मंडलीय लेखाकार एवं मंडलीय लेखा अधिकारी के कर्तव्य किसी भी सरकार की विकास की गतिविधियों को कार्यकारी अधिकारियों को वित्तीय मामले में समय पर सलाह देते और रसीद और खर्च के समवर्ती लेखा-जोखा पर खर्च किए जाने पर निर्भर करता है।उनके निर्धारित कार्य के अनुसार मंडल लेखाकार लोक-निर्माण लेनदेन के उचित लेखांकन में विलक्षण रुप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।विभागीय अधिकारी को शीघ्र और समय पर सलाह देता है और जहाँ उनकी सलाह को नजर अंदाज किया जाता है,उनके पास भिन्न मत को रिकार्ड करने के लिए आपति पुस्तिका रजिस्टर उपयोग करने का अधिकार है उसे लेखापरीक्षा विभाग के निरीक्षण अधिकारी के अवलोकन के लिए रख सकता है या यदि उस वित्तीय वर्ष में यदि कोई निरीक्षण नहीं होता है तो (के.लो.नि.वि कोड पैरा 4.2 के आधार पर) उसे निकालकर महालेखाकार के पास समीक्षा के लिए रख सकता है।

कार्यो के मामले में व्यय जो उपशीर्ष में रिकार्ड किया जाता है मंडलीय लेखाकार का भूमिका है कि प्रत्येक शीर्ष के व्यय को संख्या एवं मूल्यों के प्रावधान में प्राकलित प्रावधान के साथ  निरंतर जांच करें ताकि वह स्वीकृत अनुमानो से सभी विचलन को ध्यान में ला सके। (कें.लो.नि.वि कोड पारा 22.2.10 के टिप्पण 2 के द्वारा) वह यह देखता है कि कार्यकारी अधिकारी यदि ऐसे काम के प्रति अनुमान में किसी भी कार्य के हिस्से को जो मनाही है जिसके कार्य के लिए सरकार की अनुमति नहीं है बचत से उपयोग करता है।