राज्य विधानमंडल के समक्ष रखी जाने वाली भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट संविधान के अनुच्छेद 151 के अंतर्गत केरला के राज्यपाल को प्रस्तुत करने के लिये तैयार की जाती है । रिपोर्ट का प्राथमिक उद्देश्य लेखापरीक्षा के महत्वपूर्ण परिणामों को राज्य विधानमंडल के ध्यान में लाना है । भा.नि.म.लेप. के लेखाकरण मानक 2017 में भी निर्दिष्ट किया है कि भारत के सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थान की लेखापरीक्षा रिपोर्टें जिसमें इसकी लेखापरीक्षा के परिणामस्वरूप इसके निष्कर्ष एवं संस्तुतियाँ शामिल हैं, संबंधित विधानमंडल के पटल पर या आवश्यकतानुसार लेखापारिक्षित इकाई के शासकीय निकाय को प्रस्तुत की जायेगी और इसके बाद यह सार्वजनिक संपत्ति होगी ।

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