इस निधि में शामिल होने के लिए G.O.Ms.No.312Fin, दिनांक 28.10.1980 के अंतर्गत निर्धारित प्रोफार्मा में सरकारी कर्मचारियों के विवरणों को दर्शाते हुए एक विवरणी कार्यालय अध्यक्ष द्वारा प्रधान महालेखाकार (ले. एवं ह.) को भेजी जाएगी।  प्रत्येक अंशधारक को प्रधान महालेखाकार द्वारा अंशधारक के विभाग को प्रत्यय के रूप में इंगित करते हुए जीपीएफ खाता संख्या आबंटित किया जाता है।

राज्य सरकार में डीडीओ द्वारा उनके  भुगतान नियंत्रण अधीन निधि हेतु अंशधारकों के संबंध में जीपीएफ वसूली अनुसूची के साथ स्टॉफ वेतन बिल तैयार किया जाता है और इसे भुगतान के लिए कोषाधिकारियों / पीएओ को प्रस्तुत किया जाता है।

(अनुसूचियों / बिलों को तैयार करने के लिए  डीडीओ को दिशा निर्देशों हेतु यहां क्लिक करें)

भुगतान उपरांत कोषाधिकारी/ पीएओ द्वारा भुगतान अनुसूची के साथ वसूली अनुसूचियों सहित प्रधान महालेखाकार को प्रेषित किया जाता है।

कोषाधिकारियों / पीएओ द्वारा प्रस्तुत किए गए मासिक लेखों में प्राप्त भुगतान वाउचरों से और जीपीएफ अनुसूचियों से प्रधान महालेखाकार संबंधित अंशधारक के खातों में प्रेषण और आहरण को पोस्ट करता है।

एक अंशधारक के संबंध में तैयार किया गया खाता प्रारंभिक शेष अंशदान के विवरण को दर्शाता है।