संगठनात्मक चार्ट
संगठन
- अधिदेश कार्य
- कार्य संगठन चार्ट
- एसएस व पीआईपी
लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार
अधिदेश कार्य: भा.ले.प. एवं ले.वि. में लेखापरीक्षा व्यवस्थाओं की पुनर्गठन योजना के अनुसार जैसा नियत किया गया था कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों में स्थित सभी केंद्रीय सरकार की इकाईयों (स्वायत्त निकायों सहित) में सभी प्राप्तियों और व्यय की लेखापरीक्षा हेतु महानिदेशक लेखापरीक्षा (केंद्रीय प्राप्ति), दिल्ली कार्यालय के नए शाखा कार्यालय का ग्वालियर में आरंभ किए जाने का निर्णय लिया गया।
प्रशासन: कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा (केन्द्रीय प्राप्ति), नई दिल्ली, ग्वालियर शाखा कार्यालय का संवर्ग नियंत्रण कार्यालय महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखापरीक्षा), मध्य प्रदेश, ग्वालियर के पास है। यद्यपि, शाखा कार्यालय के कर्मचारियों का प्रशासनिक और तकनीकी नियंत्रण उपनिदेशक (केंद्रीय) द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। इस शाखा कार्यालय के प्रशासन स्कन्ध के अतिरिक्त निम्नलिखित अनुभाग हैं: (i) सामान्य स्थापना (जीई): कर्मचारियों की तैनाती और स्थानांतरण, इस शाखा कार्यालय में तैनात कर्मचारियों के पेंशन मामलों को अंतिम रूप देना, कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं और छुट्टी के खातों का व्यवस्थापन, वेतन निर्धारण, प्रशिक्षण तथा स्थापना से संबंधित अन्य मामले। (ii) सामान्य सेवा (जीडी): डाक की प्राप्ति एवं प्रेषण, पुराने अभिलेखों के निपटान का व्यवस्थापन, कार्यालय व्यवस्थापन और रखरखाव कार्य, पुस्तकों और लेखन-सामग्री, उपभोज्य सामग्री और कार्यालय उपकरणों की खरीद और उनका रखरखाव, टेलीफोन और समाचार पत्र प्रतिपूर्ति दावों का प्रसंस्करण, पुस्तकालय, भंडार, मुद्रण, ईडीपी कार्य, गर्म और ठंडे मौसम के लिए व्यवस्थापन आदि और अन्य विविध कार्य। (iii) दावे: टीए, एलटीसी, मेडिकल, छुट्टी नकदीकरण और सीईए आदि जैसे सभी व्यक्तिगत दावों को पारित करने से संबंधित कार्य और आहरण, बजट (आरई और बीई) नियंत्रण और आरओई की तैयारी और उसके समाधान, वेतन बिलों और बकाया बिल की तैयारी और आहरण के लिए प्रस्तुत करना, पेंशन लाभ से संबंधित सभी भुगतानों का निपटान, आयकर कटौती से संबंधित कार्य, ऋणों और अग्रिमों की संस्वीकृति व आहरण, ऋण और अग्रिमों की तैयारी और नियंत्रण तथा अन्य संबंधित मामले। (iv) नियंत्रण संवर्ग (सीसी) और हिंदी प्रकोष्ठ: अनुशासनात्मक जांच, अनुशासनात्मक कार्रवाई और न्यायालय प्रकरणों के मामले, सीआर के व्यवस्थापन, सीसीएस (आचरण) नियमों आदि के अंतर्गत आवश्यक विभिन्न अनुमति, आरटीआई का निपटान, प्रतिनियुक्ति कार्य, केएफए/केआरए प्रतिवेदन और संवीक्षा कार्य, ‘राजभाषा हिंदी’ से संबंधित कार्य जैसे हिंदी सप्ताह का आयोजन, नगर राजभाषा समिति की बैठकें आदि और राजभाषा से संबंधित अन्य कार्य। (v) आंतरिक जांच लेखापरीक्षा (आईटीए): अनुभागों की आंतरिक जांच लेखापरीक्षा, आईटीए निरीक्षण प्रतिवेदन जारी करने, लंबित आईटीए निरीक्षण प्रतिवेदनों का अनुसरण, महत्वपूर्ण परिपत्रों/आदेशों आदि सहित छमाही विज्ञप्ति जारी करने और अन्य विविध कार्यों से संबंधित है।
लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार
कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा (केंद्रीय प्राप्ति) को आयकर, सीमा शुल्क और जीएसटी के संबंध में प्राप्तियों के साथ-साथ व्यय की लेखापरीक्षा का कार्य सौंपा गया है।
लेखापरीक्षा का दायरा
कार्यालय निष्पादन लेखापरीक्षा, अनुपालन लेखापरीक्षा और वित्तीय लेखापरीक्षा संचालन करता है। यह लेखापरीक्षा भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक द्वारा जारी लेखापरीक्षा मानकों के अनुरूप संचालित की जाती है।
दृष्टि
एसएआई इंडिया का दृष्टिकोण दर्शाता है कि हमारी क्या बनने की आकांक्षा है: हम सार्वजनिक क्षेत्र की लेखापरीक्षा एवं लेखा में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के वैश्विक नेता तथा प्रवर्तक बनने का प्रयास कर रहे हैं और सार्वजनिक वित्त और शासन पर स्वतंत्र, विश्वसनीय, संतुलित और समयोचित प्रतिवेदन के लिए मान्यता प्राप्त हैं।
उद्येश्य
हमारा उद्येश्य हमारी वर्तमान भूमिका को प्रतिपादित करता है और यह बताता है कि हम आज क्या कर रहे हैं: भारत के संविधान द्वारा अनिवार्य, हम उच्च गुणवत्ता की लेखापरीक्षा और लेखांकन के माध्यम से जवाबदेही, पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देते हैं और अपने हितधारकों, विधायिका, कार्यपालिका और जनता को यह स्वतंत्र आश्वासन प्रदान करते हैं कि सार्वजनिक धन का उपयोग दक्षतापूर्वक और इच्छित उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
मूलभूत मूल्य
हमारे मूलभूत मूल्य जो सब कार्य हम करते हैं के लिए मार्गदर्शक प्रकाशस्तंभ हैं और हमें अपने प्रदर्शन, स्वतंत्रता, निष्पक्षता, अखंडता, विश्वसनीयता, व्यावसायिक उत्कृष्टता, पारदर्शिता, सकारात्मक दृष्टिकोण का आकलन करने के लिए मानदंड प्रदान करते हैं।
लेखापरीक्षा सलाहकार समिति
लेखापरीक्षा सलाहकार बोर्ड भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक के संविधान और सांविधिक अधिदेश के ढांचे के भीतर लेखापरीक्षा दृष्टिकोण और तकनीकों के बारे में सुझावों के साथ-साथ लेखापरीक्षा के क्षेत्र, दायरे और प्राथमिकता सहित लेखापरीक्षा से संबंधित मामलों पर सुझाव प्रदान करता है। लेखापरीक्षा सलाहकार समिति के सदस्य मानद क्षमता में कार्य करेंगे।