डी.डी.ओ. द्वारा प्रेषित अंतिम भुगतान के आवेदन संबन्धित दिशा निर्देश:

  • आवेदन पत्र निर्धारित प्रोफ़ोरमा यानि 10-ए, 10-बी अथवा मृत्यु केस के संबंध मे फोरम 10-सी मे उचित रित से भरना चाहिए, और उसे डी.डी.ओ./एच.ओ.डी. द्वारा अभिप्रमाणित करना चाहिए।
  • सामान्य भविष्य निधि के अंतिम अंशदान संबन्धित माहिती, ट्रेजरी का नाम, वाउचर नंबर, माह, एवं राशि की माहीटी देनी चाहिए।
  • पिछले बारह महीने मे की गयी निकासी की माहिती ट्रेजरी का नाम, वाउचर नंबर, माह, एवं राशि की माहीटी देनी चाहिए।
  • 90% निकासी की माहीती, अगर ली गयी है तो, पूर्णतः इससे संबन्धित माहिती देनी चाहिए और अगर 90% निकासी नहीं की गयी है तो डी.डी.ओ. द्वारा इससे संबन्धित प्रमाणपत्र ‘की भविष्य मे सामान्य भविष्य निधि आवेदन, इस कार्यालय को प्रेषित करने के बाद, 90% निकासी नहीं की जाएगी’एसा प्रमाणपत्र देना चाहिए।
  • स्वैछिक निवृति, बर्खास्तगी, निवृति के आदेश पत्र आवेदन के साथ शामिल होने चाहिए।
  • मृत्यु केस मे अंशदाता के मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ अंशदाता की मृत्यु सेवा काल के दरम्यान हुयी है यां नहीं ऐसा प्रमाणपत्र भी देना चाहिए, तांकी डी.एल.आई. का भुगतान सही तरीके से हो सके।
  • अगर अंशदाता की मृत्यु होती है तो
    • अगर नामंकान मोजूद है तो नामांकन मे दर्शित भाग अनुसार अंतिम भुगतान का प्राधिकार पत्र दर्शित नामांकित कुटुंब के सभ्यो के पक्ष मे जारी किया जाएगा।
    • अगर कुटुंब के सभ्यो मे से किसी का भी नाम नामांकित नहीं किया गया है तो, कुटुंब के सभी सभ्यो को अंतिम भुगतान राशि का बराबरी का हिस्सा एकसमान अदा किया जाएगा। डी.डी.ओ. द्वारा कुटुंब के सदस्यों के नाम की पुष्टि/प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए और इसको आधार मानते हुए कार्यवाई की जानी चाहिए। जीपीएफ़ रुल्स मे दिये गए दिशानिर्देश के अनुसार कुटुंब की व्याख्या की जानी चाहिए।
    • अगर नामांकन नहीं है और साथ मे अंशदाता का कुटुंब भी नहीं है, तो ऐसे मृत्यु केस मे वारसाई अथवा तो और कोई कायदाकीय तरीके से उत्तराधिकारी अधिकार स्थापित करना चाहिए।