31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए राजस्व सेक्टर पर भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन
इस प्रतिवेदन में ₹ 613.67 करोड़ के राजस्व अर्थापत्ति सहित करों, ब्याज, वस्तु एवं सेवा कर के रिफंडों, ट्रांजिशनल क्रेडिट, पेनल्टी के अनुद्ग्रहण/कम उद्ग्रहण, उत्पाद शुल्क के आंतरिक नियंत्रण तथा स्टाम्प शुल्क इत्यादि के अनुद्ग्रहण/कम उद्ग्रहण से संबंधित तीन विषय विशिष्ट अनुपालन लेखापरीक्षाओं सहित 17 दृष्टांतदर्शक लेखापरीक्षा अनुच्छेद शामिल हैं।
वर्ष 2019-20 के दौरान ₹ 67,858.13 करोड़ की तुलना में वर्ष 2020-21 के लिए राज्य सरकार की कुल राजस्व प्राप्तियां ₹ 67,561.01 करोड़ थी। बिक्री कर/मूल्य वर्धित कर, राज्य उत्पाद शुल्क तथा स्टाम्प शुल्क एवं पंजीकरण फीस के 83 यूनिटों के अभिलेखों की वर्ष 2020-21 के दौरान की गई नमूना-जांच ने 1,359 मामलों में कुल ₹ 734.50 करोड़ के राजस्व के अवनिर्धारण/कम उद्ग्रहण/हानि दर्शाई।
मूल्य वर्धित कर/बिक्री कर के कर प्रबंधन से संबंधित लेखापरीक्षा परिणामों ने ₹ 476.70 करोड़ से आवेष्टित अवनिर्धारण, वस्तु एवं सेवा कर के रिफंड, ट्रांजिशनल क्रेडिट एवं अन्य कमियां दर्शाईं।
उत्पाद शुल्क के अंतर्गत प्रबंधन की लेखापरीक्षा तथा ₹ 123.32 करोड़ से आवेष्टित लाईसैंस फीस एवं ब्याज की अवसूली/कम वसूली, उत्पाद शुल्क के आंतरिक नियंत्रण तथा अन्य अनियमितताओं से संबंधित अनुपालन लेखापरीक्षा परिणाम सम्मिलित हैं।
स्टाम्प शुल्क एवं पंजीकरण फीस के अंतर्गत कर प्रबंधन की लेखापरीक्षा तथा इसमें ₹12.12 करोड़ से आवेष्टित स्टाम्प शुल्क एवं पंजीकरण फीस की अवसूली/कम वसूली एवं अन्य अनियमितताओं से संबंधित अनुपालन लेखापरीक्षा परिणाम सम्मिलित हैं।