अभिदाता की मृत्यु होने पर अन्तिम भुगतान किस प्रकार हो सकेगा ?
अभिदाता की मृत्यु होने पर विभाग समस्त प्रमाण पत्र सहित निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र प्रस्तुत करेगा । प्रकरण के साथ निम्न दस्तावेज़ अनिवार्यतः संलग्न किये जावे।
i) नामांकन प्रमाण पत्र यदि नामांकन प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है तो इसका अनुपलब्धता प्रमाण पत्र ।
ii) अभिदाता के परिवार का पूर्ण विवरण ।
iii) यदि अभिदाता द्वारा नामांकन नहीं भरा गया है एवं परिवार नहीं है तो सक्षम न्यायालय का उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से भेजा जावे ।
i) नामांकन प्रमाण पत्र यदि नामांकन प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है तो इसका अनुपलब्धता प्रमाण पत्र ।
ii) अभिदाता के परिवार का पूर्ण विवरण ।
iii) यदि अभिदाता द्वारा नामांकन नहीं भरा गया है एवं परिवार नहीं है तो सक्षम न्यायालय का उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से भेजा जावे ।
शासन से त्याग पत्र देकर दूसरी सेवा में नियुक्ति होने पर सामान्य भविष्य निधि का भुगतान किस प्रकार किया जाता है ?
यदि अभिदाता एक शासन की सेवा छोड़कर अन्य शासन की सेवा में सम्मिलित होता है तो ऐसी अवस्था में अभिदाता की जमा राशि पर नियम 14 के अंतर्गत ब्याज गणना की जावेगी और ब्याज सहित धन राशि स्थानांतरित की जावेगी ।
अन्तिम भुगतान प्रकरण के साथ क्या-क्या दस्तावेज़ /प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक है?
अन्तिम भुगतान प्रकरण के साथ निम्न दस्तावेज़ /प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक है।
i) निर्धारित प्रारूप में आवेदन चेक लिस्ट से जांच कर सभी प्रविष्टीयां पूर्ण की गई हों ।
ii) सामान्य भविष्य निधि पुस्तिका (पासबुक) की सत्यापित मूल प्रति ।
iii) दिनांक 05/06/1972 से सेवानिवृत्ति तक लिए गये आंशिक अग्रिम आहरणो की प्रमाणित सूची कोषालय व्हाउचर क्रमांक व दिनांक सहित उल्लेख हो ।
iv) अभिदाता की मृत्यु की स्थिति में मूल नामांकन, यदि मूल नामांकन उपलब्ध नहीं है तो आहरण अधिकारी का प्रमाण पत्र की नामांकन पत्र उपलब्ध नहीं है तथा परिवार के सदस्यों की सूची, यदि परिवार नहीं है तो सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र ।
i) निर्धारित प्रारूप में आवेदन चेक लिस्ट से जांच कर सभी प्रविष्टीयां पूर्ण की गई हों ।
ii) सामान्य भविष्य निधि पुस्तिका (पासबुक) की सत्यापित मूल प्रति ।
iii) दिनांक 05/06/1972 से सेवानिवृत्ति तक लिए गये आंशिक अग्रिम आहरणो की प्रमाणित सूची कोषालय व्हाउचर क्रमांक व दिनांक सहित उल्लेख हो ।
iv) अभिदाता की मृत्यु की स्थिति में मूल नामांकन, यदि मूल नामांकन उपलब्ध नहीं है तो आहरण अधिकारी का प्रमाण पत्र की नामांकन पत्र उपलब्ध नहीं है तथा परिवार के सदस्यों की सूची, यदि परिवार नहीं है तो सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र ।
अंतिम भुगतान की प्रक्रिया क्या है ?
सेवा निवृत्त अभिदाता /मृतक अभिदाता के प्रकरणों में दावेदार जैसे भी स्थिति हो के संदर्भ में निर्धारित प्रारूप पंचम अनुसूची में विभाग द्वारा आवेदन पत्र पूर्ण कर व जांच सूची अनुसार सम्पूर्ण दस्तावेज़ संलग्न कर महालेखाकार को प्रस्तुत किया जावेगा । प्रारूप इस कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है ।
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया क्या है ?
महालेखाकर कार्यालय की वैबसाइट पर Online Grievance Redressal पर की जा सकेगी. आपकी समस्या का समाधान ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के एक माह के अंदर सुचित किया जावेगा ।
लेखा सुधार अभिदाता के लेखे में कब पारिलक्षित होगा ?
वर्ष के अंत में लेखा संबरण के पश्चात जारी लेखा विवरण में वर्ष के दौरान किये गए समस्त सुधार पारिलक्षित होंगे ।
क्या अगिमों की वसूली खाते में जमा होने पर भी अग्रिम को शेष में से घटाना आवश्यक है ?
हाँ . अग्रीमो की आहरित राशि खाते के शेष निर्धारण करते समय कम की जावेगी एवं अग्रिम के विरुद्ध प्राप्त वसूलियाँ खाते में जमा की जावेगी ।
खाता सुधार हेतु मान्य किये जाने वाले सत्यापित विवरण क्या है ?
i) सत्यापित पासबुक की प्रति जिसमें व्हाउचर क्रमांक एवं दिनांक सहित कटोत्रे /आहरणो का विवरण हो ।
ii) सत्यापित व्हाउचर /कटोत्रा पत्रकों की फोटोप्रति जिसमें मुख्यशीर्ष, आहरण अधिकारी का नाम, व्हाउचर क्रमांक एवं दिनांक अंकित हो ।
iii) आहरण एवं संबितरण द्वारा सत्यापित विवरण ।
iv) कैश बुक की फोटोप्रति, बिल रजिस्टर इत्यादि ।
ii) सत्यापित व्हाउचर /कटोत्रा पत्रकों की फोटोप्रति जिसमें मुख्यशीर्ष, आहरण अधिकारी का नाम, व्हाउचर क्रमांक एवं दिनांक अंकित हो ।
iii) आहरण एवं संबितरण द्वारा सत्यापित विवरण ।
iv) कैश बुक की फोटोप्रति, बिल रजिस्टर इत्यादि ।
पासबुक के संधारण किस प्रकार किया जावेगा ?
प्रत्येक आहरण संबितरण अधिकारी द्वारा उनके अधीनस्थ समस्त सामान्य भविष्य निधि के सदस्यों की पासबुक संधारण की जावेगी । पासबुक माहबार /वर्षवार तैयार की जावेगी । इसमें समस्त कटोत्रे /आहरणो के पूर्ण विवरण दर्ज किए जावेंगे जिसमे कटोत्रों /आहरणों का माह कोषालय व्हाउचर्स क्रमांक कटोत्रे की राशि देयकों की राशि आदि का विवरण दिया जावेगा । आहरणों बावत स्वीकृति व आहरणों की टीप भी स्पष्टतः दी जानी चाहिये । वर्ष के अंत में पासबुक में ब्याज की राशि का गणना सहित संबरण करना चाहिये । प्रत्येक वर्ष की पासबुक आहरण अधिकारी से सत्यापित की जानी आवश्यक है ।
क्या विभाग को अभिदाता की भविष्य निधि पासबुक का संधारण अनिवार्य है ?
हाँ , मध्य प्रदेश शासन, वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ.बी 9/1/83/नि.-2. चार दिनांक 14-02-1983 के अनुसार ।
स्वीकृति आंशिक अंतिम आहरणो की प्रविष्टियां क्या सेवा पुस्तिका में भी की जाती है ?
हाँ । दिनांक 05/06/1972 के पश्चात स्वीकृति किए गए तथा भुगतान किए गए आंशिक अंतिम आहरणो का इंदराज संबन्धित कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में अनिवार्य रूप से किया जावे । (मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग आदेश क्र. एफ.बी.9/1/84/नि.2/चार दिनांक 31/07/1984)
यदि खाता ऋणात्मक शेष है तो ब्याज का क्या प्रावधान है ?
खाता ऋणात्मक होने पर 2.5 % अतिरिक्त ब्याज चालू ब्याज दर के साथ लागू होगी (नियम 15 के अनुसार)।
क्या परिवर के सदस्य के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति को सामान्य भविष्य निधि के लिए नामित किया जा सकता है ?
नहीं , सामान्य भविष्य निधि नियम 2c (i)(a) & (ii) मे परिभाषित केवल परिवार के सदस्यों को ही नामित किया जा सकता है ।
अभिदान की अधिकतम दर क्या है ।
कुल परिलब्धियों से अधिक नहीं ।
अभिदान की न्यूनतम दर क्या है ।
कुल परिलब्धियों का 12 प्रतिशत (नियम 11) ।
क्या सामान्य भविष्य निधि में अंशदान आवश्यक है ?
निलंबन अवधि एवं सेवा निबृत्ति के चार माह पहले छोड़ कर प्रत्येक माह मासिक अभिदान आवश्यक है। अर्धबैतनिक अवकाश की दशा मे वैकल्पिक है । अतः लिखित सहमति पर ही अभिदान किया जा सकता है । (नियम 10 )
सामान्य भविष्य निधि में अभिदान की पात्रता किसे है ?
जो 1 जनवरी 2005 से पूर्व स्थायी या अस्थायी रूप से नियुक्त / ठेके पर रखे गए या पुनर्नियुक्ति पर हैं को छोड़ कर , शासकीय सेवक जिनकी सेवा शर्ते तय करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार सक्षम है । (नियम 4)
मध्य प्रदेश में सामान्य भविष्य निधि खातों का संधारण किसके द्वारा किया जाता है ?
महालेखाकार कार्यालय (लेखा एवं हकदारी) द्वितीय मध्य प्रदेश द्वारा मध्य प्रदेश राज्य के अधिकारियों /कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि लेखा मध्य प्रदेश सामान्य भविष्य निधि नियम 1955 के प्रावधानों के अनुरूप संधारित किया जाता है ।