सिविल लेखापरीक्षा
राज्य सरकार के लेखों की मुख्य लेखापरीक्षा का कार्य कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा व हकदारी) गुजरात, राजकोट व अहमदाबाद में स्थित वित्तीय सहायक लेखापरीक्षा दलों के द्वारा किया जाता है। साथ ही गुजरात राज्य में स्थित राज्य सरकार वित्त पोषित प्राधिकरण/निकायों के लेखों की स्थानीय लेखा परीक्षा साथ ही राज्य सरकार के क्षेत्री कार्यालयों की लेखापरीक्षा क्षेत्रीय लेखापरीक्षा दल द्वारा की जाती है। राज्य सरकार के स्थानीय निकायो की लेखा परीक्षा के संबंध में जो की सरकार के स्थानीय वित्त निकाय हैं प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I) राजकोट इस संबंध में जांचकर्ता पर्यवेक्षकों को तकनीकी दिशा निर्देश प्रदान करता है।
वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा
राज्य सरकार के कार्यालयों/ विभिन्न संगठनों की क्षेत्रीय दलों द्वारा की जाने वाली स्थानीय लेखापरीक्षा के अतिरिक्त, कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखा व हकदारी) राजकोट एवं अहमदाबाद गुजरात में प्राप्त होने वाले वाउचर्स एवं अन्य दस्तावेजों की संस्वीकृति की लेखापरीक्षा वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा अनुभागों के पर्यवेक्षण तथा दिशा निर्देशों के अधीन वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा दलों द्वारा की जाती है।
स्थानीय लेखापरीक्षा
भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के (कर्तव्य, शक्तियाँ एवं सेवा की शर्तें) का अधिनियम 1971 की धारा 13-20 के अंतर्गत गुजरात सरकार के सभी विभागों तथा (पीआरआईएस/यूएलबीएस) के स्थानीय निकायों की स्थानीय लेखापरीक्षा प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I) के नियंत्राधिन है तथा इनकी लेखापरीक्षा भी इस कार्यालय के द्वारा की जाती है। व्यय की लेखापरीक्षा व्यापक है और इसमें निम्न सम्मिलित हैं:
निधि हेतु किए गए प्रावधान की लेखापरीक्षा
- निधि के प्रावधानों की लेखापरीक्षा
- नियमितता लेखापरीक्षा
- औचित्य लेखापरीक्षा
- निष्पादन लेखापरीक्षा
- प्रणाली लेखापरीक्षा
प्रमाणन लेखापरीक्षा
विनियोजन लेखों तथा वित्तीय लेखों की प्रमाणन लेखापरीक्षा प्रधान महालेखाकार लेखापरीक्षा–II, अहमदाबाद के एफ़आईएनएटी-एसएफ़आर विंग के द्वारा की जाती है।
विश्व बैंक तथा विदेश एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओ की प्रमाणन लेखापरीक्षा इस कार्यालय द्वारा की जाती है, यदि ऐसे प्रकल्प जिन्हें राज्य सरकार के विभागों द्वारा कार्यान्विन्त किया गया हो। इस कार्यालय द्वारा केंद्र प्रायोजित प्रकल्पों, केंद्र आयोजित सभी योजनाए तथा राज्य सरकार द्वारा आयोजित सभी योजनाओ की प्रमाणन लेखापरीक्षा भी इस कार्यालय द्वारा की जाती है।
तकनीकी दिशा निर्देश एवं सहयोग
भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कर्तव्य एवं शक्तियाँ तथा सेवा की शर्तों) के अधिनियम 1971 की धारा 20 (I) के अंतर्गत स्थानीय निधि लेखों के संबंध में, जांचकर्ता के सहयोग एवं तकनीकी दिशा निर्देशों के कार्यकलापों की लेखापरीक्षा राज्य सरकार द्वारा नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को सौंपी गई है ।
तकनीकी दिशा निर्देशों में निम्न बिन्दु सम्मिलित हैं
- लेखापरीक्षा योजना एवं लेखापरीक्षा मानक
- सर्वोच्च लेखापरीक्षा पद्यतियों को अपनाना
- लेखा व लेखापरीक्षा में प्रशिक्षण
- लेखापरीक्षण संस्थानों का टेस्ट चेक