क्‍या करें और क्‍या न करें-

  • सभी मौद्रिक लेन-देन को लेन-देन के तुरंत बाद निर्धारित प्रपत्र में रोकड बही में दर्ज करने के पश्‍चात् सत्‍यापित किया जाना चाहिए।

  • रोकड बही को नियमित रूप से बंद किया जाना चाहिए और पूर्णरूप से उसकी जांच की जानी चाहिए एवं प्रत्‍येक महीने के अंत में रोकड शेष की प्रत्‍यक्ष सत्‍यापन किया जाना चाहिए।

  • अभिनामित बैंकों  में सरकारी धनराशि जमा करने के संदर्भ में रोकड बही में की गईं प्रविष्टियॉं, चालान अथवा भुगतान पर्ची पर अभिनामित बैंक की पावती की जांच किए बिना  अनुप्रमाणित नहीं किया जाना चाहिए।

  • राशि प्राप्‍त करने के लिए हकदार व्‍यक्ति से बिल पर विधिक निस्‍तारण(भुगतान) प्राप्‍त किए बिना धनराशि का संवितरण नहीं किया जाना चाहिए।

  • असंवितरित वेतन व भत्‍तों के लेखा का विवरण एक रजिस्‍टर में फॉर्म GAR 25 में रखा जाना चाहिए और तीन(3) महीने तक की असंवितरित राशि की वापसी की जानी चाहिए।

  • सभी प्राप्‍य धनराशियों के लिए निर्धारित फॉर्म GAR 6 में रसीद जारी की जानी चाहिए और यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन रसीदों की प्रविष्टि रोकड बही में दर्ज कर ली गई है।

  • धनराशि, नकद या चैक/डीडी के रूप में प्राप्‍त होने पर यथास्थिति तुरतं अभिनामित बैंक में जमा की जानी चाहिए या वेतन एवं लेखा अधिकारी को भेज दी जानी चाहिए।

  • व्‍यय व राजस्‍व प्राप्तियों का समुचित लेखा निर्धारित तारीख तक एवं निर्धारित प्रपत्र में भरकर वेतन व लेखा अधिकारी को प्रस्‍तुत किया जाना चाहिए।

  • विशि‍ष्‍ठ स्थिति के अलावा, गबन या किसी दूसरे कारण से सरकारी धनराशि, स्‍टांप, स्‍टोर या दूसरी साम‍ग्री की घाटे/नुकसान या कमी की सूचना तुरंत अगले उच्‍च प्राधिकारी के साथ-साथ प्रधान लेखा अधिकारी एवं संबंधित लेखापरीक्षा अधिकारी को दी जानी चाहिए।

  • सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन/स्‍वीकृति के बिना किसी भी प्रकार का व्‍यय नहीं किया जाना चाहिए।

  • वस्‍तुत: व्‍यय किए गए प्रभारों का तुरंत भुगतान एवं आहरण किया जाना चाहिए तथा उन्‍हें किसी भी परिस्थिति में आगामी वर्ष के अनुदान से भुगतान के लिए अस्‍थगित नहीं किया जाना चाहिए।

  • मांगों की प्रत्‍याशा में अथवा बजट अनुदानों को व्‍यपगत होने से रोकने के लिए धनराशि आहरित नहीं की जानी चाहिए।

  • दो या दो से अधिक प्रमुख शीर्षों से संबंधित व्‍यय/प्रभारों को एक ही बिल में समाविष्‍ट नहीं किया जाना चाहिए एवं प्रत्‍येक बिल पर पूर्ण लेखा वर्गीकरण रिकॉर्ड किया जाए।

  • बजट आबंटन के तहत व्‍यय की प्रभावी जांच हेतु व्‍यय नियंत्रण रजिस्‍टर का रख-रखाव किया जाना चाहिए।

  • निम्‍नलिखित के लिए वेतन, छुट्टी वेतन और भत्‍तों का पृथक बिल बनाया जाएगा-

    • 1. ऐसे स्‍थापना जिनका व्‍यय विभिन्‍न लेखा शीर्षों के अंतर्गत नामे-योग्‍य हो।

    • 2. ऐसे कार्मिक जिनको चैक द्वारा व्‍यक्तिगत रूप से वेतन दिया जाता है।

    • 3. समूह ‘डी’ कर्मचारी।

  • देय तारीख से एक वर्ष के अंदर वरीयत न किए गए टी.ए. दाबों को SR 194-A  एवं GI आदेशों के प्रावधानों के अनुसार निपटाया जाना चाहिए।

  • भुगतान के पश्‍चात् प्राधिकारी के प्रतिहस्‍ताक्षर की आवश्‍यकता वाले आकस्मिक प्रभार के अलावा किसी भी आक‍स्मिक प्रभार को अग्रिम रूप में संक्षिप्‍त बिल में आहरित नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में प्रभार की पुष्टि के लिए प्रत्‍येक उप-वाउचर को संक्षिप्‍त बिल में देना चाहिए।

  • सहायता अनुदान के लिए स्‍पष्‍ट रूप से सशर्त अथवा अशर्त सहायता अनुदान चिन्हित किया जाए। सशर्त सहायता अनुदान के लिए संस्‍वीकृति‍ आदेश में निर्दिष्‍ट समय के अंदर उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्‍ध कराएं। उपयोगिता प्रमाण-पत्र को विभिन्‍न लेखा शीर्षों के साथ एकत्र न किया जाए एवं वर्षों तक लम्बित न रखा जाए।