आरटीआई के तहत सूचना शुल्क/आवेदन शुल्क किसके पक्ष में निकाला जाना है?
सूचना शुल्क/आवेदन शुल्क बैंक ड्राफ्ट/बैंकर चेक/आईपीओ के रुप में जमा किया जाना है और लेखा अधिकारी (नकद), कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), ओडिशा, भुवनेश्वर के पक्ष में तैयार किया जाना है।
प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), ओडिशा, भुवनेश्वर के कार्यालय में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कौन सीपीआईओ और अपीलीय प्राधिकारी है?
अपीलीय प्राधिकारीः श्री वी.एम. वी. नवल किशोर, महालेखाकार (ले एवं हक), ओडिशा, भुवनेश्वर
सीपीआईओः श्री दिनमणी मल्लिक, वरिष्ठ उपमहालेखाकार (प्रशासन), कार्यालय प्रधान महालेखाकार (ले एवं हक), ओडिशा, भुवनेश्वर
राज्य सरकार का खाता कैसे बनाया जाता है?
प्रधान महालेखाकार (ले एवं हक) को विभिन्न कोषागारों, पीडब्ल्यू मंडलों, वन मंडलों और अन्य राज्यों से एवं भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के पीओओ स्तर पर होने वाले सभी भुगतानों और प्राप्तियों के संबंध में मूल वाउचर और चालान प्राप्त होते हैं । इसे भारतीय रिजर्व बैंक से राज्य की ऋण सेवा के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए लेन-देन के संबंध में भी जानकारी प्राप्त होती है। कार्यालय उपरोक्त सूचना के आधार पर खातों का संकलन करता है और महीने के अंत में एमसीए और वर्ष के अंत में वित्तीय खातों और विनियोग खातों को लाता है।
प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), ओडिशा, भुवनेश्वर का कार्य क्या है?
प्रधान महालेखाकार (ले. एवं हक.) भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के अधिन काम करता है, राज्य सरकार के खातों (जीपीएफ खातों और दीर्घकालिक अग्रिमों सहित) का रखरखाव करता है; पेंशन और जीपीएफ अंतिम भुगतान जैसे सेवानिवृत्ति लाभों का प्राधिकार। यह भारत सरकार, अंतर-सरकारी निपटान से राज्य को प्राप्त ऋण और अग्रिमों का अनुरक्षण करता है और राज्य सरकार के विनियोग खाते और वित्त खाते तैयार करता है ।