाने के लिए ज़िम्मेवार है। इस कार्य का निष्पादन कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), पश्चिम बंगाल के द्वारा किया जाता है।

प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), पश्चिम बंगाल के कार्यालय के कार्य-विवरण निम्नलिखित हैं:

राज्य खातों का संकलन और समेकन जिसमें मासिक नागरिक खातों का संकलन, वार्षिक खातों की तैयारी और लेखा तैयार करना शामिल है।

राज्य सरकार के कर्मचारियों (वर्ग -IV के अलावा) के सामान्य भविष्य निधि खातों का रखरखाव जिसमें सब्सक्राईबर के निजी खाता में क्रेडिट और निकासी का पोस्टिंग करना शामिल है। यह कार्यालय सब्सक्राईबर को जीपीएफ़ का विवरणी क्रेडिट साल के अंतराल पर दिखाने के साथ साथ, निकासी की पोस्टिंग और ग्राहकों से किए गए अग्रिमों और लापता क्रेडिट और डेबिट के समायोजन के लिए वार्षिक जीपीएफ विवरणी जारी करता है । इसके अलावा, व्यक्तिगत सब्सक्राईबर के खातों में वार्षिक ब्याज के प्राधिकरण और सेवानिवृत्ति पर सब्सक्राईबर के अंतिम भुगतान मामलों के प्राधिकरण या मृत्यु के मामले में प्राधिकरण के साथ गणना भी की जाती है।

अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के जीपीएफ खातों का रखरखाव यह कार्यालय पश्चिम बंगाल में तैनात अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के लिए बिंदु संख्या 2 पर बताए गए कार्यों को भी करता है।

पेंशन दावों का सत्यापन और पेंशन का प्राधिकरण राज्य सरकार के कर्मचारियों सहित, पश्चिम बंगाल उच्च न्यायिक सेवा के भूत-पूर्व कर्मियों समेत राज्य न्यायिक अधिकारी, पश्चिम बंगाल के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गैर सरकारी कॉलेजों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी और डे स्टूडेंट्स होम, राज्य सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों के कर्मचारी (माध्यमिक और प्राथमिक जो 01.4.1981 से पहले सेवानिवृत्त / दिवगंत हो चुके हैं), बर्मा सेना अनुग्रह-पूर्वक भत्ता बर्मा सैनिकों के विधवाओं/ आश्रित, पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग के सदस्य, राजनीतिक पीड़ित / स्वतंत्रता सेनानियों, उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज के भूत-पूर्व प्रबंधन स्टाफ और बर्दध्वान मेडिकल कॉलेज जिन्होंने विश्वविद्यालय नियमावली का चयन किया, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मामले के संबंध में सेवा रिपोर्ट / प्रमाणपत्र के सत्यापन।