संक्षिप्त में(हम क्या करते हैं)

रधान महालेखाकार, भारत के संविधान और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कर्तव्यों, शक्तियों और सेवा शर्तों (डीपीसी) अधिनियम, 1971 द्वारा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक में निहित शक्तियों के अधीन कार्य करते हैं।

मेघालय के प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) का कार्य, लेखा परीक्षा का संचालन करना है और लेखा परीक्षा के निष्कर्षों को, मेघालय राज्य के लिए लेखा परीक्षा रिपोर्ट के रूप में संकलित करना है एवं भारत के संविधान के अनुच्छेद 151 के अधीन राज्य विधानमंडल में रखने के लिए राज्यपाल को रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। उनका लेखा परीक्षा क्षेत्राधिकार अन्य राज्यों में कार्य कर रहे राज्य सरकार के आवासीय कार्यालयों (मेघालय हाउस) सहित मेघालय सरकार के सभी विभागों, निदेशालयों, कार्यालयों, स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तक फैला है।

प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) मेघालय, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (डीपीसी) अधिनियम, 1971 की धारा 11 को पढ़ते हुए, भारत के संविधान के अनुच्छेद 149 और 151 के अनुसार मेघालय सरकार के लेखों के संकलन और तैयार करने के लिए उत्तरदायी है। इसके अतिरिक्त, प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) मेघालय, "हकदारी" कार्यों जैसे राज्यपाल, मंत्रियों, राज्य विधानमंडल के सदस्यों, राज्य सरकार के राजपत्रित अधिकारियों के वेतन और भत्तों को प्राधिकृत करना, मेघालय सरकार के सभी कर्मचारियों के पेंशन को प्राधिकृत करना; राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों के भविष्य निधि लेखा एवं ऋण लेखा (गृह निर्माण अग्रिम, मोटर वाहन अग्रिम, कंप्यूटर अग्रिम) का अनुरक्षण का भी निर्वहन करते हैं |