लेखापरीक्षा के कार्यक्षेत्र एवं सीमा के निर्धारण के लिए प्राधिकरण
सीएजी (डी.पी.सी) अधिनियम की धारा 23 के तहत, लेखा परीक्षा का कार्यक्षेत्र एवं सीमा, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा निर्धारित की जाएगी।
लेखापरीक्षा का कार्यक्षेत्र
1. लेखापरीक्षा अधिदेश के अंतर्गत, नियंत्रक-महालेखापरीक्षक अपने द्वारा या अपनी ओर से किए जाने वाले लेखापरीक्षा के कार्यक्षेत्र और सीमा को निर्धारित करने का एकमात्र प्राधिकारी है। लेखापरीक्षा के उद्देश्यों की उपलब्धियों को सुनिश्चित करने के सिवाय, ऐसा प्राधिकरण किसी भी विचार से सीमित नहीं है ।
2. अधिदेश का प्रयोग करते हुए, नियंत्रक-महालेखापरीक्षक लेखापरीक्षा करता है जिसे मोटे तौर पर वित्तीय लेखापरीक्षा, अनुपालन लेखापरीक्षा और निष्पादन लेखापरीक्षा के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जैसा कि क्रमशः अध्याय 5, 6 और 7 में स्पष्ट किया गया है।
3. लेखापरीक्षा के कार्यक्षेत्र में लेखापरीक्षा योग्य संस्थाओं में आंतरिक नियंत्रण का आकलन शामिल है। इस तरह के निर्धारणों को या तो एक लेखापरीक्षा के अभिन्न अंग के रूप में या एक अलग लेखापरीक्षा समनुदेशन के रूप में किया जा सकता है।
4. नियंत्रक-महालेखापरीक्षक, इसके अतिरिक्त, अधिदेश को पूरा करने और लेखापरीक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किसी लेनदेन, कार्यक्रम या संगठन की कोई अन्य लेखापरीक्षा करने का निर्णय ले सकता है।