कार्यालय का इतिहास

  • महालेखाकार, बंगाल के लेखापरीक्षा और लेखा कार्यों के विभाजन के पश्चात् 1 जनवरी, 1968 को यह कार्यालय अस्तित्व में आया। उस समय इस कार्यालय को ए. जी. (केंद्रीय) के रूप में नामित किया गया था और ओल्ड करेंसी बिल्डिंग (1, बीबीडी बाग) से इसने कार्यारम्भ किया था। 1969 में अपने कर्मचारियों को समायोजित करने के लिए इस कार्यालय द्वारा अपने कुछ अनुभागों को पोद्दार कोर्ट के 7वें तल (18, रवींद्र सरणी, कोलकाता-700001) में स्थानांतरित कर दिया गया। मार्च 1971 में पोर्ट ब्लेयर में क्षेत्रीय लेखापरीक्षा कार्यालय खोला गया था जिसे केन्द्र सरकार के लेन-देनों की लेखापरीक्षा व लेखांकन का कार्यभार सौंपा गया। वर्ष 1974 में इस कार्यालय को निदेशक लेखापरीक्षा (केंद्रीय), कोलकाता का कार्यालय  के तौर पर पुन: नामित किया गया। इस कार्यालय का एकबार फिर उन्नयन हुआ जिससे इसके नाम में पुन: परिवर्तन लाया गया। मार्च 1990 में इस कार्यालय नाम पुन: बदलते हुए प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा (केंद्रीय), कोलकाता का कार्यालय  किया गया। वर्ष 1998 में ओल्ड करेंसी बिल्डिंग को विरासत भवन के रूप में घोषित किया गया था जिस कारण से पूरे कार्यालय को अपने संपूर्ण कार्यबल सहित पोद्दार कोर्ट बिल्डिंग के 8वीं और 9वीं तलों में स्थानांतरित किया गया। कार्यालय का स्थान पोद्दार कोर्ट से बदलकर 8, किरण शंकर रॉय रोड, कोलकाता-700001 में स्थित जी. आई. प्रेस बिल्डिंग में स्थानांतरित किया गया।  अंदमान और निकोबार द्वीप समूह, कस्टम्स् हाउस कोलकाता, सीपीटी बिल्डिंगत, जी. आई. प्रेस, 1, टेम्पल स्ट्रीट, कोल-12 तथा 9, क्लाइड रो, कोल-22 स्थित एमएसडी में इस कार्यालय के कई आवासीय कार्यालय हैं। वर्ष 1968 से आईएएडी के कई वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यालय में महानिदेशक/प्रधान निदेशक/निदेशक के पद पर सेवारत रहे हैं। यह सूची निम्नानुसार है:

 

कार्यालय के प्रमुख

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