• संभागीय लेखाकार  को वित्तीय सलाह एवं स्थापना, लेखे एवं बजट प्रावधानों या सामान्यतः वित्तीय नियमों के कार्यान्वयन सम्बन्धी सभी मामलों में सामान्य सहायता निर्धारित नियमों के अनुसार खण्ड के लेखे का संकलक व महालेखाकार को समय पर लेंखों का हिसाब देना।
  • आन्तिरिक परीक्षक के रूप में प्रारम्भिक लेखों, वाउचरों आय की कुछ निश्चित प्रारम्भिक जाँच करना।
  • वह पूर्णतः खण्ड मे सही भुगतान/व्यय के लिये उत्तरदायी हैं और यह सुनिश्चित करता है कि वसूली में विलम्ब नहीं हुआ है।
  • निर्माणों पर एकमुश्त राशि व्यय, निगरानी रखना या अन्य विनियोंगों, खण्डीय अधिकारी व उपखण्डीय अधिकारियों के पक्ष में जारी उधारपत्र/साख पत्र निगरानी करना/देखरेख करना।
  • वह यह सुनिश्चित करेगा कि बिना महालेखाकार की प्राधिकृति के कोई चैक साख पत्र की सीमा से अधिक न हो जाये।
  • लेखा परीक्षा आपत्तियों, प्रयुक्तियों, लेखा परीक्षा व आन्तरिक जाँच पार्टियों, निरीक्षण प्रतिवेदन, ड्राफ्ट खण्डों , लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों एवं विनियोग लेखों से संव्यवहार करना।
  • निविदाओं, तुलनात्मक विवरणों, प्रावधानों के वर्गीकरण/उपयोगिता की जाँच करना। वह यह सुनिश्चित करेगा कि कार्यों/पूर्तियों में खुली प्रतिस्पर्धा से बचने के लिये टुकड़ो में निविदा आमंत्रित न की जाये। कार्यों/पूर्तियों के लिये पर्याप्त रूप से बङी निविदा आमंत्रित की जाये।
  • सामान्य वित्त एवं लेखा नियम 20 के अन्तर्गत या सरकारी धन, गोदाम व अन्य सम्पत्ति के गबन या हानि के सभी मामलों की संभागीय अधिकारी द्वारा सूचना देना।
  • निर्धारित अनुसूचियों सहित मासिक लेखा का संकलन व महालेखाकार को लेखे प्रस्तुत करने से पूर्व संभागीय अधिकारी द्वारा लेखों की समीक्षा करवाना।
  • वह यह सुनिश्चित करता है कि निष्पादित कार्यों एवं की गई सेवाओं के लिये अन्य सरकारों/विभागों से वसूली योग्य राशि शीघ्र ही निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार वसूल की गई है एवं उनकी प्राप्तियों की निगरानी करना।