74वें संविधान संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन की प्रभावशीलता की
निष्पादन लेखापरीक्षा (वर्ष 2022 की प्रतिवेदन संख्या 1)
इस प्रतिवेदन में 2015-16 से 2019-20 की अवधि को आवृत्त करते हुए '74वें संविधान संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन की प्रभावशीलता' की निष्पादन लेखापरीक्षा के परिणाम शामिल हैं।
भारत के संविधान ने 74वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के लिए एक स्पष्ट जनादेश प्रदान किया, जिसने देश के शहरी क्षेत्रों में स्वशासी स्थानीय निकायों के माध्यम से जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की शुरुआत के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार करने की मांग की। 74वां संविधान संशोधन अधिनियम 1 जून 1993 को लागू हुआ और शहरी स्थानीय निकायों को 12वीं अनुसूची में सूचीबद्ध 18 कार्यों को करने का अधिकार दिया।
यह लेखापरीक्षा यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि क्या राज्य सरकार ने एक मजबूत संस्थागत ढांचे के निर्माण के साथ-साथ कार्यों, निधियों और पदाधिकारियों के हस्तांतरण के माध्यम से शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त बनाया है। सभी स्तरों पर पांच क्षेत्रों और
15 शहरी स्थानीय निकायों को लेखापरीक्षा नमूने के रूप में चुना गया था।