निधि से अग्रिम

I. अस्थायी अग्रिम

विभागीय अधिकारी द्वारा अभिदाता को निर्दिष्ट कार्यों के लिए उसके निधि में जमा राशि से अस्थायी अग्रिम स्वीकार किया जाता है ।  संबंधित विभागों के वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन में निर्धारित आर्थिक सीमा, जिसका अधिकतम जमा शेष का 75 % या (3 क-ख)/4 (क= जमा शेष , ख= समेकित अग्रिम की बकाया राशि) जो भी कम हो, तक अग्रिम आहरित किया जा सकता है ।  अंश कालिक आकस्मिक कर्मचारियों के मामले में, यह अग्रिम 16 माह के वेतन या अभिदाता के निधि में जमा राशि के आधे, जो भी कम हो, से अधिक नहीं होगा । अस्थायी अग्रिमों के लिए मंजूरी अभिदाता के खाते में नोट की    जाती है ।

अस्थायी अग्रिमों के लिए फॉर्म ख में आवेदन करना होता है ।

अस्थायी अग्रिम मंजूर करने हेतु शर्तें

  • दो अस्थायी अग्रिमों के आहरण के बीच कम से कम छः माह का अंतर हो ।
  • अस्थायी अग्रिम और अप्रतिदेय अग्रिम के बीच कम से कम चार महीनों का अंतर हो ।
  • आखिरी तीन महीनों की सेवा के दौरान मंजूर न किया जाए ।
  • अभीदाता द्वारा सेवानिवृत्ति की तैयारी में छुट्टी पर जाने वाले माह में स्वीकृत न किया जाए ।
  • अभिदाता द्वारा निधि में अभिदान न देने का चयन करने पर अस्थायी अग्रिम मंजूर नहीं की जाएगी ।
  • बिना भत्ते छुट्टी के दौरान स्वीकृत नहीं किया जाए यदि वह उस अवधि के दौरान निधि में अभिदान नहीं कर रहा हो ।

अस्थायी अग्रिम की वसूली

  • अभिदाता से उतने समान मासिक किस्तों में अग्रिम की वापसी की जाती है, जैसा कि स्वीकृत करनेवाले प्राधिकारी निदेश देता हो, किंतु यह संख्या 12 से कम, जब तक अभिदाता ऐसा चयन न करें, और 36 से अधिक नहीं होगा ।   अंश कालिक आकस्मिक कर्मचारियों के मामले में साधारण मामलों में, किस्तों की संख्या 15 से कम, जब तक अभिदाता ऐसा चयन न करें, और 30 से अधिक नहीं होगा ।  
  • जब एक अग्रिम के चालू रहते दूसरा अग्रिम स्वीकृत किया जाता है, तो पिछले अग्रिम के वसूल न किए गए शेष को इस प्रकार स्वीकृत अग्रिम के साथ जोड़ा जाएगा और समेकित राशि के संदर्भ में अग्रिम की वसूली के लिए आगे  की किस्तें निर्धारित की जाएगी ।
  • अग्रिम आहरित करने के माह के अगले माह के वेतन निर्गत होने पर वसूली  शुरू की जाएगी।
  • अभिदाता अपने चयन पर एक माह में दो या उससे अधिक किस्तें अदा कर सकता है।

II.अप्रतिदेय अग्रिम

विभागाध्यक्ष खाते में जमा शेष के 75% तक अप्रतिदेय अग्रिम स्वीकृत करने के लिए सक्षम हैं । अप्रतिदेय अग्रिम की मात्रा जो कई अन्य प्रशासनिक प्राधिकारियों द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है, तत्संबंधी विभागों के संगत वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन में निर्दिष्ट है ।

अप्रतिदेय अग्रिम के लिए फॉर्म ख 1 में आवेदन करना है ।

अप्रतिदेय अग्रिम स्वीकृत करने के लिए शर्तें

  • 10 वर्ष की सेवा (सेवा की खंडित अवधि, बिना भत्ते छुट्टी (एल डब्ल्यु ए), निलंबन, सैनिक एवं युद्ध सेवा जिसे पेंशन हेतु गिनी जाती है, भारत सरकार/अन्य राज्य सरकार/सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान के अधीन पेंशनयोग्य सेवा शामिल हैं, यदि सेवा के दौरान भ. नि. जमा और उस पर ब्याज निधि में स्थानांतरित और जमा किए गए हों) पूर्ण करने के बाद अथवा सेवानिवृत्ति की तारीख के 10 वर्षों के अंदर किसी भी समय विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए यह मंजूर की  जाए ।
  • (i) सेवा के आखिरी तीन माह के दौरान (ii) नियम 30 (ग) के अंतर्गत विकल्प का प्रयोग करने के बाद जो अभिदाता को सेवा निवृत्ति के पूर्व खाता बंद करने की अनुमति देता है (iii) समापन हेतु आवेदन प्रस्तुत करने के बाद,  यह स्वीकृत नहीं किया जाए ।
  • समान प्रयोजन के लिए केवल एक प्रत्याहरण ही अनुमत किया जाए ।
  • पहले के प्रत्याहरण के छः महीने की अवधि के अंदर जब उसी व्यक्ति को चिकित्सा के प्रयोजन के लिए दूसरा प्रत्याहरण मंजूर किया जाता है तो मंजूरी में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि चिकित्सा अलग अवसर पर हुई बीमारी के लिए है ।
  • अलग-असग बच्चों के लिए प्रत्येक वर्ष शिक्षा हेतु अग्रिम अनुमत किया जा सकता  है ।
  • जब पति –पत्नि दोनों निधि के अभिदाता होते हैं, तो एक ही बच्चे के शिक्षण, विवाह के लिए दोनों द्वारा प्रत्याहरण किया जा सकता हैं ।
  • जब विवाह हेतु अग्रिम मंजूर की जाती है, तो विवाह की तिथि का स्पष्टतः उल्लेख करना होगा । (विवाह की तारीख से तीन माह पहले राशि आहरित नहीं की जा सकती ।)
  • पुत्र/पुत्री के दूसरे या उसके बाद के विवाह के लिए विवाह हेतु अग्रिम मंजूर किया जा सकता है ।
  • यदि अभिदाता की कोई पुत्री न हो तो पर उसपर निर्भर महिला रिश्तेदार के विवाह के लिए अग्रिम अनुज्ञप्त है ।
  • गृह निर्माण हेतु अग्रिम सहकारिता समितियों या समान अभिकरणों से गृह निर्माण हेतु लिए गए ऋण की चुकौती के लिए भी अनुज्ञप्त है ।
  • निलंबन की अवधि के दौरान भी अग्रिम आहरित किया जा सकता है ।

प्रनियुक्ति विदेश सेवा पर कर्मचारियों को अप्रतिदेय अग्रिम

मंजूरी -  राजपत्रित अधिकारी और अराजपत्रित अधिकारी

उस कार्यालय के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जिससे वह प्रतिनियुक्ति/विदेश सेवा सेवा पर जाते समय जुड़े थे ।

भुगतान -  राजपत्रित अधिकारी

यदि प्रतिनियुक्ति राज्य के भीतर हो, तो महालेखाकार द्वारा निकटतम खजाना अधिकारी को अभिदाता को राशि के भुगतान हेतु प्राधिकृत किया जाएगा ।  प्राधिकार की एक प्रति राजपत्रित अधिकारी को पृष्ठांकित की जाएगी जिसको बिल खजाने में प्रस्तुत करना चाहिए ।  यदि प्रतिनियुक्ति राज्य के बाहर हो, तो उस राज्य के महालेखाकार को भुगतान की व्यवस्था हेतु प्राधिकृत किया जाएगा ।

भुगतान - अराजपत्रित अधिकारी

प्रतिनियुक्ति/विदेश सेवा पर जाते समय वह जिस कार्यालय से जुड़े थे उसके कार्यालय अध्यक्ष द्वारा राशि आहरित करके भुगतान किया जाएगा, जहाँ प्रतिनियुक्ति राज्य के भीतर या बाहर हो ।

  • अस्थायी अग्रिम को अप्रतिदेय अग्रिम में परिवर्तित किया जा सकता है और इसे अप्रतिदेय अग्रिम समझा जाएगा ।  यह इस शर्त के अधीन होगा कि परिवर्तन के प्राधिकार की तारीख से छह/चार महीने की अवधि के भीतर उसी प्रयोजन हेतु अन्य अप्रतिदेय अग्रिम/अस्थायी अग्रिम मंजूर नहीं किया जाना चाहिए ।
  • अस्थायी अग्रिम या अप्रतिदेय अग्रिम हेतु मंजूरी केवल तीन महीने की अवधि तक क्रियात्मक होगी और उसके बाद समाप्त समझा जाएगा जब तक विशेष रूप से नवीकृत नहीं किया जाता है ।