कार्य एवं शक्तियां

डीपीसी धारा 1971

यह कार्यालय भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की धारा 14, और 19 (डीपीसी) अधिनियम 1971 के तहत लेखापरीक्षा करता है

प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा (इस्पात), रांची 24 सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लेखापरीक्षा के लिए उत्तरदायी हैं, जिनका लेखापरीक्षण प्रमुख लेखापरीक्षक द्वारा किया जाता हैं, 19 इकाइयों को उप-लेखापरीक्षक के रूप में, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत 4 इकाइयों का एवं शेष 11 इकाइयों का अनुदान आधारित लेखापरीक्षा। यह कार्यालय इस्पात (स्टील) के क्षेत्र के अधीन आने वाली कंपनियों के मिश्रण जैसे हेवी इंजीनियरिंग, (उर्जा) पावर, रेफ्रेक्ट्रीज, इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी, खनन आदि क्षेत्रों का लेखापरीक्षा करता है। कुछ प्रमुख कंपनियों जिनके लिए कार्यालय, प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा (इस्पात), रांची प्रमुख लेखापरीक्षक हैं, जो निम्नवत है “स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल)”, “हेवी इंजीनियरिंग निगम लिमिटेड (एचइसी)”, “मेकॉन लिमिटेड”, “एनटीपीसी-सेल पावर कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल)”, “बोकारो उर्जा आपूर्ति कंपनी (पी) लिमिटेड (बीपीएससीएल)”, “नबीनगर पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (एनपीजीसीएल)”, “काँटी  बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड और भारतीय रेल बिज़ली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल)”।  

लेखापीक्षा का कार्यक्षेत्र

  • वित्तीय/प्रमाणन लेखापरीक्षा : जिसमें वित्त खातों का लेखा-जोखा स्वायत्त निकायों के खातों का प्रमाणन शामिल हैं।
  • निष्पादन लेखापरीक्षा/ विषयक समीक्षा
  • आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) लेखापरीक्षा
  • अनुपालन लेखापरीक्षा

लेखापरीक्षा प्रतिवेदन

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा प्रतिवेदन (वाणिज्यिक) संसद को प्रस्तुत की जाती है और इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक्सेस किया जा सकता है।

 

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