भारतीय लेखा परीक्षा व लेखा विभाग के संयुक्त लेखा परीक्षा व लेखा कार्यालयों के पुनर्गठन के परिणामस्वरुप कार्यालय प्र॰ महालेखाकार (लेखा व हक) अपने वर्तमान स्वरूप में मार्च 1984 में अस्तित्व में आया।

कार्यालय की अध्यक्षता प्र॰ महालेखाकार (लेखा व हक) द्वारा की जाती है, जिसे दो समूह अधिकारियों, एक कल्याण अधिकारी, 24 शाखा अधिकारियों एवं अन्य स्टाफ द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। दो समूह अधिकारियों, प्रशासन एवं लेखे के अधीन कार्यालय दो विभिन्न कार्यात्मक शाखाओं में संगठित है। हकदारी के कार्य जैसे राज्य सरकार के कर्मचारियों की पेन्शन एवं सामान्य निधि, राज्य सरकार को स्थानान्तरित कर दी गई है।  यह कार्य क्रमश: पेन्शन के निदेशक एवं राज्य बीमा व भविष्य निधि के निदेशक द्वारा सम्भाला जा रहा है। इस प्रकार राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के मामलों के अतिरिक्त इस कार्यालय के पास कोई हकदारी कार्य नहीं है। वाउचर लेवल कम्प्यूटरीकरण कार्य एवं अवशिष्ट हकदारी कार्य लेखाप्रभारी समूह अधिकारी द्वारा संभाला जा रहा है।