भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के कार्यालयों का पुनर्गठन 1 मार्च 1984 से लेखापरीक्षा और लेखा एवं हकदारी कार्यालयों में किया गया। इस प्रकार महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-I और महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-II के कार्यालय उस तिथि से अस्तित्व में आए । महालेखाकार (लेखा परीक्षा) का कार्यालय जनवरी, 1996 तक लेखा एवं हकदारी कार्यालयों के साथ पुराने परिसर में स्थित था। इसके पश्चात, लेखा परीक्षा कार्यालयों को जनवरी 1996 में "सत्यनिष्ठा भवन" में स्थानांतरित कर दिया गया। अगस्त 2002 में महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-I को प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा) के कार्यालय में अपग्रेड किया गया था तथा सितंबर 2004 से प्रधान महालेखाकार (सिविल ऑडिट) के कार्यालय के रूप में इसका नाम बदल दिया गया। अप्रैल 2012 से प्रधान महालेखाकार (सिविल ऑडिट), उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद और महालेखाकार (वाणिज्यिक और प्राप्ति लेखा परीक्षा), उत्तर प्रदेश, लखनऊ को प्रधान महालेखाकार (सामान्य और सामाजिक क्षेत्र लेखापरीक्षा), उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद; महालेखाकार (आर्थिक और राजस्व क्षेत्र लेखा परीक्षा), उत्तर प्रदेश, लखनऊ और प्रधान निदेशक, लेखापरीक्षा (केंद्रीय), उत्तर प्रदेश, लखनऊ के कार्यालय के रूप में नामित किया गया था।

मई 2020 से, प्रधान महालेखाकार (सामान्य और सामाजिक क्षेत्र लेखापरीक्षा) उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद और प्रधान महालेखाकार (आर्थिक और राजस्व क्षेत्र लेखापरीक्षा) उत्तर प्रदेश, लखनऊ के कार्यालयों को क्रमशः महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I) उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद और प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-II) उत्तर प्रदेश, लखनऊ के कार्यालय के रूप में जाना जाता है।

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