अभिदान की राशि अभिदाता द्वारा स्वयं ही निर्धारित की जाती है किन्तु उक्त धनराशि मूल वेतन के 10 प्रतिशत से कम एवं मूल वेतनमान से अधिक नही हो सकती है।न्यूनतम अभिदान पिछले वित्तीय वर्ष की 31 मार्च को प्राप्त मूल वेतन के आधार पर निर्धारित किया जाता है। अभिदान वित्तीय वर्ष में दो बार घटाया या बढ़ाया जा सकता है।