वित्तीय
छत्तीसगढ़

रिर्पोट संख्या - 1 वर्ष 2022 छत्तीसगढ़ सरकार –भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का राज्य वित्त पर प्रतिवेदन

दिनांक जिस पर रिपोर्ट की गई है:
Wed 04 Jan, 2023
शासन को रिपोर्ट भेजने की तिथि:
सरकार के प्रकार:
राज्य
क्षेत्र -

अवलोकन

यह प्रतिवेदन संविधान के अनुच्छेद 151 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को प्रस्तुत करने हेतु तैयार किया गया है।

प्रतिवेदन के अध्याय-1 में राज्य वित्त लेखाओं के आधार और दृष्टिकोण, प्रतिवेदन की संरचना, शासकीय लेखों की संरचना, बजटीय प्रक्रियाओं, प्रमुख राजकोषीय मापदंडों में रूझान जैसे राजस्व अधिशेष/घाटा, राजकोषीय आधिशेष/घाटा इत्यादि और राजकोषीय सुधार पथ शामिल है। अध्याय-2 एवं 3 में 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिये राज्य शासन के क्रमशः वित्त तथा विनियोग लेखों की जाँच में उत्पन्न तथ्यों पर लेखापरीक्षा निष्कर्ष शामिल है। जहाँ भी आवश्यक हुआ, छत्तीसगढ़ शासन से जानकारी प्राप्त की गई है।

अध्याय-4 ‘लेखाओं एवं वित्तीय प्रतिवेदन प्रणाली की गुणवत्ता’ में वर्तमान वर्ष के दौरान विभिन्न वित्तीय नियमों, प्रक्रियाओं और निर्देशों के साथ राज्य शासन के अनुपालन का विहंगावलोकन और स्थिति प्रदान करता है।

अध्याय-5 छत्तीसगढ़ राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयूज) के वित्तीय प्रदर्शन तथा पीएसयूज के लेखों की अनुपूरक लेखापरीक्षा एवं सांविधिक लेखापरीक्षकों के प्रदर्शन की जाँच के माध्यम से भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की निगरानी भूमिका के परिणामों की चर्चा करता है। एक सरकारी कम्पनी अथवा निगम के लेखों के संबंध में लेखापरीक्षा प्रतिवेदनों को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्त्तव्य, शक्तियाँ एवं सेवा शर्ते) अधिनियम, 1971 (यथा संशोधित) की धारा 19 (ए) के प्रावधानों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु, सीएजी द्वारा शासन को प्रस्तुत किया जाता है।

निष्पादन लेखा परीक्षा एवं विभिन्न शासकीय विभागों में अनुपालन लेखापरीक्षा तथा सांविधिक निगमों, मण्डलों और शासकीय कंपनियों की लेखापरीक्षा से उत्पन्न आपत्तियों और राजस्व प्राप्तियों पर आपत्तियों के निष्कर्षों को सम्मिलित करते हुए प्रतिवेदनों को अलग से प्रस्तुत किया जाता है।

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक द्वारा जारी लेखापरीक्षा मानकों के अनुरूप लेखापरीक्षा का संचालन किया गया है।

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