भारत के संविधान के अनुच्छेद 149-151 में भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (कैग) का प्रावधान है, जो संघ और राज्यों दोनों के लिए संसद द्वारा निर्धारित लेखापरीक्षा और लेखा के कर्तव्यों को निभाने हेतु जिम्मेदार है। कैग (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 (डीपीसी अधिनियम) में संसद द्वारा कैग के कार्यों का निर्धारण किया गया हैं।

डीपीसी अधिनियम की धारा 13 से 20 तक में कैग के कर्तव्यों को समेकित निधि, आकस्मिक निधि और संघ, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सार्वजनिक खातों से संबंधित खातों की लेखापरीक्षा और लेनदेन के संबंध में परिभाषित किया गया है। कैग कुछ राज्य अधिनियमों के प्रावधानों के तहत स्थानीय निकायों (यानी पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों) के लेखापरीक्षा के लिए भी जिम्मेदार है और सभी राज्यों में लेखा और लेखापरीक्षा कार्यों के लिए तकनीकी और प्रशासनिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। तदनुसार, कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा-II) राजस्थान अपने लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार के तहत विभागों और अन्य इकाइयों के लिए लेखापरीक्षा करता है।

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