सामान्य भविष्य निधि के बारे में.....
प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), मेघालय राज्य सरकार के वर्ग “घ” कर्मचारी सहित लगभग 36550 (छत्तीस हजार पांच सौ पचास) कर्मचारियों के साथ साथ अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा, अखिल भारतीय पुलिस सेवा और अखिल भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के व्यक्तिगत सामान्य भविष्य निधि खातों का अनुरक्षण करता हैं। निधि समूह का नेतृत्व/ अगवाई वरिष्ठ उप महालेखाकार/ उप महालेखाकार, भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा, अधिकारी द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के भविष्य निधि का निर्धारण मेघालय सिविल सेवा (सामान्य भविष्य निधि) नियम 1985 के प्रावधानों द्वारा किया जाता है।
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मेघालय के संदर्भ में -सामान्य भविष्य निधि के बारे में ... मेघालय राज्य की स्थापना 21 जनवरी, 1972 को पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 के केंद्रीय अधिनियम 81) के प्रावधान के अधीन की गई थी।अधिनियम की धारा 79 में निहित प्रावधान को ध्यान में रखते हुए मेघालय राज्य के सृजित होने की तारीख से मेघालय में शामिल/ अवस्थित क्षेत्रों में सभी कानून को लागू किया गया था। उपरोक्त अधिनियम की धारा 2 के खंड (जी) को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार अधिनियम, 1935 की उप-धारा 241 के खंड (बी) के अधीन बनाए गए सामान्य भविष्य निधि नियम भी मेघालय के संबंध/संदर्भ में लागू हैं। मेघालय अनुकूलन आदेश (संख्या 3) 1973 के अनुसार उपरोक्त अधिनियम की धारा 79 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सामान्य भविष्य निधि अधिनियम को मेघालय सरकार द्वारा अनुकूलित किया गया था और इसके परिणामस्वरूप उक्त अधिनियम के अधीन बनाए गए नियम मेघालय पर लागू हो गए।
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सभी सरकारी स्थायी और अस्थायी कर्मचारी नियमित रूप से स्थापना से वहन करते हैं/ जुड़े हुए हैं एवं आकस्मिकताओं से भुगतान नहीं करते हैं, वे ही निधि में अभिदान करेंगे । अस्थायी सरकारी कर्मचारी एक वर्ष की निरंतर सेवा के बाद ही अभिदान करेंगे। बशर्ते कि ऐसा कोई भी कर्मचारी जिसकी आवश्यकता नहीं है या अंशदायी भविष्य निधि में अभिदाता बनाने/ अभिदान करने की अनुमति दी गई है, वे निधि में अभिदाता के रूप में शामिल होने या अभिदान जारी रखने के लिए पात्र नहीं होंगे, जबकि वे ऐसी निधि में अभिदाता बनाने का अपना अधिकार जारी रखते हैं। किसी कर्मचारी द्वारा एक वर्ष की निरंतर सेवा पूरी करने के बाद, इस योजना में शामिल होना अनिवार्य है। वर्ग 'ख' और 'ग' और 'घ' कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि खाता/लेखा संख्या को कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी ) मेघालय, शिलांग के द्वारा आबंटित किया जाता है। तथापि, वर्ग ‘क’ अधिकारियों के संबंध में, सामान्य भविष्य निधि खाता/लेखा संख्या महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी ), असम के कार्यालय द्वारा आबंटित की जाती है। खाता/लेखा संख्या के आबंटन से पहले भविष्य निधि की अभिदान राशि की कटौती वेतन बिलों से नहीं की जानी चाहिए | सामान्य भविष्य निधि खाता/लेखा संख्या प्राप्त करने हेतु एवं इस उद्देश्य के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन एक वर्ष की सेवा पूरी होने से कुछ सप्ताह पहले, कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) मेघालय, शिलांग को भेजा जाना चाहिए । यदि प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) मेघालय, शिलांग से सामान्य भविष्य निधि खाता/लेखा संख्या प्राप्त करने में विलम्ब होता है, तो वर्तमान सामान्य भविष्य निधि हेतु अभिदान के साथ साथ प्रत्येक महीने की बकाया अभिदान को एक किस्त के रूप में कटौती की जाएगी |
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दिनांक 7 फरवरी 2020 से ई-सामान्य भविष्य निधि पोर्टल (https://megonline.nic.in/agegpf) को प्रारम्भ किया गया है जिसके द्वारा अभिदाता इस पोर्टल से स्वयं की सामान्य भविष्य निधि से जुड़ी सूचना प्राप्त करने के अतिरिक्त उसे डाउनलोड भी कर सकते हैं।
राजपत्रित हकदारी के बारे में
मेघालय के राजपत्रित अधिकारियों को स्वीकार्य वेतन और भत्ते, (मेघालय सरकार) मौलिक नियम और अनुपूरक नियम के नियमों और विनियमों के अनुसार ; मेघालय सरकार द्वारा समय-समय पर जारी संबंधित विभाग के सेवा/सेवा नियमों की शर्ते के अधीन वेतन पुनरीक्षण के अनुसार लेखाकार के कार्यालय द्वारा जारी वेतन पर्ची के माध्यम से विनियमित/प्राधिकृत किए जाते हैं | हकदारी अभिलेखों का अनुरक्षण • असम और मेघालय कैडर के अखिल भारतीय सेवा अधिकारी (मूल रूप से मेघालय में तैनात अधिकारियों के रिकॉर्ड) • मेघालय सरकार के सभी स्वत: आहरण अधिकारी o स्व-आहरण अधिकारियों को वेतन पर्ची, छुट्टी वेतन प्राधिकारों और अन्य प्राधिकारों को जारी करना | o स्व-आहरण अवधि के लिए अधिकारियों की सेवा और वेतन विवरण का सत्यापन एवं पेंशन को अंतिम रूप देने के लिए पेंशन शाखा को पेंशन सूचना विवरण भेजना | o स्वयं आहरण अधिकारियों की सेवा से संबंधित इतिवृत और छुट्टी खातों/ लेखें का अनुरक्षण करना । o अखिल भारतीय सेवा अधिकारी (अ.भा.से) और स्व-आहरण अधिकारी (स्व.आ.अ.) के सभी सेवा से संबंधित मामले | संदर्भ हेतु पुस्तकें: • अखिल भारतीय सेवा नियमावली • राजपत्रित हकदार नियम पुस्तक • मौलिक नियम और अनुपूरक नियम • सामान्य वित्तीय नियम
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वेतनपर्ची में क्या शामिल होता है ? • निर्दिष्ट तिथियों से वेतन और भत्तों की मासिक दरें "शून्य" रुपये के स्तंभ/ कॉलम, वर्णन करता है- • पद संस्वीकृत किये गए तिथि के बाद की तिथि से (एक अधिकारी द्वारा एक अस्थायी पद धारण करने के मामले में), अथवा, • पद पर नियुक्त किए गए तिथि के बाद की तिथि से या सेवानिवृत्ति आदि के कारण सेवानिवृत्त होनेवाले तिथि के बाद की तिथि से, अथवा • मृत्यु, त्यागपत्र, स्थानांतरण, सेवा समाप्ति, कार्यभार त्याग के तिथि के बाद की तिथि से • राजकोष अधिकारी को एक प्रतिलिपि के साथ, अधिकारी को वेतनपर्ची जारी की जाती है।
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प्रथम नियुक्ति पर • अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों और अन्य राज्य सेवा अधिकारियों के संबंध में नियुक्ति की औपचारिक आदेश- प्रशिक्षण अकादमी के आहरण एवं संवितरण अधिकारी से सेवा विवरण और अंतिम वेतन प्रमाण पत्र (अखिल भारतीय सेवा हेतु)। • अन्य राज्य सेवाओं के लिए - नियुक्ति अधिसूचना, जन्म प्रमाण पत्र, प्रभार रिपोर्ट, पदग्रहण • एक अस्थायी पद के निर्माण या जारी रखने अथवा पद पूरे विवरण सहित, यदि पहले से ही संस्वीकृत है, जिस पर नियुक्त है, की सूचना से संबंधित सरकार से आदेश। • सत्र को दर्शाते हुए प्रभार की धारणा का प्रमाण पत्र (दिन का पूर्वाह्न. / अपराह्न)
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राजपत्रित राजपत्रित हकदारी के कार्यों के संबंध में मेघालय के राजपत्रित अधिकारियों को स्वीकार्य वेतन और भत्ते, मौलिक नियम एवं अनुपूरक नियम; वेतन पुनरीक्षण (मेघालय सरकार) के नियमों और विनियमों ; मेघालय सरकार द्वारा समय-समय पर जारी संबंधित विभाग के सेवा/सेवा नियमों की शर्तों के अनुसार, कार्यालय प्रधान महालेखाकार के द्वारा जारी वेतन पर्ची के माध्यम से विनियमित/प्राधिकृत किए जाते हैं|
पेंशन के बारे में
मेघालय सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, मेघालय से सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा अधिकारी, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों एवं विधान सभा के सदस्यों से संबंधित, नियमित पेंशन, परिवार पेंशन, संराशीकरण, उपदान एवं अन्य सभी पेंशन से संबंधित विविध प्रकार के कार्यों का सत्यापन एवं प्राधिकरण।
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मेघालय सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, मेघालय से सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा अधिकारी, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, विधान सभा के सदस्यों से संबंधित नियमित पेंशन, पारिवारिक पेंशन/ परिवार पेंशन, संराशीकरण, उपदानों और विविध प्रकार के कार्यों से संबंधित अन्य सभी पेंशन का सत्यापन और प्राधिकार । कार्यों के प्रकार, इस प्रकार से हैं:- क) पेंशन कागजातों और सेवा पुस्तकों की प्राप्ति | ख) जाँच, संवीक्षा और रिपोर्टिंग/ प्रतिवेदन | ग) विभिन्न प्राधिकरणों को जारी करना अर्थात i) पेंशन अदायगी आदेश (पी.पी.ओ):- पेंशन मामले को पूर्ण रूप से प्राप्त करने के बाद जारी किया गया | ii) उपदान अदायगी आदेश (जी.पी.ओ):- इस कार्यालय के ऋण अनुभाग से बेबाकी प्रमाणपत्र (एन.डी.सी) की प्राप्ति प्रदान करने के बाद अंतिम रूप में पेंशन अदायगी आदेश जारी किया गया | iii) संराशीकरण अदायगी आदेश (सी.पी.ओ): - संराशीकरण आवेदन की प्राप्ति पर , मेघालय वित्त ( पेंशन प्रकोष्ठ) विभाग से संस्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजने के लिए कंप्यूटर में गणना की जाती है | वित्त (पेंशन प्रकोष्ठ) विभाग से संस्वीकृति आदेश की प्राप्ति पर, इस कार्यालय से संराशीकरण अदायगी आदेशों को प्राधिकृत किया जाता है| घ) विशेष मुहर प्राधिकरणों (आवक और जावक) के मामलों को संभालते हुए- अन्य राज्यों के पेंशनभोगियों ने इस राज्य से पेंशन प्राप्त करने के विकल्प का चुनाव किया और इसके विपरीत विकल्प चुनाव किया, तो पेंशन अदायगी आदेश को भुगतान के लिए पेंशन अदायगी आदेश में दर्शाए गए संबंधित संवितरण अधिकारी को भेज दिया जाता है । ङ) मेघालय राज्य के अधिकार क्षेत्र/ अधिकारिकता में आने वाले विभिन्न कोषागारों को पेंशन, महंगाई भत्ते आदि पर राहत के संबंध में सभी विभिन्न राज्य सरकार के आदेशों को अग्रेषित करना | च) अन्य परिमंडल/ राज्यों को पेंशन अदायगी आदेश का हस्तांतरण | छ) राज्य सरकार के कर्मचारी के पेंशन अंशदान की गणना जो विदेश सेवा/ प्रतिनियुक्ति पर हैं| ज) बैंक में पेंशन अंशदान के लिए चालान और चेक/डिमांड ड्राफ्ट जमा करने की तैयारी। झ) मेघालय वेतन आयोग के कार्यान्वयन के अनुसार समय-समय पर पेंशन मामलों में पुनरीक्षण और कैरियर प्रगति प्रक्रिया/ पुनरीक्षित कैरियर प्रगति प्रक्रिया (एसीपीएस/एमएसीपी) योजना लाभों के अंतर्गत वित्तीय उन्नयन प्रदान करना। ञ) संबंधित पेंशन अदायगी आदेश, उपदान अदायगी आदेश और संराशीकरण अदायगी आदेश रजिस्टरों में पेंशन का प्रथम भुगतान , उपदान एवं संराशीकरण हेतु राजकोष वाउचर संख्या (टी.वी. संख्या) और तिथि की टिप्पण/ दर्ज करना | ट) सभी राज्य सरकार के कोषागारों को महीने के दौरान निपटाए गए पेंशन अदायगी आदेश, उपदान अदायगी आदेश और संराशीकरण अदायगी आदेश की मासिक सूची अग्रेषित करना । ठ) सभी पेंशन फाइल/ मिसिल (पुरानी और नई) के अभिलेखों का अनुरक्षण। ड) कार्य की विविध प्रकृति जैसे, समय वर्जित प्राधिकरणों, पेंशनभोगी/ परिवार पेंशनभोगी की मृत्यु पर पुत्र या पुत्री को पारिवारिक/ परिवार पेंशन का प्राधिकार, नाम में सुधार, पते में परिवर्तन, पुनरीक्षित बेबाकी प्रमाणपत्र (एनडीसी) प्राधिकरण का जारी आदि |
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संबंधित पेंशन स्वीकृति विभाग द्वारा आवेदन जमा करने की प्रक्रिया (अर्थात कार्यालयाध्यक्ष/ आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डी.डी.ओ) और पेंशनभोगी लाभ के भुगतान हेतु प्राधिकरणः- संबंधित कार्यालयाध्यक्ष/ आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डी.डी.ओ) को पेंशन आवेदन की प्रसंस्करण हेतु पेंशनभोगी द्वारा अपेक्षित निम्नलिखित कागजातों को प्रस्तुत किए जाना आवश्यक हैं - 1. पेंशन आवेदन - 2 प्रतियां
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विभागाध्यक्ष/ आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डी.डी.ओ) की, एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यह निश्चित करना है कि उनके प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों की पेंशन के कागजात, सेवानिवृत्ति के तिथि से बारह महीने पहले, (मेघालय प्रशासनिक सेवा पेंशन नियम 1983 के अंतर्गत नियम 67) के अनुसार प्रधान महालेखाकार के कार्यालय में प्रस्तुत किया जाता है। इस जिम्मेदारी के साथ ही साथ इस कार्यालय में प्रस्तुत पेंशन कागजात सही एवं सभी प्रकार से पूर्ण हो, यह सुनिश्चित करना विभागाध्यक्ष/ आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डी.डी.ओ) का कर्तव्य है। इस जिम्मेदारी को प्रभावी ढंग से निर्वहन करने हेतु विभागाध्यक्ष/ आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डी.डी.ओ) की सहायता के लिए इस कार्यालय ने “पेंशन मामलों को प्रस्तुत करने के लिए एक दिशानिर्देश” तैयार किया हैं, जिसकी एक प्रति इस पत्र के साथ संलग्न है। हमें उम्मीद है कि विभागाध्यक्षों/ आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को इस दिशा-निर्देशों को उपयोगी पाएंगे ।
लेखा के बारे में
भारत का नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (C & AG) भारत के संविधान के अनुच्छेद 149-151 और CAG के (कर्तव्य शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम 1971 के तहत राज्य सरकारों के खातों को संकलित करने के लिए जिम्मेदार......
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07 Feb
ई-जीपीएफ का शुभारंभ
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