परिवहन विभाग, केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (मोटर वाहन अधिनियम), केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989, हरियाणा मोटर वाहन अधिनियम, 2016 और हरियाणा मोटर वाहन नियम, 2016 के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करता है। परिवहन विभाग, हरियाणा के दो विंग अर्थात परिचालन विंग और नियामक विंग हैं।
निष्पादन लेखापरीक्षा यह निर्धारित करने के लिए की गई थी कि क्या परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए परिचालन और वित्तीय योजना विभाग द्वारा तैयार और कुशलतापूर्वक कार्यान्वित की गई थी; परिचालन विंग कुशल, किफायती, विश्वसनीय, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सेवाएं प्रदान कर रहा था; सरकारी राजस्व का उद्ग्रहण, निर्धारण, संग्रहण और प्रेषण मौजूदा अधिनियम/नियमों/प्रक्रियाओं के अनुसार कुशलतापूर्वक किया गया था; सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए प्रवर्तन कार्य कुशलतापूर्वक किए गए थे; तथा विभाग के प्रभावी एवं कुशल कार्यचालन को सुनिश्चित करने के लिए विभाग में एक पर्याप्त आंतरिक नियंत्रण प्रणाली मौजूद थी।
2015 से 2020 की अवधि के लिए निष्पादन लेखापरीक्षा सितंबर 2020 और अगस्त 2021 के मध्य आयोजित की गई थी। निष्पादन लेखापरीक्षा में पांच अध्याय शामिल हैं जिनमें अध्याय1 में प्रस्तावना, कार्य, लेखापरीक्षा मानदंड, संगठनात्मक संरचना, लेखापरीक्षा का क्षेत्र और पद्धति शामिल है, अध्याय 2 में परिचालन विंग से संबंधित लेखापरीक्षा परिणाम, अध्याय 3 में नियामक विंग से संबंधित लेखापरीक्षा परिणाम शामिल हैं, अध्याय 4 आंतरिक नियंत्रण पर है और अध्याय 5 निष्कर्ष से संबंधित है।