इतिहास 

1923 – तर्क रूप से इस कार्यालय के प्रारंभ के साक्ष्य 1923 में दिल्ली में स्थापित, इंडियन   स्टोर डिपार्टमेंट में ढूँढे जा सकते हैं।

1939 (अगस्त) लेखापरीक्षा विभाग का नाम बदलकर मुख्य लेखापरीक्षक, इंडियन स्टोर डिपार्टमेंट किया गया।

1940 (सितंबर)यह लेखापरीक्षा कार्यालय सितंबर 1940 से कलकत्ता में एक शाखा कार्यालय के साथ आपूर्ति लेखा नियंत्रक के रूप में जाना गया।

1942 (अक्टूबर)उपरोक्त कार्यालय का नाम मुख्य नियंत्रक, आपूर्ति लेखा सुनिश्चित किया गया और दूसरी शाखा बम्बई में खोली गई।

1947 (अप्रैल) – कार्यालय को महालेखाकार खाद्य, उद्योग एवं आपूर्ति के रूप में जाना जाने लगा।

1948 - कार्यालय का नाम पुनः महालेखाकार खाद्य, राहत एवं आपूर्ति एवं तत्पश्चात महालेखाकार खाद्य पुनर्वास और आपूर्ति, कलकत्ता और बम्बई शाखा कार्यालयों के साथ परिवर्तित किया गया।

1955 (अप्रैल) – मुख्य लेखापरीक्षा अधिकारी खाद्य, पुनर्वास एवं आपूर्ति अस्तित्व में आया। स्वतंत्रता के पश्चात प्रथम मुख्य योजना सिविल विभाग में लेखापरीक्षा को लेखा से पृथक करने हेतु अप्रैल 1955 में खाद्य पुनर्वास एवं आपूर्ति विभाग में शुरू की गई जब मुख्य वेतन एवं लेखा अधिकारी से नियंत्रणाधीन (सिविल) पृथक रूप से वेतन एवं लेखा कार्यालयों को बनाया गया। परिणामस्वरूप 1372 कर्मचारियों के नए वेतन एवं लेखा संस्थान में चले जाने के कारण कार्यालय महालेखाकार खाद्य एवं पुनर्वास एवं आपूर्ति (ए.जी.एफ.आर.एस) में कर्मचारियों की संख्या 165 रह गई जो कि इस अलगाव से पूर्व 1537 थी। 160 कर्मचारियों के अवशिष्ट कार्यालय को खाद्य पुनर्वास एवं आपूर्ति विभागों की लेखापरीक्षा का कार्य सौंपा गया एवं कार्यालय का नाम मुख्य लेखापरीक्षा अधिकारी खाद्य, पुनर्वास एवं आपूर्ति रखा गया।

1958 (मार्च) वाणिज्य, उद्योग एवं उत्पादन मंत्रालय से संबंधित लेखा एवं लेखापरीक्षा का कार्य इस कार्यालय अर्थात मुख्य लेखापरीक्षा अधिकारी खाद्य, पुनर्वास एवं आपूर्ति को हस्तांतरित किया गया। तथा कर्मचारियों की संख्या 749 हो गई, जो अक्टूबर 1960 तक 927 तक पहुँच गई। अप्रैल 1955 से पूर्व सी.पी.ए.ओ. और ए.जी.एफ.आर.एस. में संयुक्त रूप से नियुक्त किए गए कर्मचारी अंततः अप्रैल 1971 में पृथक किए गए एवं अपने संबंधित कार्यालयों में आबंटित किए गए।

1958 (मार्च)उपमहालेखाकार उत्पादन, वाणिज्य एवं उद्योग के कार्य मुख्य लेखापरीक्षा अधिकारी (एफ.आर.एस.) के साथ विलय कर दिए गए।

1958 (अप्रैल)कार्यालय का नाम बदलकर निदेशक लेखापरीक्षा, खाद्य, पुनर्वास, आपूर्ति, वाणिज्य. स्टील और खान (डी.ए.एफ.आर.एस.सी.एस.एंड एम.) कर दिया गया।

1961 (नवंबर)प्रक्रियात्मक आधार पर तत्कालीन कार्यालय महालेखाकार, केंद्रीय राजस्व (ए.जी.सी.आर.) नई दिल्ली के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सी पी डब्ल्यू डी, सिंचाई एवं ऊर्जा मंत्रालय और परिवहन एवं संचार मंत्रालय के लेखापरीक्षा एवं लेखा कार्यों के साथ इस कार्यालय को हस्तांतरित कर दिया गया। तत्पश्चात कार्यालय का नाम बदलकर महालेखाकार वाणिज्य, निर्माण एवं विविध कर दिया गया।

1976 1976 में लेखा एवं हकदारी संबंधी कार्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों को हस्तांतरित कर दिए गए। इस कार्यालय के 1280 कर्मचारियों (शाखा कार्यालयों सहित) को विभिन्न वेतन एवं लेखा कार्यालयों में हस्तांतरित कर दिया गया एवं कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या घटकर 790 रह गई।

1979 (1 अप्रैल)कार्यालय का नाम बदलकर निदेशक लेखापरीक्षा, वाणिज्य, निर्माण व विविध कर दिया गया।

1986 (अप्रैल)आगे पुनः अप्रैल 1986 में पुनर्गठन हुआ और एक नया कार्यालय निदेशक लेखापरीक्षा, वाणिज्य, निर्माण व विविध –II का गठन किया गया। कलकत्ता, मुम्बई एवं चेन्नई में स्थित शाखा कार्यालयों का प्रशासनिक नियंत्रण इस कार्यालय निदेशक लेखापरीक्षा, वाणिज्य, निर्माण एवं विविध से कार्यालय डी ए सी डब्लयू एम-आर को हस्तांतरित कर दिया गया। वैज्ञानिक विभागों/इकाईयों जैसे आई.सीए.आर, जी.एस.आई. आदि जिनकी लेखापरीक्षआ पूर्व में इस कार्यालय द्वारा सम्पन्न की जाती थी, नए कार्यालय निदेशक लेखापरीक्षा, वाणिज्य, निर्माण एवं विविध को हस्तांतरित कर दी गई। दिल्ली से बाहर स्थित विभिन्न  मंत्रालयों/विभागों के विभिन्न कार्यालयों एवं इकाईयों की लेखापरीक्षा जो पूर्व में इस कार्यालय के द्वारा सम्पन्न की जाती थी, संबंधित राज्य महालेखाकारों (लेखापरीक्षा) को सौंप दी गई।

1990 (1 मार्च)तत्पश्चात इस कार्यालय का नाम बदलकर प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा, आर्थिक एवं सेवा मंत्रालय कर दिया गया। इसी प्रकार, कार्यालय निदेशक लेखापरीक्षा सी डब्लयू-एम-II का नाम प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा, वैज्ञानिक विभाग कर दिया गया।

2020 (May 22) - केंद्रीय लेखा परीक्षा कार्यालयों के पुनर्गठन के बाद, इस कार्यालय को बाद में प्रधान निदेशक, लेखा परीक्षा, उद्योग और कॉर्पोरेट मामले, नई दिल्ली में बदल दिया गया। इसी प्रकार प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा, वैज्ञानिक विभाग कार्यालय का नाम भी परिवर्तित कर महानिदेशक लेखापरीक्षा, पर्यावरण एवं वैज्ञानिक विभाग कर दिया गया।

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