लेखापरीक्षा प्रबंधन समूह III में निम्नलिखित अनुभाग हैं: -

  1. सीएस (नियंत्रण विभाग) - यह अनुभाग लेखापरीक्षा प्रबंधन समूह- III विंग के प्रशासनिक कार्य करता है I
  2. वीएस-I (पुनरीक्षण अनुभाग-I) - यह अनुभाग सीएजी के डीपीसी अधिनियम 1971 की धारा 16 के तहत वाणिज्यिक कर विभाग के एलएआर के वेटिंग का कार्य करता है I
  3. वीएस-II (पुनरीक्षण अनुभाग-II) – यह अनुभाग निम्नलिखित विभागों के एलएआर के वेटिंग का कार्य करता है:-
  1. स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग
  2. राज्य आबकारी विभाग तथा
  3. श्रम एवं संबंधित विभाग

 

  1. वीएस-III (पुनरीक्षण अनुभाग-III) - यह खंड सीएजी के डीपीसी अधिनियम 1971 की धारा 13,14,15 और 19 (1) (2) के तहत शिक्षा एवं वित्त क्षेत्र के एलएआर की वेटिंग का कार्य करता है I

शिक्षा क्षेत्र

  • प्राथमिक एवं माध्यमिक
  • डीएसईआरटी (शिक्षक शिक्षा)
  • उच्चतर (महाविद्यालय एवं तकनीकी)
  • संस्कृत
  • भाषा एवं पुस्तकालय
  • अनुवाद
  • युवा सशक्तिकरण एवं खेल-कूद
  • लोक सेवा आयोग(केपीएससी)

 

  • वित्त क्षेत्र
  • वित्त
  • लघु बचत, पेंशन और परिसंपत-देयता निगरानी निदेशालय
  • कोषागार निदेशालय
  • पेंशन लेखापरीक्षा (सीपीपीसी)
  • राजकोषीय नीति संस्थान
  • अर्थशास्त्र, सांख्यिकी और योजना विभाग
  • स्थानीय लेखा परीक्षा विभाग (कर्नाटक राज्य लेखा और लेखा परीक्षा विभाग)
  • राज्य बीमा (केजीआईडी)
  1. रिपोर्ट्स-I (राज्य वित्त रिपोर्ट)
  • यह अनुभाग प्रधान महालेखाकार(लेखा व हकदारी) द्वारा तैयार किये जाने वाले राज्य सरकार के वित्त एवं विनियोजन लेखाओं को प्रमाणित करने का कार्य करता है I
  • राज्य वित्त लेखापरीक्षा रिपोर्ट को लेखाओं के प्रमाणन के पूरा होने पर तैयार किया जाता है।
  • नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के अनुमोदन के बाद राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट राज्य विधानमंडल को प्रस्तुत की जाती है।
  • राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट पर लोक लेखा समिति के साथ जुड़े मामलों का कार्य भी इस अनुभाग द्वारा किया जाता है I
  1. रिपोर्ट्स- IV(राजस्व रिपोर्ट)
  • यह अनुभाग निष्पादन लेखापरीक्षा, अनुपालन लेखापरीक्षा एवं कर्नाटक सरकार के कर राजस्व पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में शामिल किए जाने के लिए विशेष ड्राफ्ट पैराग्राफ के प्रारूपण और उसकी अंतिम रूप देने का कार्य करता है I
  • यह अनुभाग भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की मंजूरी के बाद इन रिपोर्टों के मुद्रण तथा आगामी सत्रों में राज्य विधानमंडल के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कार्य करता है I
  • इसके अलावा यह अनुभाग पैराग्राफों पर चर्चा के दौरान लोक लेखा समिति की सहायता सहायता करता है।
  1. डेटा एनालिटिक्स अनुभाग  – नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा जारी डेटा एनालिटिक्स मार्गनिर्देश, 2017 के अनुरूप गठित किया गया । समूह की मुख्य गतिविधियाँ निम्नलिखित है :
  • डेटा स्रोतों के सूचीपत्र  तैयार करने के लिए, डेटा डंप प्राप्त करना, डेटा आयात करना, डेटा को साफ़ करना, डेटा संरचनाओं को समझना, लेखापरीक्षा योजना और कार्यान्वयन हेतु   अंतर्दृष्टि उत्पन्न करने के लिए विश्लेषण, सहसंबंध और विज़ुअलाइज़ेशन के लिए सार्वजनिक डोमेन डेटासेट सहित असमान डेटा स्रोतों को एक साथ लाने के लिए विज़ुअलाइज़ेशन तैयार करना ।
  • अन्य कार्यालयों/योजनाओं/परियोजनाओं में हो रही तकनीकी चर्चाओं में हमारे कार्यालय का प्रतिनिधित्व करना, जहाँ भी आवश्यक हो आईटी लेखापरीक्षा संबंधित कार्यों में भाग लेनाI
  • अनुरोध पर डेटा डैशबोर्ड और विज़ुअलाइज़ेशन बनाने में फ़ील्ड ऑडिट टीमों की सहायता करना I
  • प्रोजेक्ट डीआईए का रख-रखाव करना I
  1. फिनेट अनुभाग - वार्षिक वित्तीय लेखें महालेखाकार (लेखा व हकदारी) कार्यालय द्वारा तैयार किए जाते हैं। फ़िनैट अनुभाग मासिक सिविल लेखाओं का हिस्सा बनने वाली लेन-देन की लेखापरीक्षा तथा मासिक व्यय लेखाओं की रिपोर्ट तैयार करने का कार्य करता है I यह इस बात का आश्वासन प्रदान करता है कि लेखें त्रुटियों और गलत विवरणों से मुक्त हैं और आश्वासन देता है कि राज्य सरकार के लेखों में एक सच्ची और निष्पक्ष तस्वीर है। फिनेट अनुभाग स्वतंत्र नमूना जांच के माध्यम से महालेखाकार (लेखा व हकदारी) कार्यालय के  वीएलसी द्वारा दिए गए आंतरिक नियंत्रण आश्वासन को भी मान्य करता है ।

      9. वित्तीय लेखापरीक्षा विंग (एफएडबल्यू):

  • 2015 में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा राज्य सरकारों के लेखापरीक्षा के लिए जारी वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्रीय लेखापरीक्षा अनुभाग को वित्तीय लेखा परीक्षा विंग ’(FAW) के रूप में पुननामकरण किया गया है।
  • एफएडबल्यू वित्तीय लेनदेन का औचित्य और नियमितता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के लेखाओं की वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा में योगदान करने के लिए जिम्मेदार है।
  • स्वीकृतियों और वाउचरों की लेखापरीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है ।
  • वित्त लेखा और विनियोग लेखाओं की सटीकता और विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाली कमियों की पहचान करने के उद्देश्य से संस्वीकृति लेखापरीक्षा आयोजित करता है ।
  • मासिक लेखाओं के साथ संलग्न वाउचर, सार आकस्मिक बिल आदि की डेस्क लेखापरीक्षा के माध्यम से वित्तीय लेनदेन और वित्तीय प्रणालियों को आश्वासन प्रदान करता है।
Back to Top