मासिक सिविल खातों की तैयारी के लिए दिशानिर्देश / निर्देश

प्रधान महालेखाकार कोषालयों  द्वारा संकलित प्रारंभिक खातों से राज्य सरकार के मासिक सिविल लेखा, विनियोग खाते और वित्त लेखा तैयार करते हैं। प्रारंभिक संकलन का पहला चरण व्यक्तिगत प्राप्तियों और भुगतानों का दैनिक लेखा है, क्योंकि वे कोषालय के कैशबुक और सहायक रजिस्टर में होते हैं। सभी जिल्ला कोषालयों द्वारा इन्ही प्रारंभिक रिकॉर्ड से सभी मुख्या /उप मुख्या शीर्ष की रसीद एवं भुगतान के मासिक अनुसूची तैयार करता है। इन अनुसूचियों को प्रधान महालेखाकार के कार्यालय को दो चरणों में भेजा जाता है क्रमशः फर्स्ट लिस्ट ऑफ़ पेमेंट एवं सेकंड लिस्ट ऑफ़ पेमेंट। पहला LOP जिसमें प्रत्येक माह के 01 से 10 तारीख तक हुए सभी भुगतान, उनके सहायक अनुसूची एवं वॉचर्स के साथ उसी माह के 18 तारीख के पहले अपेक्षित रहता है। दूसरा LOP जिसमें प्रत्येक माह के 11 तारीख से माह के अंत तक हुए सभी भुगतान, उनके सहायक अनुसूची एवं वॉचर्स के साथ अगले माह के 08 तारीख के पहले अपेक्षित रहता है।

तद्पश्चात प्रधान महालेखाकार के कार्यालय में इन वाउचरों एवं शेडूलों को सम्बंधित लेखा अनुभागों में विस्तृत संकलन एवं इनके वर्गीकृत सार को तैयार करने हेतु वितरित किया जाता है। इन वर्गीकृत सारों में अंतर-सरकारी लेनदेन एवं सभी समायोजनों को संलग्न किया जाता है।

वर्गीकृत सारों को संकलन कर समेकित सार को तैयार किया जाता है एवं इन सब के संकलन से मासिक सिविल खाते तैयार किये जाते हैं। राज्य सरकार  द्वारा प्रत्येक माह में किये गए प्राप्ति एवं भुगतान का विवरण मासिक सिविल खाते में होता है जिसे अगले माह के 25 तारीख को राज्य सरकार को भेज दिया  जाता है।

राज्य सरकार द्वार वार्षिक वितः एवं विनियोग लेखों को मासिक सिविल खतों से तैयार किया जाता है जो राज्य विधायिका में प्रस्तुत किया जाता है। वितः लेखों में राज्य सरकार के वार्षिक प्राप्ति एवं भुगतानों का विवरण होता है। विनियोग लेखों में राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित प्रावधान के अनुदान वार व्यय को दर्शाता है एवं स्वीकृत एवं वास्तविक व्यय में अंतर का भी विवरण दिया जाता है।