• नियत तारीखों का सभी लेखा प्रतिपादन करने वाली इकाइयों द्वारा सख्ती से पालन किया जाना है लेकिन खातों की सटीकता और गुणवत्ता की कीमत पर नहीं।
  • सभी खातों का प्रतिपादन करने वाली इकाइयों को अपूर्ण वर्गीकरण, चूक और अन्य गलतियों से सावधानीपूर्वक बचना चाहिए।
  • मुख्य खातों और उप-खातों में मैनुअल सुधार से बचने के लिए अत्यंत सावधानी बरती जानी चाहिए।
  • जहां मैनुअल सुधार अपरिहार्य हैं, वहां सही की गई राशि, प्रभावित शीर्ष, और वाउचर नंबर इंगित करते हुए ,ऊपर - खातों के साथ-साथ मुख्य खातों में भी एक विवरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
  • रिकंसिलिएशन स्टेटमेंट पर मैनुअल सुधार नहीं किया जाना चाहिए।
  • दत्तमत्त व्यय के तहत बुक किए जा रहे प्रभातित व्यय को टाला जाना चाहिए।
  • खातों के शीर्ष को बिना बजट प्रावधान के डीटीओ द्वारा संचालित नहीं किया जाना चाहिए।
  • एलओपी में दर्शाई गई राशियाँ/ नकद खाते उप-खाता के आंकड़े से मेल खाने चाहिए।