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ऑडिट रिपोर्ट

वित्तीय
Uttar Pradesh

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का राज्य सरकार के वित्त पर लेखापरीक्षा प्रतिवेदन - 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वर्ष के लिए (वर्ष 2023 की रिपोर्ट संख्या 03)

दिनांक जिस पर रिपोर्ट की गई है:
Tue 08 Aug, 2023
सरकार के प्रकार
राज्य
क्षेत्र वित्त

अवलोकन

उत्तर प्रदेश सरकार की राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट का उद्देश्य वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य के वित्तीय प्रदर्शन का आकलन करना और वित्तीय आंकड़ों के लेखा परीक्षा विश्लेषण के आधार पर राज्य विधानमंडल को इनपुट प्रदान करना है। इस विश्लेषण को उचित परिपे्रक्ष्य में रखने के लिए समय-समय पर यथासंशोधित उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2004, चौदहवें एवं पंद्रहवें वित्त आयोग की रिपोर्टों तथा वर्ष 2021-22 के बजट अनुमानों द्वारा परिकल्पित लक्ष्यों की व्यापक तुलना करने का प्रयास किया गया है। रिपोर्ट को पांच अध्यायों में संरचित किया गया है:

अध्याय I प्रतिवेदन के आधार एवं दृष्टिकोण तथा अन्तर्निहित आँकड़ों का वर्णन करता है एवं शासकीय लेखे की संरचना, बजटीय प्रक्रियाओं, प्रमुख सूचकांकों के सूक्ष्म राजकोषीय विश्लेषण एवं घाटे/अधिशेष सहित राज्य की राजकोषीय स्थिति का विहंगावलोकन प्रस्तुत करता है।

अध्याय II राज्य के वित्त का व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करता है तथा विगत वर्ष की तुलना में प्रमुख राजकोषीय समुच्चयों में महत्वपूर्ण परिवर्तनों, 2017-18 से 2021-22 की अवधि के दौरान समग्र प्रवृत्तियों, राज्य के ऋण की वस्तुस्थिति एवं राज्य के वित्त लेखे पर आधारित लोक लेखे के प्रमुख संव्यवहारों का विश्लेषण करता है।

अध्याय III राज्य के विनियोग लेखे पर आधारित है एवं राज्य सरकार के विनियोग एवं आवंटन प्राथमिकताओं की समीक्षा करता है तथा बजटीय प्रबंधन से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों से विचलन पर विवरण प्रस्तुत करता है।

अध्याय IV राज्य सरकार के विभिन्न प्राधिकारियों द्वारा प्रस्तुत लेखाओं की गुणवत्ता एवं निर्धारित वित्तीय नियमों, प्रक्रियाओं एवं निर्देशों के अनुपालन किए जाने की स्थिति पर व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।

अध्याय V राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू)   में निवेश, पीएसयू को बजटीय सहायता, पीएसयू/अकार्यरत पीएसयू के लेखाओं के प्रस्तुतीकरण एवं पीएसयू के निवल मूल्य के क्षरण पर चर्चा करता है।

विभिन्न विभागों के निष्पादन लेखापरीक्षा एवं संव्यवहारों की लेखापरीक्षा के निष्कर्षों एवं सांविधिक निगमों, बोर्डों एवं सरकारी कम्पनियों की लेखापरीक्षा से उत्पन्न आपत्तियों पर प्रतिवेदन तथा राजस्व प्राप्तियों के लेखापरीक्षा आपत्तियों से युक्त प्रतिवेदन अलग से प्रस्तुत किये जाते हैं।

यह प्रतिवेदन संविधान के अनुच्छेद 151 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को प्रस्तुत किए जाने हेतु तैयार किया गया है।

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