एएमजी-I (ऑडिट सेक्टर)

एएमजी-I (ऑ. से.) में 2 अनुभाग हैं:

ए. मुख्यालय-I

 बी. मुख्यालय-II

ए-मुख्यालय-I-

शाखा अधिकारी: श्री पार्थ बसु, व. लेखापरीक्षा अधिकारी,

दूरभाष सं. (033)-2358-6886/92 (एक्सटेंशन 206)

मुख्यालय-I के 02 उप अनुभाग हैं: -

  1. समन्वय शाखा

समन्वय शाखा के कार्य निम्नलिखित हैं:

  • समन्वय शाखा को एएमजी-I के मुख्यालय/नियंत्रक शाखा के रूप में नामित किया गया है क्योंकि यह समूह अधिकारी की ओर से एएमजी-I के अंतर्गत श्रमशक्ति को नियंत्रित करता है।
  • अवकाश/ प्रशिक्षण रिजर्व के प्रबंधन सहित एएमजी-I समूह के अंतर्गत श्रमशक्ति की कोई भी नियुक्ति/पुनर्नियुक्ति इस शाखा द्वारा की जाती है।
  • मुख्यालय में अस्थायी रूप से उपस्थित फील्ड ऑडिट कार्मिकों के उपस्थिति का प्रबंध करना।
  • ऑडिट यूनिवर्स के आवश्यक एवं आवधिक जोखिम मुल्यांकन के माध्यम से वार्षिक लेखापरीक्षा योजना एवं त्रैमासिक लेखापरीक्षा कार्यक्रम को तैयार, निष्पादन एवं निगरानी (संबंधित पत्राचार सहित) में समूह अधिकारी का सहयोग करना।
  • शिकायतों (एएमजी-I समूह के स्टाफ के प्रति प्राप्त) की देखरेख।
  • प्राथमिकता के आधार पर लेखापरीक्षा इकाइयों की निरीक्षण/पुर्न-लेखापरीक्षा/विशेष लेखापरीक्षा आदि के लिए सूची तैयार करना।
  • निरंतर आधार पर समूह की प्रशिक्षण आवश्यकताओं का आकलन करना एवं संकाय समर्थन सहित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रबंधन, नामांकन तथा सूची बद्धता के संबंध में प्रशासन स्कंधों के मध्य समन्वय स्थापित करना।
  • त्रैमासिक बैठकों का आयोजन करना।
  • प्रशासन को अवकाश संबंधित मामले (एएमजी-I के सभी फिल्ड स्टाफ व शाखा के अंतर्गत तैनात स्टाफ), उपस्थिति, लेखापरीक्षा दौरा संबंधित रिटर्न (जहां लागू हो), प्रशिक्षण प्रतिपुष्टि इत्यादि को समेकित, रिपोर्टिंग एवं अग्रेषित करना।  
  • प्रत्येक वर्ष निष्पादन मूल्यांकन प्रतिवेदन तैयार करना।
  • फिल्ड लेखापरीक्षा पार्टियों की उपस्थिति का मासिक मूल्यांकन करना।
  • शाखा के कार्यों से संबंधित प्रबंधन सूचना प्रणाली (प्रचलन में) का रखरखाव व संचालन करना।
  • शाखा द्वारा चिह्नित एवं संचालित अभिलेखों का अंकरूपण (डिजिटाइज़ेशन) करना।
  • निर्धारित अवधारणा अवधि के प्रति शाखा द्वारा संचालित किए जा रहे अभिलेखों का आवधिक मूल्यांकन करना तथा अभिलेखों की समेकित सूची, जिसका निपटान किया जाना है।
  • विभागाध्यक्ष या समूह अधिकारी द्वारा सौंपे गए अन्य कार्य/उत्तरदायित्व।

2. निरीक्षण प्रतिवेदन शाखा

  निरीक्षण प्रतिवेदन शाखा का कार्य निम्नलिखित के संदर्भ में लेखापरीक्षा निष्पादन करना है:-

खाद्य व आपूर्ति, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं उद्यानिकी विभाग, मत्स्य विभाग एवं उपभोक्ता मामले विभाग।

  • निरीक्षण प्रतिवेदन की प्राप्ति एवं जारी किये जाने पर अनुवीक्षण करना।
  • मसौदा निरीक्षण प्रतिवेदन की प्राप्ति, अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), सत्यापन एवं संवितरण करना।
  • अनुमोदित निरीक्षण प्रतिवेदन को समय से प्राप्त करना, अभिलेखन (रिकॉर्डिंग) करना तथा जारी करना।
  • समाचार पत्र/प्रेस क्लिपिंग (कतरन) का प्रबंधन व विश्लेषण करना।
  • आपत्ति पुस्तिका, नियंत्रण पंजिका, समायोजन पंजिका तथा अन्य विवरणी (रिटर्न) संबंधित आंतरिक नियंत्रण दस्तावेज़ों का प्रबंधन करना।
  • शाखा में तैनात स्टाफ के अवकाश संबंधी मामले।
  • ब्रॉडशीट उत्तरों का प्रसंस्करण करना।
  • निरीक्षण प्रतिवेदन जारी करने के पश्चात् उसकी प्रगति की अनुवीक्षण हेतु समूह अधिकारी  को सहयोग करना तथा ब्रॉडशीट उत्तरों (यदि निर्धारित समयावधि के भीतर प्राप्त न हुआ हो) प्रस्तुत करने के लिए लेखापरीक्षा इकाइयों से पत्राचार करना।
  • लेखापरीक्षा समिति बैठकों/द्विपक्षीय बैठकों को आयोजित करने के लिए लेखापरीक्षा इकाइयों/विभाग के साथ समन्वय स्थापित करना।
  • सूचना के अधिकार (आरटीआई) संबंधी प्रश्नों का प्रसंस्करण करना।
  • आवश्यकतानुसार राज्य सरकार के साथ पत्राचार करना।
  • समूह अधिकारी के अनुमोदन हेतु मसौदा निरीक्षण प्रतिवेदन का पुनरीक्षण कागजी रूप में या डिजिटल माध्यम से निर्धारित समय नियमावली के अंतर्गत सम्पन्न करना अर्थात् लेखापरीक्षा की समाप्ति की तिथि से 30 दिनों के भीतर निरीक्षण प्रतिवेदन जारी किया जाना जरूरी है।
  • समूह अधिकारी द्वारा मसौदा निरीक्षण प्रतिवेदन के लिए प्रस्तावित  परिवर्तन, यदि कोई हो, को समेकित करना।
  • फिल्ड लेखापरीक्षा पार्टी का मूल्यांकन करना तथा अनुमोदनार्थ समूह अधिकारी को प्रस्तुत करना।

निरीक्षण प्रतिवेदन का मूल्यांकन (निरीक्षण प्रतिवेदन की ग्रेडिंग)।

 

बी. मुख्यालय-II

शाखा अधिकारी: श्री सुप्रिया खान, वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी

दूरभाष सं. 033-2358-6886/92 (एक्सटेंशन-207)

मुख्यालय-II के दो उप अनुभाग हैं:-

  1. निरीक्षण प्रतिवेदन शाखा:- निरीक्षण प्रतिवेदन शाखा का कार्य निम्नलिखित के संदर्भ में लेखापरीक्षा करना है – कृषि, कृषि विपणन, पशु संसाधन विभाग एवं सहकारिता विभाग
  2. लेखा (वाणिज्यिक शाखा)

 

  • -I/निरीक्षण प्रतिवेदन/लेखा (पुनरीक्षण कक्ष सहित)

 

मसौदा निरीक्षण प्रतिवेदन को प्राप्त करना एवं पुनरीक्षित करना तथा साथ ही, पुनरीक्षित मसौदा निरीक्षण प्रतिवेदन को समूह अधिकारी के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करना, प्राप्त अभ्युक्तियों पर अनुवर्ती कार्रवाई करना।

 

निरीक्षण प्रतिवेदन पर अनुवर्ती कार्रवाई करना। लेखापरीक्षित इकाई से प्राप्त निरीक्षण प्रतिवेदन पर ब्रॉडशीट उत्तरों की समीक्षा करना।

लेखापरीक्षा समिति की बैठकों में समन्वय तथा प्रतिभागिता करना। निरीक्षित एवं अनुमोदित निरीक्षण प्रतिवेदन को टंकण करना। निरीक्षण प्रतिवेदन के टंकित कम्प्यूटरीकृत प्रतियों का मिलान करना तथा उनको जारी करना, फिल्ड पार्टियों को पुराने निरीक्षण प्रतिवेदन जारी करना।

 

निरीक्षण प्रतिवेदन पर ब्रॉडशीट उत्तरों के लिए लेखापरीक्षित इकाई/विभाग को अनुस्मारक जारी करना।

 

लेखापरीक्षा प्रतिवेदन हेतु संक्षिप्त पैरा तैयार करना। लेखापरीक्षा नोटबुक के माध्यम से निरीक्षण प्रतिवेदन के महत्वपूर्ण पैराग्राफों का अवलोकन करना। विगत निरीक्षण प्रतिवेदन के बकाया पैराग्राफों की समीक्षा करना।

 

रिपोर्ट/विवरणी (रिटर्न) प्रस्तुत करना। पत्र/फैक्स मेसेज/टेलीग्राम इत्यादि की प्राप्ति एवं निपटान करना।

 

आपत्ति पुस्तिका का रखरखाव। समायोजन पंजिका का रखरखाव।

 

सीएण्डएजी (डीपीसी) अधिनियम, 1971 की धारा 19 तथा 20 के अंतर्गत किए गए व्यय के विवरण पर लेखापरीक्षा प्रमाण-पत्र जारी करना। प्रोफार्मा लेखा पर लेखापरीक्षा प्रमाण-पत्र जारी करना।

 

सीएण्डएजी (डीपीसी) अधिनियम, 1971 की धारा 19 तथा 20 के अंतर्गत किए गए व्यय के विवरण/निष्पादन लेखापरीक्षा पर लेखापरीक्षा प्रमाण-पत्र जारी करना।

 

लेखा के उचित शीर्ष में लेखापरीक्षा शुल्क के सटीक क्रेडिट के अनुवीक्षण हेतु लेखापरीक्षा शुल्क की गणना करना।

 

स्वायत्त निकायों के आवधिकता पंजिका की देखरेख करना तथा लेखापरीक्षा के लिए विश्व बैंक/बाह्य रूप से संयोजित परियोजनाओं से संबंधित रिपोर्ट एवं विवरणी (रिटर्न) की देखरेख करना।

 

एसएआर पर तिमाही प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करना।

 

सीएण्डएजी (डीपीसी) अधिनियम की धारा 14,19(1), (3) के अंतर्गत लेखापरीक्षा की समाप्ति पर मुख्यालय को वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत करना, सीएण्डएजी के (डीपीसी) अधिनियम की धारा 19(1), (3) के अंतर्गत लेखापरीक्षा की आवधिकता की समीक्षा करना।

 

राज्य स्वायत्त निकायों के लेखापरीक्षा में सीएण्डएजी (डीपीसी) अधिनियम की धारा 14 तथा 19 की प्रयोज्यता की जांच करना तथा उसको सुनिश्चित करना।

राज्य स्वायत्त निकायों के लेखापरीक्षा में सीएण्डएजी (डीपीसी) अधिनियम की धारा 14 तथा 19 की प्रयोज्यता के संबंध में मुख्यालय/राज्य सरकार के साथ पत्राचार करना।

 

स्वायत्त निकायों के अधिरोपित लेखापरीक्षा में, जहाँ प्राथमिक लेखापरीक्षक, स्वतंत्र चार्टर्ड अकाउन्टेंट है, सीएण्डएजी (डीपीसी) अधिनियम की धारा 14 के प्रयोज्यता को चिन्हित करने के लिए वार्षिक लेखाओं का परीक्षण करना।

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