पेंशन चार प्रकार की होती है:-

मुआवज़ा पेंशन: का अर्थ उस सरकारी कर्मचारी को स्वीकार्य पेंशन है,  जिसे की पद समाप्ति  के बाद सेवा से मुक्त कर दिया जाता है और निचले [स्तर/वेतनमान]1 वेतनमान के पद सहित किसी अन्य पद पर उन्‍हें समायोजित नहीं किया जा सकता हो।

मुआवजा पेंशन का अनुदान

जब किसी सरकारी कर्मचारी की सेवाएँ उसके पद की समाप्ति के कारण समाप्त कर दी जाती हैं, तो उसके पास इनमें से किसी एक के चुनने का विकल्प होगा

मुआवजा पेंशन लेना जिसके लिए वह दस साल या उससे अधिक प्रदान की गयी अर्हक सेवा हेतु हकदार हो सकता है; या

किसी अन्य पद को स्वीकार करना या किसी अन्य प्रतिष्ठान में निचले [स्तर/वेतनमान]1/पद पर भी स्थानांतरण, यदि ऐसी पेशकश की जाती है,  और पेंशन के लिए उसकी पिछली अर्हक सेवा को परिकलित किया जाना।

सरकारी कर्मचारी को उसके पद की समाप्ति पर उसकी सेवाएं समाप्त करने से पहले नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा कम से कम तीन महीने का नोटिस या नोटिस दिया जाएगा और नोटिस अवधि कम होने के बदले में वेतन और भत्ते दिए जाएंगे।

सरकारी कर्मचारी की सेवाएं खंड (ए) के तहत उसे दिए गए नोटिस के बदले वेतन और भत्ते के भुगतान पर तत्काल प्रभाव से समाप्त मानी जाएंगी। वह इस तरह सेवामुक्‍त किये जाने के अगले दिन से, यदि अन्यथा स्वीकार्य हो, मुआवजा पेंशन का हकदार होगा और यह पेंशन तीन महीने की अवधि की समाप्ति तक स्थगित नहीं की जाएगी जिसके लिए उसे वेतन और भत्ते का भुगतान होगा।

अशक्तता पेंशन का अनुदान

अशक्‍तता पेंशन: ऐसे सरकारी कर्मचारी को दी जा सकती है, जो मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित किसी ऐसी शारीरिक या मानसिक दुर्बलता के कारण सेवा से सेवानिवृत्त हो गया है,  जिसने उसे सेवा हेतु स्थायी रूप से अक्षम कर दिया है। नियुक्ति प्राधिकारी के पास यह अधिकार होगा कि वह किसी सरकारी कर्मचारी को अपने पद के कर्तव्यों के कुशल निर्वहन के लिए उसकी शारीरिक स्‍वास्‍थ का परीक्षण करने के लिए मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने को जरूरी ठहरा सकता है,  जब भी उसके पास यह विश्वास करने का पर्याप्‍त कारण हो कि वह सरकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों का संतोषजनक ढंग से पालन करने में शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है।

यदि अक्षमता सीधे तौर पर अनियमित या असंयमित आदतों के कारण हो, तो कोई पेंशन नहीं दी जाएगी। यदि ऐसा सीधे तौर पर नहीं हुआ है, लेकिन ऐसी आदतों के कारण इसमें तेजी या वृद्दि हुई हो गया है, तो यह निर्णय पेंशन स्वीकार्य करने वाले उस प्राधिकारी पर निर्भर करेगा कि इसके प्रति कितनी कटौती की जाएगी।

मेडिकल बोर्ड द्वारा सेवा के लिए अक्षमता का कोई मेडिकल प्रमाण पत्र तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक कि आवेदक यह दिखाने के लिए एक पत्र प्रस्तुत नहीं करता है कि मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होने के आवेदक के इरादे से कार्यालय प्रमुख अवगत हैं।

मेडिकल बोर्ड सरकारी कर्मचारी की अशक्तता के कारणों को रिकॉर्ड करते हुए अशक्तता  के लिए जिम्मेदार बीमारी को निर्दिष्ट करेगा तथा केवल बुढ़ापे या बढ़ते उम्र के कारण प्राकृतिक क्षय के कारण अक्षमता का कोई साधारण प्रमाण-पत्र पर्याप्त नहीं होगा।

सेवानिवृत्ति  पेंशन का अनुदान

किसी सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त पेंशन निम्नलिखित स्थितियों में दी जाएगी

(i) समय से पहले सेवानिवृत्ति

(ii) स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

20 वर्ष की अर्हक सेवा करने के बाद कोई सरकारी कर्मचारी कभी भी अपने नियुक्ति प्राधिकारी को कम-से-कम तीन महीने की लिखित सूचना देकर सेवा से सेवानिवृत्त हो सकता है।

अधिवर्षिता पेंशन का अनुदान

अधिवर्षिता पेंशन उस सरकारी कर्मचारी को दी जाती है जो उसके लिए निर्धारित सेवानिवृत्ति की आयु या उसके द्वारा धारित पद हेतु निर्धारित सेवानिवृति कि आयु जैसा भी मामला हो, प्राप्त करने पर स्वीकार्यता के अनुसार सेवा से सेवानिवृत्त हो जाता है।