भारत के संविधान में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सी.ए.जी) के लिए प्रावधान किया गया है जो संघ व राज्य दोनों के लिए संसद द्वारा निर्धारित नियमों के अंतर्गत लेखापरीक्षा एवं लेखों के कर्तव्यों के निष्पादन हेतु उत्तरदायी है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियाँ एवं सेवा शर्तों) के अधिनियम 1971 (डीपीसीएस अधिनियम) के अंतर्गत भारत के नियंत्रक एवं  महालेखापरीक्षक के कार्यकलाप संसद द्वारा निर्मित विधि के अधीन है। भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सी.ए.जी) का एक अभिकरण हैं।

पूर्व में सौराष्ट्र नियंत्रक के रूप में परिकल्पित यह कार्यालय, नवंबर 1956 में संयुक्त बॉम्बे प्रांत के साथ सौराष्ट्र व कच्छ के विलय के बाद महालेखाकार बॉम्बे के नियंत्रण में आया। वर्ष 1960 में गुजरात राज्य बनने के परिणामस्वरूप जून 1960 में राजकोट तथा बॉम्बे में शाखा कार्यालय के साथ अहमदाबाद में कार्यालय महालेखाकार, गुजरात की स्थापना की गई। जून 1962 में बॉम्बे शाखा का स्थानांतरण अहमदाबाद में किया गया तथा महालेखाकार, गुजरात ने राजकोट में स्थित शाखा कार्यालय के साथ कार्य करना प्रारम्भ कर दिया।

वर्ष 1984 में भारतीय लेखापरीक्षा व लेखा विभाग के पुनर्गठन के परिणाम स्वरूप कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा) II, राजकोट का गठन किया गया। 30 दिसंबर 2002 से इस कार्यालय का पुनर्नामांकरण कार्यालय महालेखाकार (सिविल ऑडिट) के रूप में किया गया।

2 अप्रैल 2012 से कार्यालय का पुन: नामांकरण कार्यालय महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखापरीक्षा) के रूप में किया गया तथा 2018 में कार्यालय का नाम कार्यालय प्रधान महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखापरीक्षा) के रूप में अदद्यतित/पुन: र्निर्मित किया गया।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के द्वारा लेखापरीक्षा कार्यालयों के पुनर्गठन के पश्चात, मई 2020 से कार्यालय का पुनर्नामांकरण कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I) के रूप में किया गया।

शाखा कार्यालय अहमदाबाद तथा मुख्यालय राजकोट सहित गुजरात राज्य के लिए भारतीय लेखा व लेखापरीक्षा विभाग में, प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I) गुजरात राज्य में, भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के प्रधान अधिकारी होंगे। गुजरात सरकार का भारतीय लेखापरीक्षा व लेखा विभाग के साथ कार्यस्तर पर समन्वय प्रधान महालेखाकार द्वारा किया जाता है। प्रधान महालेखाकार के प्रमुख लेखापरीक्षा कार्यक्षेत्र इस प्रकार हैं- इस कार्यालय के लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार के अंतर्गत सभी विभाग/ एजेंसी/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/ स्वायत्त निकायों की लेखापरीक्षा।

अप्रैल 2012 से लेखापरीक्षा कार्यालयों के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप इस कार्यालय को राज्य सरकार के सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र में आने वाले विभाग, राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम तथा स्वायत्त निकायों सहित सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र के अंतर्गत पी.आर.आई/ यू.एल.बी के तकनीकी दिशा निर्देश एवं सहायता की लेखापरीक्षा का कार्य भी सौपा गया। यह कार्यालय गुजरात राज्य के सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र की लेखापरीक्षा प्रतिवेदन भी तैयार करता है।

वर्ष 2018 में गुजरात सरकार के विनियोजन लेखों तथा वित्तीय लेखों का प्रमाणन तथा राज्य वित्तीय लेखापरीक्षा प्रतिवेदन (एसएफ़एआर रिपोर्ट) भी तैयार करने का कार्य इस कार्यालय के प्रधान महालेखाकार लेखापरीक्षा-I को सौपा गया। तदनुसार वर्ष 2017-18 से यह कार्यालय राज्य वित्त लेखापरीक्षा रिपोर्ट भी तैयार करता है।

वर्तमान में, पुनर्गठन अधिसूचना (मई 2020) के अनुसार, वित्तीय विभाग प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा II), अहमदाबाद को आवंटित किया गया, इस प्रकार वित्तीय लेखों के प्रमाणन तथा लेखापरीक्षा के कार्य तथा गुजरात सरकार के विनियोजन लेखे तथा राज्य वित्तीय लेखापरीक्षा प्रतिवेदन (एस एफ आर रिपोर्ट) को तैयार करने का कार्य प्रधान महालेखाकार (लेखपरीक्षा -II), गुजरात, अहमदाबाद को स्थानांतरित कर दिया गया है।

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