रेलवे के लेखों के लेखापरीक्षा के लिए महानिदेशक लेखापरीक्षा के अधिकारों एवं जिम्मेदारियां रेलवे लेखापरीक्षा मैनुवल में निहित प्रावधानों से तथा समय समय पर भारत के नियंत्रक एवं महा लेखापरीक्षक व भारत के अवर उपनियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (रेलवे) से प्राप्त है । 

  महानिदेशक लेखापरीक्षा को विभागाध्यक्ष के रूप में सभी शक्तियों के प्रयोग करने के लिए अधिकृत किया गया है ।

 

ऑडिट के महानिदेशक को "विभागाध्यक्ष" के रूप में वित्तीय नियमावली व सेवा नियमावली, एवं सामान्य वित्तीय नियमावली के अधीन सभी शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अधिकृत किया गया है

(सीएजी के पत्र सं 1383)-प्रशा II/सी-7-एजि, लेप,जी प्रशा/55 दिनांक 22.09.55)

महानिदेशक लेखापरिक्षा द्वारा जिन शक्तियों का प्रयोग किया जाता है, वे सीएजई एमएसओ (प्रशा) जिलद II में उपलब्ध है ।  विभागाध्यक्ष द्वारा प्रयुक्त की जाने वाली शक्तियां “वित्तीय अधिकार नियमावली के प्रत्यायोजन, 1958” में दिया गया है, जो समय समय पर भारत के नियंत्रक महालेखापरिक्षा द्वारा अधिसूचित किया गया है ।

महानिदेशक लेखापरीक्षा, रेलवे के महाप्रबंधक और अन्य प्रधान अधिकारियों के साथ उनका व्यक्तिगत संपर्क हों तथा यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी स्थानीय अधिकारियों के पास उनकी पहुंच हो और वे अधिकारी भी उनके संपर्क में रहें । वे आगे यह सुनिश्चित करेंगे कि,  हालांकि विस्तृत लेखापरीक्षा महानिदेशक के पर्यवेक्षण मे निदेशक लेखापरीक्षा/उपनिदेशक लेखापरीक्षा या वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी/लेखापरीक्षा अधिकारियों द्वारा सीधे निगरानी में किया जाता  है, लेकिन उनके ही सामान्य निरीक्षण मे होगा क्योंकि लेखापरीक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उन पर होती है ।

रेलवे लेखापरीक्षा कार्यालयों में लेखापरीक्षा विस्तारण (रेलवे लेखापरीक्षा) अनुदेशों के ज्ञापन में निर्धारित की गई है । पैरा3, अध्याय I में विस्तुत परिस्थितियों को छोड्कर, निर्धारित विस्तार को सामान्यत: विचलित नही किया जाना चाहिए

महानिदेशक लेखापरीक्षा के कर्तव्यों के निष्पादन में आइएएएस अधिकारी (निदेशक/ उपनिदेशक लेखापरीक्षा) और कई लेखापरिक्षा अधिकारी सहायता करेंगें । जब आइएएएस अधिकारी उपलब्ध नही होंगे, भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के अनुमोदन से उस पद को लेखापरीक्षा अधिकारी द्वारा भरा जाएगा । प्रशासनिक सुविधानुसार समय समय पर प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा राजपत्रित अधिकारियों में कर्तव्यों का विरतण करेंगें ।   मार्च 1 को अधिकारियों के बीच प्रभार के वितरण को दर्शाने वाला रिटर्न भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक को हर साल मार्च 31 तक भेजा जाना है ।  

जीएफआर के अधीन निदेशक/उपनिदेशक को ‘कार्यालय प्रमुख’ के रूप में घोषणा की गई है । कार्यालय का प्रशासन और रूटीन कार्य उपनिदेशक लेखापरीक्षा द्वारा नियंत्रण किया जाता है । मुख्यालय चेन्नै स्थित केंद्रीय (समन्वय को छोड) और निरीक्षण अनुभाग उपनिदेशक लेखापरीक्षा के अधीन है ।

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