लेखापरीक्षा प्रबंधन समूह - I

नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के (डी.पी.सी.)अधिनियम, 1971 की धारा 13 के प्रावधानों के अंतर्गत सी.ए.जी.का यह कर्तव्य है कि वे भारत तथा सभी राज्योंऔर जिन संघ राज्यक्षेत्रों में विधान सभाएं है उनकीसमेकित निधि‍ से होने वालेसभी व्यय की लेखापरीक्षा करें।

उपर्युक्‍त प्रावधानों के अनुपालन में, महालेखाकार (लेखापरीक्षा) हरियाणा को हरियाणा सरकार की समेकित निधि से किए गए सभी व्यय की लेखापरीक्षा सौंपी गई है।

नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के (डी.पी.सी.) अधिनियम, 1971 की धारा14, 19 और 20 के प्रावधानों के अंतर्गत स्वायत्त निकायों की लेखापरीक्षा की जाती है। लेखापरीक्षा के अलावा, स्वायत्त निकायों के लेखाओंका प्रमाणन, जिनकी लेखापरीक्षा का कार्य भारत के सी.ए.जी. को अधिनियम की धारा 19 और 20 के अंतर्गत है, भी किया जाता है।

सी.ए.जी.कार्यालय के दिनांक 10 मार्च 2012 के आदेश सं.76 एस.एम.यू./पी.पी./पुनर्गठन/5-2011के अनुसार कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा) हरियाणा को विभिन्न क्षेत्रों में पुनर्गठित किया गया है। इसके अलावा, सी.ए.जी. कार्यालय के दिनांक 09/03/2020 के आदेश सं.59/31/एस.एम.यू./2018के अनुसार कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा) हरियाणा को पांच लेखापरीक्षा प्रबंधन समूहों में पुनर्गठित कि‍या गया है। प्रत्येक लेखापरीक्षा प्रबंधन समूह में विभिन्न क्लस्टर शामिल हैं।

Back to Top