इस प्रतिवेदन में अधिक, अनियमित, निष्फल व्यय, परिहार्य भुगतान, राज्य सरकार को हानियों, नियमों एवं कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में कमियों इत्यादि से संबंधित ₹1,125.46 करोड़ के वित्तीय प्रभाव वाले 19 अनुच्छेद सम्मिलित हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अतिरिक्त राज्य सरकार के विभागों के प्रबंधन से संबंधित
₹ 69.08 करोड़ के धन मूल्य वाले अनुपालन लेखापरीक्षा अनुच्छेदों में कम ब्याज प्रभारों के विलंबित दावे के कारण राज्य के राजकोष को हानि, निगरानी पर अनियमित व्यय, सरकारी निधियों की पार्किंग, पट्टा धन की अवसूली के कारण हानि, ठेकेदार से क्षतिपूर्ति की अवसूली के मामलों में कमियां शामिल हैं। अस्वीकृत चेकों के विरूद्ध नियोक्ताओं से वसूली योग्य राशि, पेशेवर सेवा प्रदाता को अधिक भुगतान, भूमि की खरीद पर अतिरिक्त व्यय और अक्रियाशील जल कार्यों पर व्यर्थ व्यय देखा गया।
विद्युत क्षेत्र तथा विद्युत क्षेत्र के अतिरिक्त राज्य सरकार की अन्य कंपनियों के प्रबंधन से संबंधित ₹1,056.38 करोड़ के धन मूल्य वाले दृष्टांत थे जिनमें हरियाणा में बिजली की खरीद में कमियां, म्हारा गांव जगमग गांव योजना के कार्यान्वयन में देरी, हरियाणा विद्युत क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा अंतरीय टैरिफ की अवसूली शामिल हैं। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के परिकल्पित लाभों की प्राप्ति न होना, विस्तारण फीस का अनुद्ग्रहण, धान की हेराफेरी, समय पर वैट जमा न करने के कारण ब्याज/पेनल्टी, गेहूं के स्टॉक का नुकसान, धान/कस्टम मिल्ड राइस की हेराफेरी और विद्युत क्षेत्र के उपक्रमों के अतिरिक्त अन्य कंपनियों/निगमों द्वारा खराब वित्तीय प्रबंधन को भी देखा गया।