वर्ग 'ख' (राजपत्रित अधिकारियों) के स्थानांतरण एवं तैनाती हेतु दिशानिर्देश

  1. 2011 के रिट याचिका (सिविल) संख्या 82 में, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के निर्देशानुसार गठित स्थानांतरण एवं तैनाती बोर्ड, वर्ग 'ख' अधिकारियों (राजपत्रित) के संबंध में सभी स्थानांतरण और तैनाती मामलों पर विचार एवं सिफारिश करेगा।
  2. सभी स्तरों पर सभी वर्ग 'ख' (राजपत्रित) अधिकारियों को प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुसार अल्प सूचना पर किसी भी अनुभाग/शाखा/विंग में स्थानांतरित और तैनात करने के लिए उत्तरदायी हैं।
  3. उपरोक्त प्रावधान के अधीन, प्रत्येक अधिकारी की स्थिरता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक शाखा में (वरिष्ठ लेखा अधिकारी) और अनुभाग में (सहायक लेखा अधिकारी) हेतु सामान्य तौर पर 2 (दो) वर्ष का न्यूनतम कार्यकाल होगा।
  4. सहायक लेखा अधिकारी के ग्रेड में पदोन्नति और सहायक लेखा अधिकारी से वरिष्ठ लेखा अधिकारी तक, किसी भी अधिकारी को सामान्य रूप से उसी अनुभाग/शाखा में तैनात नहीं किया जाएगा जहां उसे पदोन्नति से पहले तैनात किया गया था ।
  5. प्रशासनिक आवश्यकताओं के अधीन, अधिकारियों को 5 (पांच) वर्ष तक किसी विशेष समूह/अनुभाग में रहने की अनुमति दी जा सकती है। ऐसे मामलों में, प्रतिधारण/विस्तार का कारण लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा और विभागाध्यक्ष की स्वीकृति/अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा|
  6. न्यूनतम कार्यकाल पूरा होने से पहले, किसी भी अधिकारी का स्थानांतरण और नियुक्ति/तैनाती, असाधारण/ अपवादित परिस्थितियों में की जा सकती है। ऐसे मामलों में, स्थानांतरण/ तैनाती के कारणों को लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा और विभागाध्यक्ष की स्वीकृति प्राप्त की जाएगी ।
  7. सामान्य रूप से सभी अधिकारियों को बोर्ड/प्रशासन द्वारा तय किए गए किसी भी समूह/अनुभाग में कार्य करना होगा। स्थानांतरण और तैनाती को अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है और स्वास्थ्य या किसी अन्य आधार पर एक समूह/अनुभाग से दूसरे समूह/अनुभाग में स्थानांतरण के लिए किसी भी अधिकारी द्वारा अनुरोध करने पर बोर्ड द्वारा तभी विचार किया जाएगा, जब इस तरह का अनुरोध लिखित में किया जाता है|
  8. लिखित में प्रशासनिक कारणों के कारण बोर्ड द्वारा निर्णय लिए गए, अन्यथा को छोड़कर, किसी भी अधिकारी को 6 (छह) वर्ष की समाप्ति से पूर्व, किसी अनुभाग/शाखा में वापस तैनाती नहीं की जाएगी, जहां पहले उनकी तैनाती थी।
  9. किसी भी अधिकारी को सामान्य रूप से हकदारी समूह/वर्ग से सेवानिवृत्त होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जहां तक व्यावहारिक बात है तो उसे सेवानिवृत्ति की दिनांक से कम से कम छह महीने पूर्व, उस समूह से अलग कर दिया जाना चाहिए ।
  10. प्रतिनियुक्ति हेतु विज्ञापनों का प्रचलन, प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन पत्र भेजने और वास्तव में प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को भेजने का निर्णय, प्रशासनिक अपेक्षाओं के अनुरूप निपटाया जाएगा।
  11. बोर्ड द्वारा वर्ष में कम से कम एक बार और जितनी बार प्रशासनिक रूप से अपेक्षित हो बैठक की जाएगी।
  12. ये दिशा-निर्देश प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण के मामलों में लागू नहीं होंगे और कार्य के आकस्मिकताओं पर लागू नहीं किया जाएगा।

वर्ग 'ग' कर्मचारियों के स्थानांतरण एवं तैनाती हेतु दिशानिर्देश

  1. 2011 के रिट याचिका (सिविल) संख्या 82 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में, भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के निर्देशानुसार, गठित स्थानांतरण एवं तैनाती बोर्ड, वर्ग ‘ख’ (अराजपत्रित) एवं वर्ग ‘ग’ कर्मचारी के संबंध में, सभी स्थानांतरण और तैनाती के मामलों पर विचार एवं सिफारिश करेगा।
  2. सभी स्तरों पर, सभी अधिकारियों को स्थानांतरित करने और प्रशासनिक अपेक्षाओं के अनुसार, थोड़ी देर पूर्व की सूचना पर ही किसी भी अनुभाग में तैनात करने के लिए उत्तरदायी हैं।
  3. उपरोक्त प्रावधान के अधीन, एक अनुभाग में प्रत्येक अधिकारी/ कर्मचारी की स्थिरता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए सामान्य रूप से 2 (दो) वर्ष का न्यूनतम कार्यकाल होगा।
  4. प्रशासनिक अपेक्षाओं के अधीन, अधिकारियों को 5 (पांच) वर्ष तक के लिए एक ही अनुभाग में/ मेज पर कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है । ऐसे मामलों में, प्रतिधारण/विस्तार का कारण लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा और विभागाध्यक्ष की स्वीकृति प्राप्त की जाएगी|
  5. तकनीकी क्षेत्रों में कार्य करने वाले या विशेष कार्यों को करने वाले अधिकारी न्यूनतम और अधिकतम कार्यकाल/ अवधि मापदंड से बंधे नहीं होंगे|
  6. न्यूनतम कार्यकाल पूरा होने से पूर्व, किसी भी अधिकारी का स्थानांतरण और तैनाती, असाधारण परिस्थितियों में की जा सकती है। ऐसे मामलों में, स्थानांतरण/तैनाती के कारणों को लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा और विभागाध्यक्ष की स्वीकृति प्राप्त की जाएगी ।
  7. सामान्य रूप से सभी अधिकारियों को बोर्ड/प्रशासन द्वारा तय किए गए किसी भी अनुभाग में कार्य करना होगा। स्थानांतरण और तैनाती को अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है और स्वास्थ्य या किसी अन्य आधार पर एक अनुभाग से दूसरे अनुभाग में स्थानांतरण के लिए किसी भी अधिकारी द्वारा अनुरोध करने पर बोर्ड द्वारा तभी विचार किया जाएगा, जब इस तरह का अनुरोध लिखित में किया जाता है|
  8. किसी भी कर्मचारी को सामान्य रूप से हकदारी समूह/वर्ग से सेवानिवृत्त होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जहां तक व्यावहारिक बात है तो उसे सेवानिवृत्ति की दिनांक से कम से कम छह महीने पूर्व, उस समूह से अलग कर दिया जाना चाहिए ।
  9. पर्यवेक्षक के संवर्ग में पदोन्नति होने पर किसी भी कर्मचारी को उसी अनुभाग में तैनात नहीं किया जाएगा जहां उन्हें पदोन्नति से पूर्व तैनात किया गया था ।
  10. लिखित में प्रशासनिक कारणों के कारण बोर्ड द्वारा निर्णय लिए गए, अन्यथा को छोड़कर, किसी भी कर्मचारी को 6 (छह) वर्ष की समाप्ति से पूर्व, किसी अनुभाग में वापस तैनाती नहीं की जाएगी, जहां पहले उनकी तैनाती थी।
  11. प्रतिनियुक्ति हेतु विज्ञापनों का प्रचलन, प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन पत्र भेजने और वास्तव में प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों को भेजने का निर्णय, प्रशासनिक अपेक्षाओं के अनुरूप निपटाया जाएगा।
  12. बोर्ड द्वारा वर्ष में कम से कम एक बार और जितनी बार प्रशासनिक रूप से अपेक्षित हो बैठक की जाएगी।
  13. ये दिशा-निर्देश प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण के मामलों में लागू नहीं होंगे और कार्य के आकस्मिकताओं पर लागू नहीं किया जाएगा।