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मूल रूप से कार्यालय महालेखाकार, पंजाब के रूप में जाना जाने वाला यह कार्यालय,1947 में देश के विभाजन के बाद शिमला में स्थापित किया गया था। 1 नवंबर, 1956 से राज्यों का पुनर्गठन होने पर कार्यालय नियंत्रक, पी.ई.पी.एस.यू. का भी समग्र कार्यालय के साथ विलय कर दिया गया। आगे चलकर 1 नवंबर, 1966 से राज्यों के पुनर्गठन पर कार्यालय को कार्यालय महालेखाकार, हरियाणा के रूप में नामित किया गया और वर्ष 1967 में कार्यालय महालेखाकार पंजाब, शिमला का तीन भागों में विभाजन होने पर अस्तित्व में आया था। जनवरी,1969 में कार्यालय को चंडीगढ़ में स्थानांतरित कर दिया गया। 1 मार्च 1984 से भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के पुनर्गठन के बाद, महालेखाकार हरियाणा के पूर्ववर्ती कार्यालय को अलग-अलग कार्यालयों यथा कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा), हरियाणा और महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) में क्रमशः (क) लेखापरीक्षा कार्य और (ख) लेखा और हकदारी कार्य के लिए अलग-अलग संवर्गों के साथ बदल दिया गया। यह कार्यालय वर्तमान में महालेखाकार के नेतृत्व में चल रहा है।
नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कार्यालय ने अपने दिनांक 19.03.2012 के आदेशानुसार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर राज्यों तथा यू.टी. चंडीगढ़ में स्थित सभी केन्द्रीय सरकार की इकाइयों की प्राप्तियों और व्यय (स्वायत्त निकायों सहित) की लेखापरीक्षा के लिए चंडीगढ़ में एक नया कार्यालय महानिदेशक, लेखापरीक्षा (केन्द्रीय) खोलने का निर्णय लिया। यह कार्यालय यू.टी. चंडीगढ़ के लेखाओं की लेखापरीक्षा के लिए भी जिम्मेदार है।