राजपत्रित हक़दारी

लेखा विंग (टीएम) अनुभाग संवैधानिक और वैधानिक प्राधिकरणों जैसे राज्यपाल, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, मप्र लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों, कमीशन और जांच की समितियों आदि के वेतन / अवकाश वेतन पर्ची के मुद्दे के लिए जिम्मेदार है। इसके अतिरिक्त  मंत्रियों, स्पीकर, विधायक, के वेतन एवं भत्ते भी अधिवक्ता जनरल एवं सरकारी अधिवक्ता जो हाई कोर्ट में परामर्श देते हैं, को प्राधिकृत किये जाते हैं।

वेतन और भत्ते के प्राधिकरण के लिए सामान्य सिद्धांत और प्रक्रियाएं
वेतन और भत्ते के प्राधिकरण और जांच के लिए जिम्मेदारी प्रधान महालेखाकार (A & E) के पास रहती है। इसके फलस्वरूप  संवैधानिक प्राधिकारियों के संबंध में जुड़े रिकॉर्ड, रजिस्टर, खाते छोड़ने और वेतन जारी करने, वेतन प्रमाणपत्र छोड़ने आदि का कर्तव्य प्रधान महालेखाकार (A & E) पर ही रहता है । नई नियुक्ति, सीमित अवधि के लिए नियुक्ति और नए पदोन्नति पर नए वेतन पर्ची जारी किए जाते हैं। संशोधित वेतन पर्ची जारी की जाती है जब वेतन वृद्धि दी जाती है या जहां महंगाई भत्ते में बदलाव होता है।

भुगतान का प्रकार

वेतन का भुगतान, अवकाश वेतन और संवैधानिक अधिकारियों के भत्ते की व्यवस्था कोषाध्यक्षों में महालेखाकार(A&E) द्वारा की जाती है। संबंधितों को जारी किए गए वेतन स्लिप और भुगतान की दरें, प्रत्येक तिथियों से भुगतान किए जाने वाले वेतन, विशेष वेतन (यदि कोई हो) भत्ते की दरों को इंगित करने के लिए ट्रेजरी ऑफिसर्स / डीडीओ को एंडोर्स की जाती हैं। वेतन पर्ची की प्राप्ति में अनावश्यक विलम्ब न हो, इसके लिए  अंतिम भुगतान प्रमाणपत्र (यदि आवश्यक हो) / जन्मतिथि के सत्यापन के लिए दस्तावेजों के साथ स्याही में हस्ताक्षर किए गए, ज्वाइन करने का पत्र / प्रभार लेने और / या लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी से नियुक्ति के आदेश, अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के पेंशन भुगतान प्रमाणपत्र (यदि पुन: नियुक्त पद की आवश्यकता है) आदि  को प्रस्तुत किये जा सकते हैं|