कार्यालय का इतिहास    

 

1.1   राज्य सरकार के पदाधिकारियों के व्यक्तिगत दावों का तीव्र निस्तारण सुनिश्चित करने के क्रम में बिहार कार्यालय को  फरवरी 1973 में दो विशिष्ट कार्यालयों में विभक्त किया गया यथाः

  1. महालेखाकार-I, बिहार, मुख्यालय, राँची और
  2. महालेखाकार-II, बिहार, मुख्यालय पटना

अस्तित्त्वमान उप महालेखाकार (परियोजना) के कार्यालय को भी महालेखाकार (II), बिहार, पटना के अधीन निर्धारित किया गया ।

 

1.2   भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के पुर्नसंरचना के साथ, लेखापरीक्षक से संबंधित कार्यों को लेखा एवं हकदारी से पृथक कर दिया गया और चार पृथक कार्यालय मार्च, 1984 यथास्वरूप कार्य करने लगेः-

  1. महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-I, बिहार, पटना
  2. महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-II, बिहार, राँची
  3. महालेखाकार(लेखा एवं हकदारी)-I, बिहार, राँची
  4. महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी)-II, बिहार, पटना

 

1.3    15 नवंबर, 2000 को बिहार राज्य को दो भागों में विभाजित किया गया और झारखण्ड राज्य बना जिसकी राजधानी राँची है । परिणामस्वरूप  कार्यालयों का दोबारा नामाकरण हुआ- प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी)- I, बिहार एवं झारखण्ड राँची, महालेखाकार (लेखापरीक्षा)- I, बिहार एवं झारखण्ड, पटना, महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी)- II, बिहार एवं झारखण्ड, पटना और महालेखाकार (लेखापरीक्षा)- II, बिहार एवं   झारखण्ड, राँची ।

 

1.4   22 जुलाई 2002 को कार्यालय को पुनः बदला गया और यह महालेखाकार (लेखापरीक्षा) बिहार, पटना, का कार्यालय बन गया । महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-1, बिहार, पटना के पद को 22 जुलाई, 2003 को प्रधान महालेखाकार के स्तर पर उत्क्रमित कर दिया गया । तत्पश्चात् जुलाई 2003 में महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-1 के कार्यालय का पुनः नामकरण प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा) बिहार, पटना किया गया ।

विभाजन के बाद बिहार राज्य की स्थितिः-

 

बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के आलोक में 15.11.2000 को एक नया राज्य झारखण्ड अस्तित्व में  आया जिसकी राजधानी राँची है ।

 

इस विभाजन से महालेखाकार कार्यालयों का भी विभाजन हुआ जो पूर्ववर्ती बिहार में स्थित थे । 15.11.2000 के प्रभाव से प्रधान महालेखाकार/महालेखाकार, बिहार के कार्यालय का नामकरण प्रधान महालेखाकार/ महालेखाकार बिहार एवं झारखण्ड किया गया, जो आगे चलकर महालेखाकार बिहार एवं महालेखाकार झारखण्ड के कार्यालय के रूप में 01.04.2003 को पुनर्नामित हुआ ।

 

 महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-1 बिहार एवं झारखण्ड का महालेखाकार (लेखापरीक्षा) बिहार, पटना के रूप में नामकरण होते ही पटना एवं राँची में स्थित महालेखाकार (लेखापरीक्षा) के कार्यालयों के मध्य 22 जुलाई 2002 के प्रभाव से ही कार्यों का पुनः आबंटन कर दिया गया । कर्मियों का पुनर्आबंटन दोनों लेखापरीक्षा कार्यालयों के बीच 17 जुलाई 2003 के प्रभा से किया गया और स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग के मामले में 1 अक्टूबर, 2003 से इसे क्रियान्वित किया गया । बिहार एवं झारखण्ड में लेखापरीक्षा कार्यालयों के पुनर्गठन से पूर्व लेखापरीक्षा प्रतिवेदन (सिविल) एवं लेखापरीक्षा प्रतिवेदन ( वाणिज्यिक) तैयार करने की जिम्मेदारी महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-1 बिहार, पटना की थी तथा राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिवेदन तैयार करने की जिम्मेदारी महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-2 बिहार,  राँची की थी । फिर भी 2001-2002 से इन तीनों प्रतिवेदनों को तैयार करने की जिम्मेदारी महालेखाकार (लेखापरीक्षा) बिहार, पटना को बिहार के संदर्भ में तथा महालेखाकार (लेखापरीक्षा) 
झारखण्ड, राँची को झारखण्ड के संदर्भ में सौंपी गयी ।

 

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