प्रत्यक्ष लाभ अंतरण लोगों को सरकार द्वारा बेहतर और समय पर लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा एक प्रमुख सुधार पहल है। यह वेतन भुगतान, ईंधन सब्सिडी, खाद्यान्न सब्सिडी जैसे लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाने, लीकेज को दूर करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ाने अर्थात बिना बैंक वाले क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं का विस्तार और पूरे देश में बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने की प्रक्रिया में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है। प्रौद्योगिकी सक्षमता के एक कदम के तौर पर, नकद अथवा वस्तु के रूप में अंतरित किए सभी लाभ, एकत्रीकरण वेब-इंटरफ़ेस के भाग के रूप में कैप्चर तथा पर्याप्त रूप से वर्णित किया जाता है। विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार कमियों का वित्तीय निहितार्थ ₹ 237.31 करोड़ था। लेखापरीक्षा ने अपात्र लाभार्थियों (मृतक, कम उम्र या अन्य योजनाओं में नामांकित) का नामांकन और भुगतान, एक ही आधार आईडी के अंतर्गत या आधार आईडी के बिना नामांकित कई लाभार्थी, लाभार्थियों के खाते के अलावा अन्य खाते में लाभ के अंतरण जैसी कमियों को अवलोकित किया जो न केवल अपर्याप्त नियंत्रण बल्कि संबंधित प्राधिकारियों द्वारा प्रभावी सत्यापन और निगरानी की कमी को दर्शाता है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को सभी विभागों और योजनाओं में कार्यान्वित नहीं किया गया था। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण कक्ष व्यापक लिस्टिंग को सुनिश्चित करने के लिए माध्यमिक अनुसंधान के संचालन सहित योजनाओं और कार्यक्रमों की सूची तैयार करने में सभी विभागों के साथ समन्वय करने में विफल रहा। विशिष्ट दिशानिर्देशों के अभाव में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण कक्ष को बचत की समग्र जानकारी नहीं
मिल सकी।