विस्तृत लेखा की देखरेख

मंजूरी आदेश प्राप्त होने पर, उसी को सूचकांक संख्या (इंडेक्स नम्बर) जेनरेट करने वाले सिस्टम में अंकित किया जाता है। पेमेंट वाउचर प्राप्त होने पर इसे जनरेट किए गए सूचकांक (इंडेक्स) के सामने पोस्ट किया जाएगा। बाद में वसूलियां भी उसी नंबर पर दर्ज की जाएंगी। वित्तीय वर्ष के अंत में बकाया राशियों का संप्रेषण (COBs) डीटीए वेबसाइट पर किया जायेगा। इसे ही डी.डी.ओ. और कर्जदारों द्वारा प्रमाणित किया जायेगा।

क्लीयरेंस सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया

ब्याज सहित मूल रकम की वसूली पूरी होने के बाद, क्लियरेंस प्रमाणपत्रों के प्रस्ताव के साथ विधिवत निम्नलिखित सूचनाओं को डी.डी.ओ. द्वारा भेजा जाना चाहिए:

  • ऋण आहरण विवरण यथा इस कार्यालय द्वारा ब्याज की गणना की प्रक्रिया की प्रतियों के साथ प्रत्येक किस्त के आहरण की राशि और तारीख।
  • मूल राशि के बिल-वार रिकवरी विवरण यथा सेवा प्रमुख शीर्ष, खाता शीर्ष जिसके तहत     वर्गीकृत, टोकन / चालान संख्या, तिथि, वसूली का स्थान इत्यादि को डी.डी.ओ. द्वारा विधिवत रूप से सत्यापित किया गया है।
  • डी.डी.ओ. द्वारा विधिवत प्रमाणित ब्याज के विवरण।
  • ऋण स्वीकृति प्राधिकरण की मुहर और हस्ताक्षर के अन्तर्गत गिरवीकरण, बीमा आदि के बारे में औपचारिकताओं की पूर्ति का प्रमाण-पत्र।
  • डी.सी.आर.जी. से शेष मूलधन / ब्याज की वसूली की स्थिति में, डीटीओ/पीपीओ द्वारा उस हद तक एक प्रमाण-पत्र दिया जाना है।
  • राइट-ऑफ़ कार्यवाही के साथ-साथ राइट-ऑफ़ के मामलों में बजट प्रावधान दिखाने वाली एक प्रति।