भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के लेखापरीक्षा प्रतिवेदन से संबंधित प्रावधान जिसे अध्याय अ 5 के पैराग्राफ 205 से 215 के लेखा एवं लेखापरीक्षा के नियामक में दिया गया है– उक्त को भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक भारत-2007 में निम्न प्रकार से पुन: प्रस्तुत किया गया है -

फॉर्म, सामाग्री तथा लेखापरीक्षा प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के समय के बारे में निर्णय भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षा के द्वारा लिया जाएगा।

लेखापरीक्षा प्रतिवेदन का प्रारूप, विषय वस्तु तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्णय भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षा के द्वारा लिया जाएगा।

लेखापरीक्षा रिपोर्ट में किसी मामले को शामिल करने से पूर्व सरकार को अवसर प्रदान किया जाना।

लेखापरीक्षा रिपोर्ट में किसी मामले को शामिल करने से पूर्व सरकार को अपनी टिप्पणिया, स्पष्टीकरण और निरीक्षण हेतु पर्याप्त अवसर प्रदान किया जाएगा।

प्रारूप पैराग्राफ पर सरकार से संचार व उस पर चर्चा

महालेखाकार महोदय पत्र प्राप्ति की तारीख से 6 सप्ताह की समयावधि के भीतर या विनिर्दिष्ट समय के अनुसार सरकार की टिप्पणियों, लेखा अवलोकन तथा सपष्टीकरण को सूचित करने के लिए संबंधित सचिव के नाम से सरकार के लिए प्रस्तावित लेखापरीक्षा टिप्पणियों की एक प्रति भजेंगे। महालेखाकार महोदय पूर्वोक्त अवधि के भीतर अपनी सुविधानुसार सचिव के साथ ड्राफ्ट पैराग्राफ पर चर्चा करने की पेशकश करेंगे। ऐसे प्रारूप निष्पादन लेखापरीक्षा प्रतिवेदनों के मामले में जिन पर नियम के के अंतर्गत निकासी सम्मलेलन में सचिव के साथ अलग से चर्चा कर ली गयी है, चर्चा की आवश्यकता नही होगी।

ड्राफ्ट पैराग्राफ की एक प्रति सचिव के नाम से वित्त मंत्रालय/ वित्त विभाग, भारत सरकार को महालेखाकार महोदय द्वारा प्रेषित की जाएगी।

प्रारूप पैराग्राफ पर सहायक लेखापरीक्षा शाक्ष्य के सदर्भ में टिप्पणी की जाएगी तथा ऐसे प्राशंगिक दस्तावेज़ तथा साक्ष्य की प्रतियाँ जिनकी सरकारी विभाग को आवश्यकता है, महालेखाकार (लेखापरीक्षा) द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकार द्वारा ड्राफ्ट पैराग्राफ का प्रत्युत्तर

संबंधित विभाग के सरकार का सचिव (अ) महालेखाकार लेखापरीक्षा को ड्राफ्ट पैराग्राफ की प्राप्ति की सूचना की पुष्टि कराएगा और (ब) विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर महालेखाकार (लेखापरीक्षा) को लिखित रूप में ड्राफ्ट पैराग्राफ के बारे में लिखी गयी टिप्पणियों, अवलोकन एवं स्पष्टीकरण तथा विवरणो के बारे में सूचना प्रदान करेगा। प्राप्त जवाब पर सचिव द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे अथवा उसमें सचिव द्वारा किए गए अनुमोदन का संकेत होगा।

सचिव का जवाब सरकार को इस प्रकार होगा –

क्या विभाग द्वारा प्रारोप पैराग्राफ में  उल्लेखित तथ्यों और आकड़ों को स्वीकार किया गया है, यदि नहीं तो संबंधित दस्तावेज़ और दस्तावेजों द्वारा समर्थित कारण और साक्ष्य जो विधिवत प्रमाणित किए गए है:

(ब) ड्राफ्ट पैराग्राफ के प्रारूप में शामिल मामलों पर सरकार की   टिप्पणिया, अवलोकन और स्पष्टीकरण

(स) ड्राफ्ट पैराग्राफ में सरकार द्वारा की गयी सिफ़ारिशे और सुझाव

(द) ली गयी या ली जाने वाली उपचारात्मक तथा

(ई) विभाग की टिप्पणिया अथवा अन्य अवलोकन

(3) विधान मण्डल के पटल पर लेखापरीक्षा प्रतिवेदन को प्रस्तुत करने तथा इसे तैयार करने, इसे अंतिम रूप देने के लिए महालेखाकार (लेखापरीक्षा) संबंधित सचिव द्वारा ड्राफ्ट पैरा के मसौदे पर जवाब भेजने के लिए समय बढ़ाने के अनुरोध पर विचार किया जा सकता है । ऐसा प्रत्येक अनुरोध (1) निर्धारित समय से पृथक विस्तार की मांग के कारणों को निर्दिष्ट करेगा (2) उस तिथि को बताना होगा, जिसके द्वारा ड्राफ्ट पैराग्राफ के मसौदे का जवाब महालेखाकार (लेखापरीक्षा) को भेजा जाएगा ।

(4) महालेखाकार (लेखापरीक्षा ) इस मान्यता के साथ अग्रसर होंगे कि यदि विनिर्दिष्ट समयावधि के भीतर अंतिम जवाब प्राप्त नहीं होता है अथवा विस्तारित अवधि हेतु सरकार के साथ सहमति नहीं बनती है तथा पैराग्राफपर इस मामले पर कोई टिप्पणी, अवलोकन, और स्पष्टीकरण नहीं होता है तो ऐसे मामलों में ड्राफ्ट पैराग्राफ में उल्लेखित तथ्यों तथा आकड़ों और संबंधित लेखापरीक्षा प्रमाणो की तथ्यपरखता के लिए संबंधित सरकार उत्तरदाई होगी।

(5) सरकार द्वारा प्राप्त जवाब पर महालेखकार (लेखापरीक्षा ) पूर्ण विचार करेंगे। ड्राफ्ट पैराग्राफ को संशोधित किया जाए अथवा इसका निपटान किया जाए अथवा दिए गए जवाबों को लेखापरीक्षा रिपोर्ट में श्मिल किया जाए या नहीं यह महालेखाकार (लेखापरीक्षा) पर निर्भर करेगा।

लेखापरीक्षा रिपोर्ट में शामिल किए जाने के लिए तैयार पैराग्राफ कि सूचना

राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र सरकार के मामलों में, ड्राफ्ट पैराग्राफ के मसौदे को लेखापरीक्षा रिपोर्ट में शामिल करने हेतु अनित्म रूप दिए जाने के पश्चात महालेखाकार (लेखापरीक्षा ) के द्वारा इसे संबंधित विभाग की सरकार के सचिव और वित्त विभाग के सचिव को अंतिम पैराग्राफ की प्रतियाँ भेजेंगे। केंद्र सरकार के मामले में अंतिम ड्राफ्ट पैराग्राफ की प्रतियाँ संबंधित मंत्रालय के सचिव को भी भेजी जाएगी।

विधायिका के समक्ष लेखापरीक्षा प्रतिवेदन रखने हेतु प्रतियों का अग्रेषण

(1)ऐसा अधिकारी जो की भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के द्वारा प्राधिकृत किया गया है, नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित लेखापरीक्षा प्रतिवेदन की प्रतियों को जैसी भी स्थिति हो, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय अथवा वित्त विभाग को भेजी जाएंगी जो इसे अग्रिम कारवाई हेतु भारत के राष्ट्रपति या राज्यपाल अथवा प्रशासक को और इसे संसद में या राज्य अथवा संघ राज्य क्षेत्र के विधान मण्डल में प्रस्तुत करने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। अधिनियम की धारा 19(अ) के तहत इन लेखापरीक्षा प्रतिवेदन की प्रतियों को संबद्ध मंत्रालय अथवा विभाग के सचिव को अथवा ऐसे संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासक को भेजीं जाएगी, जो इन्हें संसद अथवा राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के विधान मण्डल में रखने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे।

(2) लेखापरीक्षा प्रतिवेदन की अहस्ताक्षरित प्रति सचिव, राष्ट्रपति महोदय अथवा राज्यपाल अथवा  प्रशासक को भी भेजी जाएगी।

लेखापरीक्षा प्रतिवेदन को पटल पर रखे जाने के पश्चात सचिव को भेजना।

लेखापरीक्षा प्रतिवेदन जिसे संसद अथवा विधान मण्डल के पटल पर प्रस्तुत कर दिया गया हो यथा स्थिति इसे महालेखाकार (लेखापरीक्षा ) के द्वारा संबंधित विभाग के सचिव को भेजी जाएगी।

लोक लेखा समिति अथवा लोक उपक्रम समिति को की गयी कार्रवाई की टिप्पणियाँ प्रस्तुत करने हेतु तैयारी

संबंधित विभाग का सचिव लेखापरीक्षा प्रतिवेदन पर की गयी निष्पक्ष कार्रवाई का नोट तैयार करेगा जिसे की लेखापरीक्षा प्रतिवेदन में सम्मिलित किया जाना है, स्पष्टीकरण हेतु तैयार करेगा ताकि वह उसे सरकारी उपक्रम पर बनाई गयी लोक लेखा समिति अथवा लोक उपक्रम समिति को प्रस्तुत कर सके। प्रत्येक मामले में, निष्पक्ष की गयी कार्रवाई पर तैयार किए गए नोट पर अनुमोदन सचिव और राज्य सरकार का होगा। 

क्या लेखापरीक्षा पैराग्राफ पर लिखित जवाब को महालेखाकार (लेखापरीक्षा) को भेजा गया था और यदि नहीं तो ऐसा करने का कारण दें :

क्या लेखापरीक्षा पैराग्राफ में वर्णित तथ्य और आकडे स्वीकार्य हैं और यदि नहीं तो जब इन्हें सचिव द्वारा प्राप्त किया गया था तब इन्हे इंगित नही करने के क्या कारण हैं।

ऐसी परिस्थितियाँ जिनमें हानि, असफलता निष्फल व्यय लेखापरीक्षा पैराग्राफ में दर्शाये गए हों चाहे वह (अ) आंतरिक नियंत्रण प्रणाली सहित मौजूदा सिस्टम में कमी के कारण (ब) प्रणाली और प्रक्रियाओं के अनुसरण में असफल रहने के कारण (स) पर्यवेक्षी स्तरों पर व्यक्ति अथवा व्यक्तियों की असफलता के कारण हो।

हानि, विफलता, निष्फल व्यय होने के लिए इसकी ज़िम्मेदारी पर की गयी कार्रवाई तथा संभावित समय सीमा जिसके अंतर्गत इस प्रकार की कार्रवाई पूरी होने की संभावना है, उत्तरदाई व्यक्ति या व्यक्तियों पर हो।

लेखापरीक्षा पैराग्राफ में दर्शाये अनुसार सरकार की ओर से किसी राशि की वसूली की वर्तमान स्थिति:

लेखापरीक्षा पैराग्राफ में सुझाए गए अथवा अनुसंसाओं पर की गयी अथवा प्रस्तावित कार्रवाई

एक समान अन्य मामलों की समीक्षा के परिणाम और उन पर की गयी कार्रवाई

भविष्य में ऐसे घटित मामलों से बचने के लिए प्रस्तावित अथवा की गयी उपचारात्मक कार्रवाई, प्रणाली को सरल बनाने और प्रणाली की कमियों को दूर करने लिए, यदि कोई हो; अथवा

लोक लेखा समिति अथवा सरकारी उपक्रमों की समिति के द्वारा यथा निर्धारित की गयी ऐसी सूचनाएँ

महालेखाकार (लेखापरीक्षा) द्वारा लोक लेखा समिति तथा सरकारी उपक्रमों की समिति की सिफ़ारिशों पर की गयी कार्रवाई के टिप्पणिया तथा प्रतिक्रियों का लेखापरीक्षण

संघ सरकार, राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रो में जहां विधान सभा की समितियों का गठन किया गया हो अथवा जहां सरकार चाहती हो की भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक महोदय, की गयी कार्रवाई के नोट्स पर जाच करें तथा सरकारी उपक्रमों की समिति/लोकलेखा समिति की सिफ़ारिसों पर सरकार की प्रतिक्रिया हो तब वहाँ निम्न प्रक्रिया लागू होगी-

संबंधित विभाग के सरकार के सचिव द्वारा संबंधित फाइलों तथा उनके दस्तावेजों की जिन पर व्याख्यात्मक टिप्पणिया तैयार की गयी है, इनकी लेखापरीक्षा के लिए महालेखाकार (लेखापरीक्षा) को ड्राफ्ट की दो प्रतियाँ सचिव द्वारा भेजी जाएंगी जिन पर संदर्भित और संबद्ध टिप्पणिया तैयार की गयी है। यह कार्य ऐसी समयावधि में किया जाएगा जिसका निर्णय लोक लेखा समिति तथा सरकारी उपक्रमों की समिति द्वारा निर्धारित स्वयम व्याख्यात्मक कार्रवाई किए नोट प्रस्तुत करने में दर्शाया गया है।

महालेखाकार (लेखपरीक्षा) स्वयं के द्वारा व्याख्यात्मक कार्रवाई के नोट को विधिवत रूप से शीघ्र ही एक माह के भीतर सचिव को लौटाएँगे। लोक लेखा समिति अथवा सरकारी उपक्रमों की समिति द्वारा जैसा की निर्धारित किया गया है विषय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हिए महालेखाकार (लेखापरीक्षा) पुनरीक्षण में आगे की कार्रवाई के लिए सुझाव शामिल किए जा सकते हैं।

जांच किए गए नोट की प्रतियाँ  लोक लेखा समिति अथवा सार्वजनिक उपक्रमों की समिति के द्वारा निर्धारित किए गए प्रारूप में और यथा निर्धारित सामय सूची के अनुसार सचिव के द्वारा लोक लेखा समिति अथवा सार्वजनिक उपक्रमों की समिति के सचिवलाय को अपेक्षित संख्या में भेजेगा तथा इसकी प्रतियाँ मामले के अनुसार वित्त मंत्रालय अथवा वित्त विभाग एवं महालेखाकार (लेखापरीक्षा) को भी भेजी जाएगी।

सरकारी उपक्रमों की समिति अथवा लोक लेखा समिति की सिफ़ारिशे प्राप्त होने पर सचिव जैसा की लोक लेख समिति अथवा सरकारी उपक्रमो की समिति द्वारा निर्धारित समयावधि में संबंधित समिति को प्रस्तुत करने के लिए की गयी कार्रवाई के नोट पर सरकार की प्रतिक्रिया लेने हेतु, कार्रवाई करेंगे।

लोक लेखा सामिति अथवा सरकारी उपक्रमों की समिति द्वारा की गयी सिफ़ारिशों पर सरकार की प्रतिक्रिया संबंधित फाइलों और दस्तावेजों को संबंधित समिति को इन्हे उचित रूप से संदर्भित और सभी दस्तावेज़ संबद्ध कर के जाच हेतु महालेखाकार (लेखापरीक्षा) को भेजा जाएगा। महालेखाकार (लेखापरीक्षा) द्वारा जांच पड़ताल की गयी टिप्पणियॉ को विधिवत परिलक्षित किया जाएगा जिसे लोक लेखा समिति/ सार्वजनिक उपक्रमों की समिति को भेजा जाना है।

समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रणालियों तथा प्रक्रियाओं के लिए सरकार का कर्तव्य-

यह सरकार का कर्तव्य होगा की वह अन्य सभी बातों के साथ साथ सभी स्तरों पर अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्थापित एवं प्रवर्तित करे जिससे की यह सुनिश्चित हो की (1) ड्राफ्ट पैराग्राफ का प्रत्यूत्तर (2) लेखापरीक्षा रिपोर्ट में शामिल मामलों पर की गयी स्व-व्यख्यात्मक कार्रवाई का नोट और (3) लेखापरीक्षा रिपोर्ट में शामिल मामलों पर की गयी कार्रवाई को लोक लेखा समिति अथवा लोक उपक्रमों की समिति की सिफ़ारिशों के अनुसार उचित प्राधिकारियों को प्रत्येक मामले में निर्धारित समय सीमा के भीतर भेजी जाए।

सरकार को विलंभ के मामलों की रिपोर्टिंग

महालेखाकार (लेखापरीक्षा) विलंभ के मामलों की रिपोर्ट केंद्र सरकार के मामले में वित्त मंत्रालय, सचिव (व्यय) को, राज्य सरकार के मामलों में मुख्य सचिव को तथा विधान सभा वाले संघ के मामलो में प्रशासक को देंगे। लेखा परीक्षा प्रतिवेदन में विलंब के मामलो की पुष्टि की जानी चाहिए।

वित्त विभाग, गुजरात सरकार द्वारा जारी किए गए लेखापरीक्षा पैरो के व्यारेवार  स्पष्टीकरण को प्रसूत करने के लिए दिशा निर्देशों की सॉफ्ट कॉपी देखि जाए जिसे की अर्धशासकीय पत्र संख्या जेएचएस-102006-जी दिनांक 13/12/2006

यूएलबी/ पीआरआई के लेखा पर्यवेक्षण एवं तकनीकी दिशा निर्देशों के संबंध में निम्नलिखित दस्तावेज़ सॉफ्ट कॉपी में संलग्न किए गए हैं

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के लेखा परीक्षा के अधीन आने वाले शाहरी स्थानीय निकाय तथा पंचायती राज्य संस्थाओं के संबंध में वित्त विभाग, गुजरात सरकार के संकल्प संख्या एनएनएम -1001-553 ज़ेड/506(05) दिनांक 06/05/2005

13वीं वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों के पर्यवेक्षण तथा तकनीकी दिशानिर्देशों के संबंध में नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को प्रस्तुत  दिनांक 7 अप्रेल 2011 वित्त विभाग के पत्र संख्या टीएचएफ़सी - 102010 -516023-एफ़आर/ज़ेड

13वीं वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पीआरआई के पर्यवेक्षण तथा तकनीकी दिशानिर्देशों के संबंध में नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को प्रस्तुत दिनांक 18 अप्रेल 2011 वित्त विभाग के पत्र संख्या टीएचएफ़सी- 102010 -516023-एफ़आर/ज़ेड

गुजरात सरकार का राजपत्र –असाधारण दिनांक 04/05/2011 ने मुंबई प्रांत नगरनिगम अधिनियम 1949, गुजरात नगरपालिका अधिनियम 1963 तथा गुजरात पंचायत अधिनियम 1993 में संशोधन के लिए 2011 के गुजरात के सेट संख्या 21 में अधिसूचना जारी की गयी।

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