वित्तीय
राजस्थान

प्रतिवेदन संख्या 2 वर्ष 2023 राज्य वित्त लेखापरीक्षा (राजस्थान सरकार )

दिनांक जिस पर रिपोर्ट की गई है:
Wed 19 Jul, 2023
शासन को रिपोर्ट भेजने की तिथि:
सरकार के प्रकार:
राज्य
क्षेत्र वित्त

अवलोकन

अवलोकन

यह प्रतिवेदन 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए लेखापरीक्षित लेखों के आधार पर राजस्थान सरकार के वित्त की विश्लेषणात्मक समीक्षा प्रदान करता है। राज्य के वित्तीय निष्पादन का आंकलन सरकार के राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध अधिनियम, बजट दस्तावेजों, वर्ष 2021-22 की आर्थिक समीक्षा, पन्द्रहवें वित्त आयोग का प्रतिवेदन और विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों से प्राप्त किये गए अन्य वित्तीय आंकड़ों के आधार पर किया गया है।

प्रतिवेदन

इस प्रतिवेदन को पांच भागों में बाँटा गया है:

अध्याय 1-विहंगावलोकन: यह अध्याय प्रतिवेदन के आधार एवं दृष्टिकोण तथा अंतर्निहित आंकड़ों का वर्णन करता है, सरकारी लेखों की संरचना, बजटीय प्रक्रियाओं, प्रमुख सूचकांकों के वृहत राजकोषीय विश्लेषण और घाटे/अधिशेष सहित राज्य की राजकोषीय स्थिति पर विहंगावलोकन प्रदान करता है।

अध्याय 2-राज्य का वित्त: यह अध्याय राज्य के वित्त का एक व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है, पिछले वर्ष के सापेक्ष प्रमुख राजकोषीय समग्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तनों, पिछले पांच वर्षों के दौरान समग्र प्रवृतियों, राज्य की ऋण रुपरेखा और लोक लेखे के प्रमुख लेनदेनों, मुख्य रूप से राज्य के वित्त लेखों पर आधारित, का विश्लेषण करता है।

अध्याय 3-बजटीय प्रबंधन: यह अध्याय राज्य के विनियोग लेखों पर आधारित है और राज्य सरकार की विनियोजन और आवंटन प्राथमिकताओं की समीक्षा करता है तथा बजटीय प्रबंधन से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों से विचलन को प्रतिवेदित करता है।

अध्याय 4-लेखों की गुणवत्ता और वित्तीय रिपोर्टिंग: यह अध्याय राज्य सरकार के विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा प्रस्तुत लेखों की गुणवत्ता और राज्य सरकार के विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा निर्धारित वित्तीय नियमों और विनियमों का अनुपालन नहीं करने के मुद्दों पर टिप्पणी करता है।

अध्याय 5- राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (एसपीएसयू) के वित्तीय प्रदर्शन: यह अध्याय राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (एसपीएसयू) के वित्तीय प्रदर्शन सरकारी कंपनियों, सांविधिक निगमों और सरकार द्वारा नियंत्रित अन्य कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन पर चर्चा करता है जैसा कि उनके नवीनतम लेखों और उनके द्वारा दी गई जानकारी से पता चलता है और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की निगरानी भूमिका के परिणामों को प्रस्तुत करता है।

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