1. ऑडिट अधिदेश में, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, उसके द्वारा या उसकी ओर से किए जाने वाले ऑडिट के विस्तार और क्षेत्र को तय करने वाला मुख्य प्राधिकारी है। ऐसा प्राधिकार केवल लेखापरीक्षा उद्देश्य को प्राप्त करने तक ही सीमित नही है।
  2. अधिदेश के तहत, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक मोटे तौर पर वित्तीय लेखापरीक्षा, अनुपालन लेखापरीक्षा और निष्पादन लेखापरीक्षा करता है।
  3. लेखापरीक्षा में, लेखापरीक्षा की जाने वाली इकाईयों के आंतरिक नियंत्रण का मूल्यांकन शामिल है। ऐसा मूल्यांकन लेखापरीक्षा के एक अभिन्न घटक के रूप में या एक अलग लेखापरीक्षा कार्य के रूप में किया जा सकता है।

इसके अलावा, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक, अधिदेश को पूरा करने और लेखा परीक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किसी लेनदेन, कार्यक्रम या संगठन की कोई अन्य लेखापरीक्षा करने का निर्णय ले सकता है।

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