• ऑडिट मेनडेट में, नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के पास, उनके द्वारा या उनकी ओर से किए जाने वाली लेखापरीक्षा का क्षेत्र और सीमा तय करने का एकमात्र अधिकार है। इस तरह के अधिकार को लेखापरीक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सुनिश्चित करने के अलावा किसी भी विचार द्वारा सीमित नहीं किया गया है।
  • मेनडेट के अभ्यास में, नियंत्रक-महालेखापरीक्षक लेखापरीक्षा करते हैं, जिन्हें क्रमशः वित्तीय लेखापरीक्षा, अनुपालन लेखापरीक्षा और निष्‍पादन लेखापरीक्षा के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जैसा कि क्रमशः अध्याय 5, 6 और 7 में बताया गया है।
  • लेखापरीक्षा के दायरे में लेखापरीक्षायोग्‍य संस्थाओं में आंतरिक नियंत्रण का मूल्यांकन शामिल है। ऐसा मूल्यांकन लेखापरीक्षा के एक अभिन्न घटक के रूप में या एक अलग ऑडिट असाइनमेंट के रूप में किया जा सकता है।
  • नियंत्रक-महालेखापरीक्षक, इसके अतिरिक्‍त, मेनडेट को पूरा करने और लेखापरीक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किसी लेन-देन, कार्यक्रम या संगठन की कोई अन्य लेखापरीक्षा करने का निर्णय ले सकते हैं।
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